पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२०८

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नहानदारशाह १८५ युद्ध करने के लिए यात्रा की। उन लोगों में सन्धि हो। जहानदार भाइका पहलेका नाम मौज-उद-दीन गई कि, आजिम उप शानको पराजित कर तीनों भाई था। इन्होंने सिंहासन पर बैठ कर अपनेको जहानदार बरावर राज्य बांट लेंगे। अमीर उन्न् उमराव जुलफिगाहके नामसे प्रमिद किया। ये सिंहासन पर बैठ कर करखा उन लोगोंको प्रधान परामर्शदाता और सेनापति पहले पहन्न राजगिर्योको हत्या करने लगे। प्राजिम थे। उन लोगों ने लाहोरमें गिविर स्थापन किया। उग्-गानके पुत्र सुलतान करीम उद-दीन, प्राजिमशानके भाजिम उग्-शान अत्यन्त वीर और माहसी थे। वे भी) पुत्र अन्नो तधर, कामवयस के दो पुत्र इत्यादि राजमि . भाताओंको रोकने के लिये प्रागे बढ़े। ५ दिन तक योको हत्या कर ये लाहोरमे दिनो पाये। बन्दूकों और तोपोंमे युद्ध हुआ । ८ वें दिन आजिम उग- महानदार शाहने अपने भाइयों को लागे दो दिन थानकी मेना विपक्षियोंमे पराजित हो गई । मोहकम- | तक युहक्षेत्रमें रखवाई, पि.र उनको दिशीम मंगा चन्द नामके एक क्षत्रिय राजा और राजमिह नामके एक | कर हुमायुनको मसजिदमें गड़वा दिया। जाटराजाने उश-गानकी तरफसे युद्ध करते करते अमा- ___जहानदारशाह अत्यन्त बिलामी, प्रान्तमरे, परिव- नुपौ वीरताके साथ अपने प्राण गँवा दिये। मन्ध्याके | याके | दीन, व्यसनी और दुर्वन थे। इनमें मम्राट होने की समय आजिमकी सेनाने लाहोरमें जाकर पायय लिया। योग्यता जरा भी न थी। ये एक वाराङ्गनाक पानाधोन ' दूसरे दिन सवेरा होते ही स्वय पोजिम-उश-शानने | भृत्यस्वरूप थे। उस स्त्रोका नाम था लालफुमारी। एक हाथी पर सवार हो कर शव भोंका सामना किया, जहानदार अपने कस व्यको भूल गये थे, इमेशा उस परन्त बहुतसी सेनाने उनका साथ छोड़ दिया। ऐमे । गपिका के साथ रहते थे। लालकुमारो धोरे धोरे रतनो ममयम राजा जयासहन पाकर उनका साथ दिया। क्षमताशालिनी हो गई कि, वादगाह तक उसके खेलने परन्तु इसी ममय एक बड़ी जोरको अधिी आई, जिसमे ! को कठपातलो बन गये। बादशाइने सालकुमारोको इनकी बहुत हानि हुई। युद्ध में तीन भाईयोंकी जय ! त हानि हुई। युद्धम तान भाइयाका जय इमतियाज महन्न वेगम' नाम दिया और उसके हाध. हुई। आजिम उI-भान पाहत हो कर हाथोके साथ के लिए वार्षिक २ करोड़ रुपये का इन्तजाम कर पानी में गिर गये, फिर उनका पता न पला । दिया। राजवंशोयके सिवा दूसरा कोई भी साथीक पूर्व सन्धिक नियमानुसार दक्षिण राज्यको तोन पर बादशा पाच न बैठ सकता या; किन्तु जहान. मागम विमा करने के लिए चर्चा होने लगो। इस पर दारने उस गपिकाको यह अधिकार भी दे दिया। जुम्लफिकरखाक कूटमन्त्र पावलसे जहानदार भाइ इन्होंने कोकल तासको प्रमोर-उल उमरायका पद की दवा कर बैठे। इसमे तोनों भाइयोंमें झगड़ा और माँ जानकी उपाधि प्रदान को। लालकुमारीक हो गया। | भाई गालको ७... प्रषारोही सेनाका अधिनायक __खोजस्ता अखतरने अपने को-जहानगाहको उपाधि पर उसके चाचा नियामतको ५००० समारोझो रोमा से विभूषित कर-राजा प्रमिह किया। अहान्दारयाइके का सेनापति बनाया गया भोर तो क्या, लालकुमारीको साथ युद्ध हुआ। अखतर परास्त और निहत हुए । रफी- प्रिय सखी जोराको भी एक जागीर दे दी गई। राज्यके उप-गान पर मक दामौन छ । तुलफिकरके माथ उनकी प्रधान प्रधान व्यक्ति वादशाहका अनुग्रह पाने के लिए मिवता यो। उन्होंने मोचा था कि, उनके दो भाइयों में | जोराको मामद किया करते थे। बादशाह प्रायः मभी युद्ध करके नो विजयी होगे, जुनफिकारको सहायतामे ममय लालकुमारोक साथ एक गाड़ी में बैठ कर धमा उनको परास्त कर वे सामान्य अधिकार करेंगे। परन्तु करते थे। एक दिन यादगाह पपनो महिनियों की .जब देखा कि, वे जहानदारशाहकी सहायता कर रहे माय शराब प्रादि पी कर इतने रोग हो गये कि ये हैं, तब उन्होंने प्रवल पराक्रममे उन लोगों पर पाक्रमण | रातको प्रामादम भी न लौट मक; उन्होंने जोराक "किया; किन्तु प्रम वे भी परास्त होकर निघत हुए। साय रात विता दो। इनको मर्म तो जरा भी न थी। Vol. VIl.17