पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२१२

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नाउरा-नागंना जाजरा-जारा देखा। | बांता (दि. पु.) जमीन में गड़ी हुई पाटा पीसनेकी जानी-मावली देखो। बड़ी पकी । २मपात या फोलाद लोहका बना जांग (हि. पु.) १ घोड़ोको एक भाति । २ उरु ।। हुचा एक बाजार । यह सुनारों और तारको पादिके आंघ देखें। काममें पाता है। उममे मोटा तार महीन बनाया जांगड़ा ( हि पु० ) बन्दी, भाट, रामामोंका यश जाता है। इसका दूसरा नाम जन्ती है। गानेवाला। जाँद (हि.पु.) एक प्रकारका पेड़। नागर (हि.पु.) १ शरीर, देह । २ हाथ पर। नाइण्ट (अं. पु०) १ गिरह, गांठ। २ वेद, जोड़। आगरा (हि.पु. ) भाट । जागा देगे। जाकड़ (हि.पु.) १ टूकानदारो यहां कोई माल इस जांगल ( फा० वि०) नङ्गाली, उजडड, गंवार । शत पर ले भावे कि यदि यह पसन्द न पाये तो लौटा जांगी (दि. पु. ) नगाड़ा। दिया जायगा। जांघ (हि. स्त्री०) 8रु, जना, घुटने और कमरके । माकड़वही (हिं स्त्री०) लाकड़ दिये हुए मानका नाम बीचका भङ्ग। शेर दाम प्रादि लिख लेनका खाता। जांधा (हि.पु.) १ इल। (पू० दि०) २ यह खा जाट ( स्त्री०) एक प्रकारका मग्रेजी पहनाया। जो कुए के उपर गडामा रहता है। ३ लोहे वा। यह पुर्ती या मदरीकी तरह होती है। लकड़ीका यह धुग जिसमें गड़ारी पिरोई हुई होती है। जाखर-यत्तमाम दरभङ्गा शिलेका एक परगना वाघ- जांघिया (हि. पु.) १ एक प्रकारका सिमा हुमा मती और कराई नामकी दो नदिया इसके बीच होकर कपड़ा। यह पायजामेको तरहका होता है और कमरमें | बहती हैं। यहाँका विचारकार्य दरभङ्गाको पदासतमें पहना जाता है। इस तरहका प्रायः पहलवान और होता है। दरमहासे ले कर पूसा, नागर, यम्ती पौर नट यादि पहनते हैं । २ एक प्रकारको कसरत। मेरा सककी सड़के रसी परगनमें ही कर गई। माधिल (हि.पु.) १ बल जिसका विहन्ता र जाखो-काठियावाड़का छोटा गण्य । चलने सच खाता हो।२ सम्बी गरदनवाली एक | जावी-बम्बई प्रान्त के कच्छ राजाका धन्दर । यह पक्षा. प्रकारको खाकी रंगकी चिड़िया । इसका मांस स्वादिष्ट २३ १४ १० भोर देशा० ४५ पू०में दक्षिण-परिम होने के कारण लोग मका शिकार करते है। ३ एक तट पर प्रयस्थित है। लोकसंख्या प्राय: ५०५६ है। प्रकारको छोटी चिड़िया जो लगभग एक बालित लम्बी। अनाजका रफ्तना बम्पका होती है। म्य निसपालिटी होती है। इसकी होती और पीठ फेद, नखे काल की प्रायः८०१) रु० वार्षिक पाय है। पाँच धीर शिर पोला, बरखाको चीर दुम गुलाबी रंग- जाग (हिं पु०) १ या मस। २ गह, घर ( सी.) की होती है। ३ जागरण, जागनेकी क्रिया। (पु.) एक प्रकार- लांच (हि.स्तो०) परीक्षा, तक्षन, परख, प्रम | का काला कबुतर । माश २ गवेषापा, खोज, तहकीकात । जागत (म पु०) जगतोच्छन्दोऽस्य पण । १ जगती- मांचना (हि.कि०)१ सत्यासत्य वा योग्यायोग्यका | चन्दयुक्त मन्त्रादि, जगती इन्दका मन्त। २ नगतो अनुसंधान करना, यह देगना कि कोई चोज ठीक है या क्वन्द। ३ सोममताभद। नहीं। २ मांगना। | लागतीफला (हि. सी.) जागठीओत देने।। जाट (हि..पु.) एक प्रकारका वृक्ष, होया नाका जागतीजोत (हि स्त्री) १ किमो देवता या देवीका पह। प्रतार चमत्कार । २ दीपक, चिराग गांत (Peo पु. ) जामा, बड़ी की जिसमें पाटा पीसा आगता (मं. वि०) पृयोमय यस पृथ्योये पैदा हुई चीन । माता है। जागना (•ि शि.) १ निद्रा लागना, मो कर समा! Vol. VIII. 48