पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२०९

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१८ महानदारशाह( नवान वख्त)-जहानाबाद ये इतने निज पोर भटवरिख हो गये कि, गरोब घर। नो पपीतको महानदारने धनारमने अपना मोर .. की यह बेटियों को उनके हाथमे छुटकारा मिलना छोड़ दिया । उनको यनारममें हो एक पछी महि । मुश्किल हो गया। मसान्तकुमारोको यादगारकी प्रगट- दमें गाड़ दिया गया। मनके ममय उनके समाना . यिनी होने का इतना गुमान था, कि एक दिन उमने | सभी मान्यगय थपिऔर ये रे मोटेट हो । औरणयको विदुपी कन्या जैव-उल-निगाका भी पप स्थित थे। ये मरते समय अपने भीन पुatो कोही मान कर दिया। देषीवमें छोड़ गये थे। ये लोग पप भो मो . ___जहानदारणा रामावशालमें जन्नफिफरखा हो। वंशगेको महायता पचास रहते । .. . सर्वे सर्वा घे उन्ही के इच्छानुमार शामनकार्य सम्पन ___ जहानदार एक मुपण्डित व्यक्ति थे । महान "बयामा होता था। मामायको इस गड़बड़ीके समय पाजिम. नायत मुर्शिदजादा" नाम का एक पहा फारमो जय मानके पुत्र करुणियर, पपद माग्वा और हुमेन | अन्य भी निग्या है। गि० टिमने यज्ञालकी (प. पम्नो नामके सैयद भाइयों की सहायता पटनाक समा- म्याकी) गमालोचना कर जो ग्रन्थ प्रकागित किया टके विरुद्ध तयारियां करने लगे तथा उन्होंने अपने उममें मि० स्काटका भी एक निरन्ध धा. या अहमदार नामक सिक भी चना दिये। ममाट ने पाज-उद- कम एक फारमो पुस्तक के कगका मनुषाद है। दीन, पोना पामना और वाटुरान अधीन एक अहानो बानो वेगम यादगार परक पुरा मुरादको दम्स मेना भेजी। युहमें सम्माट की मेगा हार गई। कन्या। जहांगीर के पुत्र गाहमादा परपीजके साय इस पर जुलफिकर पाको सेनापति बना कर ७००००, इनका विवाह हुपा था। परयोजके पौरमसे नो . परमारोही, बहुसंख्यक पदातिक मोर गोलन्दाज मैनिकी नदीया वेगम नामको एक कन्या हुई थी; निमफा को माधो कर बादशाह खुद पग्रसर हुए। १५२ विवाह गाहमहान्स ज्येष्ठ पुत्र दाग मिकोर के साथ ६. बोर खुद पुपा। किन्तु जयको पागा न देख । एपाया। बादशाह ना कुमारीक माय हाथी पर मवार हो कर महानगाह सुर्फ मान-करा मुमफ तुर्क मानके पुय पोर पागरा भाग गये। यहां जा कर इन्होंने दादीम | मिकन्दर तुर्कमान भाई । १४३०१० (८४१ हिरा) . मुशानी और ये हमशमे रहने लगा होगमे ये में सिकन्दरको मृत्य होम पर नहानगाइ पमोर मूर दिमी पर थे. यह जाकर पहिले पटल ये पुराने यनीर | के पुत्र गाडरुफ मिजी द्वारा पजर येशानफै मिहामन पामद उहीलाके घर गये। पामदने रहें कैद करके पर अभिपिता एए। १४४७ के याद अहानगाने फरुख-गियर के आप मौप दिया। पारमका बाहुन पंग पपने राज्य मिसा लिया था। १७१३ में फरप गियर मिहामन पर बैठे । कुछ / ये दयारयिकर तक पग्रमर हुए ; किन्तु १४५०१ ' . दिन याद मामरोध कर अहानदारको न्या की गई। १० नवम्बरको मतर यर्षको उममे सामनवेगर्क माय रहीन कुन ११ माम की राज्य कर पाया था। गुठमें मिदत हुए। नामदारभार (अयान वखत)-धादगार गार प्राममय | जहानमा - सुनसान . पलाउद्दीन धामनगोरीको ज्येष्ठ पुत्र । ये पपने पिता कार्याम साहो कर दिलीमे | एफ उपाधि। सपनस भाग पाये। मो ममय पामफ होला माजहानायाट-को भोर योगदानासाद देया। लिया कम्पनी कार्यनिर्यार के मिय मि.टि महानायाद-विहारके पतर्गत गया लिने का एक . की ११ए । महामदार मि. हटिम उपविभागारमका भूपरिमाणमर्गमान पोर मोर' HIT NARENऔर हमे लगे। हगि संध्या प्रायः ३८१८१०६ या पसा.२४५८ में । रोध नीरने रन लिए पार्षिक १८. पोर देगा.४.२०,८५११ में पति .. ५परालाम पर दिया। १८८८.! *। यो परवाल पोर मानावाट नाम दो मामा -