पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२४२

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नाति-नातिकोष २१५ बुद्विशक्तिमें भी पार्थक्य हुअा करता है। माधारणतः ! भामे रिक, इंटेन्टट, निग्रो, पापूय पोर पलकोरा (पष्टे. ककेमीय लोगों का मस्तक प्रायः गोल, ललाटदेश मध्य- लोय ) इन छह येणियों में विभक्त है। पिकारिङ, माकार, कपोलकी अस्थियां छोटो, सामनेके दांत लम्बे ( Pickering ) ने मानवजानिक ग्यारह भेद किये है- इति हैं। मोगलीय लोगों का मस्तक आयताकार, | जत, मोङ्गन्नोय, मलय, भारतीय, नियो, रथि पोपीय, कपोलको अस्थियां निःसारित, नासिका छिद्र प्रशस्त, । इयमी, पापूय, निग्रितो, अष्ट्रेलीय पौर घटेन्टट् । पिन- .और नासिका चिपटो होती है। पवित्रोपोय जातिके | (Pischel) के मतसे मनुष्यों के सात भेद है, यया-(१) लोगों का मस्तक छोटा और पार्षदेश चपटा, ललाट कुछ अट्रेलीय पीर ताममनोय, (२) पाय, (३) मोङ्गालोय, .न्युज, कपोलको अस्थियो कई प्रसारित ओर नासारन्ध । (४) द्राविड़ोय (भारतवर्ष के पथिम प्रान्तमें रहनेवाले • विस्टत होते हैं। आमेरिको को गउन बहुत अंगों में | अनार्य गण सो वयमे उपद हुए है)। (५) ..मोगलीयों जैसी है, सिर्फ इनका जई देश गोलाकार | हटेनटट और घूममेन, (६) निग्रो पीर (0) भूमध्य- पौर पाई देश मोगलीयों को तरह उतना दबा हुपा | मागर-प्रदेगोय। यह भूमध्यमागर-प्रदगोय जाति हो नहीं है। मलय नातिके लोगों का तालुदेश क्षुद्र होता । धन्त मैनबक के मतमे केकमोय जाति है। है। मुख और मस्तकको अस्थियों की दोधताके कारण | जाति-मिन्ध और बम्बईक कराचो जिले का एक तानुक । ही फकेसोय लोगों में अन्यान्य जातियों को अपेक्षा । यह अक्षा. २३. ३५ मे २४. ३६ उ० घोर देशा. विद्या, बुद्धि धादिको उति अधिक है । इस ककसोय ६८.१ से १८४ पू में अवस्थित है। भूपरिमाण नातिकी भित्र भित्र शाखामों से उत्पन जाति विशेपम ! २१४५ वर्गमोन और जनसंख्या माय: ३१०५२ है। मस्तकको अस्थियोंके तारतम्य के अनुसार बुद्धियत्तिमें | इसमें ११७ ग्राम नगते है, शहर एक भी नहीं है। यह न्यूनाधिकता पाई जाती है। यरोपोय जाति-ममूहमें । को पाय एक लाख रुपयेको है। तालुकका उत्तर-पूर्व -मस्तकको अस्थियों का विशेष पम्य दृष्टिगोचर होता | चंग उपरा है । यहाँको प्रधान उपज धान, याग, तिल, जी और तेलहन है। ___ मानव जाति-विभागके विषय में योपोय पण्डितोम जातिकोय (को०) जातेः कोमिय। जातोफल, भी मतभेद पाया जाता है। लेनिज और लेमपिड । जायफल। ( Leibnitz and Lacepeda)ने मानवजातिको यो जातिकोगो (म मो०) जाति होती देगे। पोय, लाप लेण्डीय, मोन्लीय पौर निग्रो, इन चार जातिकोप (म लो०) जाति: कोपमित्र । जातोफन, योणियों में विभक्त किया है। लिनियम ( Linnreus) जायफन्त । इसके गुण-रम, सिल, सोश उण, रोमन, ने षण के मेदम खत, पोत, रक्त और सश, इन चार म. कटु, दीपन, मेमा पऔर वायुनायक, मुखको विर. योणियों में मनुष्य जातिको विभता किया है। कान्त मतका नायक, मलकारक, कमि, काम. पमि, नाम (Kant) मानवसमूहको खेतवर्ण, ताम्रवर्ण, हणु- और भोपनायक तथा स्वलकारक। वर्ष, और जलपाइफलफा वर्ण, इन चार वाम विभन्न करते हैं। वनमनत्रक (Blumenbach ) मनुष्णाति- दायित जाति के लोगों का मस्त चपटा, नामित के पांच भेद बतलाये -कमोय, मोइनोय, इथि- नीची और प्रस्त, मुखकोग हस, मोटापा स्थून, मखमंडल पोपोय, पामरिक और मनय। घाफून ( Bfron), प्रशस्त और मांसल होता है। इनका चेहरा कद और टेहोता मनुष्य जातिको उत्तर प्रदेगोय, सरपर प्रदेगोय, दक्षिण है। इनकी निम नित्र हाताओं को उता गभग : एगीय, कृष्णवर्णीय, यूरोपोय पोर पामरिक इन छह । इंचमे (१८३च तक होती है। गरीब पूल और भंग प्रयोग थपियो म विभक्त करते हैं। प्रिचाई का कहना है ४. होते है । परी वर्ग सामत धूवर्ग सगा पर प्रार: . मनुष्य जाति ईरान (कमोय ), तान ( मोडलीय }! पोर पद सक होता है। है।