पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२४३

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जातिक्षापी-जातिधर्म माविकोपो (मत्रो .) जातिकोपमा पमोति अच्.. दुई शान्त भावमे रमका अनुष्ठान करे । सविय करा : प्रमादियो ! १७ तात: डोप । जातिपत्रो कोई कार्य करें या न करें, पाचारनिठ की प्रजापालन जानिहा- प्रामामको एक नदी। यह उत्तर कशार उन्हें चकना न चाहिये। . . . . . (सान पाR) निम्न कर पशिम तया । टान पध्ययन. सामान. Hza mastram.. दान, पध्ययन, यसागुडान, मदुप य पानामा .. दमिनकी यहसो पराकमें जा मिलो है। दक्षिण धनगश्य याणिग्यादिपर पुत्र की सरह परामम यगर' सटके माय माय पासाम यगान रेलवे है। इसको पूरो। निता धर्म है। निवाइम मरा हो काम कामे नम्मा २६ मोम्स है। यद पधर्म में निम हो जाता है। भगवान ब्रह्माने जगतः आसियत मं.वि.) मो जातमे पलग कर दिया गया हो। की सटि करके प्राण तथा धषियको मनुश पोर यम मासिज (मो .) नातोफन, जायफन । को पशुको रक्षाका भार मौपाया । म पापानी - जातित्व (म० पु. ) जातीयता, जातिका भाव । उनको माननाभ होता है। पेय पद सया एक धेनु. माशिधर्म (म. पु.) मातोना धर्मः ६ तत्। ब्राह्मण का रतफ होनेमे दुध, मो धेनुका रक्षा होममे मंच . पादचारी वर्गाका धर्म । (गीता) मरमें एक गोमियन, टुमरेका धन ले कर कारबारमें महाभारत गान्तिपर्व में जातिधर्म का विषय नगान मे नम्य धन का ममम भाग पोर लपिकार्य करनेमे निखा है। युधिष्ठिरके भोममे जामिधर्म का विषय मात हिम्म एक हिम्सा वेतन रुप लेता है। पर: पालने पर उन्होंने बतलाया था-फ्रोध परित्याग, मत्य पालन प्रनाम्या उमको कभी भी दिखलाना न माहिये। . यायामयोग, उचित रूपमे धनविभाग, क्षमा, अपनी वैश्य के पशुपान्तमको रक्षामकोन हमारोप कर सकता है। पटोंमें पुखोत्पादन, पमित्रता, पहिमा, मरलता पीर भगवान् प्रजापतिने शूदको माया पादि यो यहा भत्यका भरणपोषण ये नव धारी वीके माधारण धर्म दाममा बनाया है। इसलिए तोनों पी को प्रभा हैं। ग्रामण का धर्म इन्द्रियदमन और वेदाध्ययन है। ही उमका मममे बड़ा धर्म है। म धर्मको पामत शान्तभाव सामवान् वाधव यदि चमत् कार्य का पगु करनेमे हो वह परम सुख पाना है। यदि गद धन छान छोड़ भने काम रस का धनलाभ करे, तो दारपरित मध्य करे, वानप यादिप पादमो हम यगोभून .. प्रहकर उसको पयाय मन्साम उत्पादन. दान पोर यता. सो मकते । म उसको पायप्राप्त होना पड़ा। नुष्ठान करना चाहिये । पप टूमरा फोई गाम करे या इमलिए शूट के लिए भोगामिलापामे रुपया मोहमा बा म को. घेदाधायननिरत पोर मदाचारमम्पव होनेमे | रा है। किन्तु राजा पादग्गे धर्मशायर्यानुटान लिए तीबाण माझा जविगा। यह दोन को कर मशाता है। वर्णवयमका भरप. ___धनदाम. यशानुठाम, पध्ययन पोर प्रजायानम हो। पोपप तथा हा पेटन करेंगे पोर गयम, पामम, पादुका । पषियका प्रधान धर्म है । याया, याजग या पध्यापम घामर घग्न पादिगे। गदका यो धर्ममय धन . . इम के लिये मिपि।निपत दम्ग* पधको उद्यत । भद्रका परिचारक पुबहोम होममें उमका firg. सोमा चोर य दम्यात, पराक्रम दिनाना सवियका/ शान पोर र सपा दुनिरनमे समको निभाना .. पवा कतैब। ओ यागोस, गामामामामम्प पिनाना प्रभूफा जहरीफ है। मानिस पर विपत . पौर गावियो रास। उन्हो को शरिय इस पनि गाउमा धन ४६ नाम परदको पाना ... जोशलिव युद्धमे पचत गरकोट पाता है. यह पधम पानिए प्राण प्रादि सानो वलीकी भांति को मा जानाधान, प्रधायम पोर या दारापाका परिकार है, परन्तु माता, गपटपोरबंद यह माममा कर पाय धर्मा भम्पनिको | मशका पवार महोंगर ममता। गुसरा Tant ," मियममा मा पानिये । हमको ऐमो पेटा तीन से प्रापगमे याहा कराना चाहिये। म . , .. घरमा EिR, जिमी मात्रा पपने पपने धर्म में रातो! कशी दधिमा पूर्ण पाया . . .