पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२११

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महकन्या-नाइस पुय । (भारत पनु. ४०) ३ कुरुक्षेत्रपति कुरुके पुर।, को उपनयनफिया होमो से, पर फिशकमान दोषा. ४ राजा गुमोको पुत्र ।ये अत्यन्त तपारायण राजर्षि छ। रण नहीं होता, अन्यान्य मन्त्र पद जात। इन भोगी । ये जिम ममय यन कर रहे थे, उम ममय भागीरथो वायविवाह, यहुविवाह और विधयामों का निवार ने प्रा फर इनके ममम्त याद्रश्यको वा दिया। इम/ प्रचलित है। इनमें म्यजातोय प्रेम बहुत ज्यादा पाया पर सरी भागीरथीको एक गण्ड पमें पान कर लिया। जाता है : किमो कठिन मामाजिक विषयको मोमामा राना भगीरथने जम को बहुत फुछ सुति को। जमने करनी हो, तो विनश्यशिगन एकाय हो का स्थानीय सुनको मुक्मेि मन्तुट होकर उमको कानमे निकाल ! मायाप पगिड़तों को सहायता ले कर उसकी मीमामा दिया। मन्तिए गङ्गाका नाम जाहवी पड़ गया । (.मा.कर लेते है। fo०) मतान्तरम-जाने उरुस्थलसे गडाको निकाला आपम-१ पयोध्या रायबरनो लिप्लानागत मनोमन या। मोलका एक परगना । दमका भूपरिमाण १५४१ वर्ग- अनुसान्या (म प्रो०) जड़ा कन्या, ६ सत् । गङ्गा । । मील है। इसके उमरमें मोहनगन परगगा, पूर्व प्रमैटी प्रदतनया ( म० स्त्री. ) नसोः तनया, तत् । गगा। | परगना, दक्षिणमें प्रसादपुर पौर प्रतेहा पागना पोर महमो (सं० समो०) अनी मनमो, ६-तत् । गङ्गा-सप्तमो परिममें रायबरेलो परगना है। यहांको जमोम उमेरा येगाड मामको रामा मनमो। वैशाखको एकमामी है, किन्तु कहीं कहीं विस्तार्ण सपरश्य भी दान में तियिमें जन्न, मुगिने गङ्गाको पी लिया था । तभीमे पाता है। निग्नभूमि प्रतिवर्ष बाद डूब जाया करतो या तिथि जनमतमोके नाम्मे प्रसिद है। इस दिन जोम परगने में पोस्त को रजेती पधिक होतो ममे गर्मि धान करता पोर ययाविधि पूजा करता है, वह कुल ११० ग्राम लगते हैं। पांच पकी सड़क परगर्न ममस्त पापोंमे विमुक हो कर अन्तम प्रक्षय स्वर्गसुख योच होकर गई है। भोगता है ।(कामाक्ष्यातन्य १५०) २मलोम सहमोन का एक प्रहर यह पता २५ जामता (मो .) नमोः सुता, ३.तम् । जाइयो। । १५ ५५“१० पोर देगा.८१२५ ५५०पू० रायरीनो शायन (म० को० ) हा-मनिन एपोदरादित्वात् मा. 1 मे सुनतानपुरके रास्ते पर नामिराबादमे ४ मोम पषिम उदक, जल, पानी । उदक देखो। सया मनोनमे १६ मोल दक्षिणपगिम नया नदी हिना आ ( 4 जी.) भायते मम्यधिनी या, नम.टाए।१। भम्पित है। पहले दम नगरका माम उभय मगर पा, माता, मा १२ देयरपली देवरकी स्लो देवरानो । (नि.) पोछि मेयद मामलर मसौदमे मे परिक्षार कर पत। ३ जायमान, उत्पय, माभूत ! माम नाम रखा। यह गहर एक उच्च भूमि पर मा ( फा० वि०) उचित, याशिम, मुमामिछ। पम्पित है. जो घारी पोर गहम्य पामकानन परिः आर-यमई प्रदेगई पनागत प्रहमदनगर जिनमें रहना येष्ठित है। लोकमग्या मायः ११८२५६, जिमगैरिन्दू पाले एक प्रकार पाहाण । महाठो मामा के गर्भ पोर १३४५, मुमतमान ५५५१ पौर जन २. गरम पम । माना पिताके पोरगमे रम जातिको उत्पति है, भारत मोरिन्दू दयालय नते है। मैमियों का यमाया . दोपमे इनको ममाजमे पतित मानणमि गिनती है। पार्चमायका मन्दिर, गुमनामानों को दो ममनिद भार पन्यागा मानणरममे हवा करते और मका दुपा एक सुन्दर मामबाड़ा। मामा के भो .. पापच मनपाप नहीं करते। रनको पोमा प्रायः टोवारमें पुगन पच्छ परे पंग पुए मराठी माधनी अमीबोगविर मिया ये ग्राना मगरम मुमनमाना बुने ए की सपा न्याय . गमी काम गलपि. भणिय, मुमोमो, मौकी फड़ों को रफानो हो। यो सामान्य मा. मिजासिये मयरम मोमोशी पोलिशारामान तयार होता। गारम गोव और ग्रेजी भाग नदी भो १०-१२ पोटमा वामका सिपान विद्यालय