पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२४७

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२२. . बातिमह-जातो. ॥६॥ यत्रयम्य गरण प्रपये 10 मायगहरे जाति पूर्वमशान मरति, प (fat) मम्यग्दृष्ट धानमूते ज्ञानमूने मरस्वति वा पूर्वजन्मतामामारक, जो पूर्व जन्मकी बात are शातिमा (म.पु.) जन्मोत्सव, करना हो। कर्यदा घेदाभ्यास, गौच, तपस्या धोर परिमा सानिमाव (मसी) जातिरेय, एवा नाति-माता द्वारा पूर्वजामका हप्तामा परपोता है। स्वाध्यायादि ीन, अममाय । _ मेदाम्याग रातसं शेन सासर । . . जाति यचन (मपु. ) जातिमाम । सदोष.धमूहाना खामिति गौरिका" (मनु) शातिवर (म. सी.) तत् जात्यायभावती र स्वाभा-जातिप्ररण (म.को.) पूर्वसम्मका पर होना। विता , महजबर। मधमारतमें शातिर जातियारता (म.पी.) नापिरस्य माय: । पाँच प्रकारका माना गया है-१ मोक्षस, २ पास्त ज, मियां टाप । पूर्वजन्मका मरण! . जातिमरत्व (म' की. ) जातिग्गरम्य भायः भाये । ३ बारज ४ मापय पोर ५ पपराधज। पूर्वजन्म हसान्तों का स्मरण सातिव्य विधान (म० सी०) भासिन्य इस्य जातिसमूहस्य । जातिस्मरद (म. पु.) मासिस्मरो माम दोर्य विधान, (तत् । विभिन्न जातिके मनुष्यों के परस्पर पर विगेप, एक तोध का नाम | सागर देखो। ध्ययहार विषयक नियम ।। जास्थितियाद ( स० पु.) भन्दका जातिगतिममर्यक जातिसमाव (स.पु. ) एक प्रकारका पनाराम पारुति चौर गुणाका वर्णन किया जाता है। विषय । शालिकरार देयो। मातिधीन (म. वि. ) जात्या तीन मा मानि.. जातिगाद (म0पु0) जातिवाचकः शब्द मध्यपदलो । | रहित, नीच जाति। प्रकार विषयक, विगेपविषयक, जातिवाघम शम्दाती ममी) जनहिं ततो होप।। जातोपुर, अमेस, गगपादि। चमेलो। एमके मस्कत पर्याय वेर-रभिगन्धाराम जातिगण (मसी० ) जातः शस्य, ६-तत् । सुगन्धगन्ध नम्, मुरप्रिया, चेतको, सुकुमारा, मस्याशे, मो दश्यधिोप, जायफल। मातिसार (स.पु.) जात्योः विरुइयो परस्पर विरहयः | रामपुती, मनोजा, मानतो, तेलमाविमी घोर या परस्परामाय ममानाधिकरण यो: सामः, तत् । ग्रह पुष्प मम पुष्पोंसे ये होगा है । (दमा) . थर्ण महर, विभिन जातीय माता पितासे उत्पन मनिका, मासतो पादि सतगे कमी ६ मा दोगता मेहर देश। समजातीय। इनमें मवसे यातोपुपरी। किम्य (मति) गजात, पंगका पक्ष उमझा पेड़ गुरुगको परिका तथा भारतपर्यममा ही देनमें पा रिमामय प्रापिगमाराम जातिमार (म.की.) मात: मारसत्या भाज्या दो हजारसे से कर पान जार पुट तामगार प्रभायतोमारोच्या जातीफन, जायफना यह पो (पोहा ) Eumeri . जाहिरात (2) जायफन । पौर याराराम इस पौधे पर मद रंग . मालिकोट (म.पु.) याकरपले मत प्रसिदमा पति रागन्धि मुल मनोहर कम लगते । भूप मानकर . मार स्फोटोंमेमे एक । रफर देखो। भी इनकी सुगन्धि नही आतो, ममिए धन RIfEPAL ( पु.) शाति:प्रमेय स्नामादिमा | फलोको गभद्रम्प यमाने निए । जातो PRIMIT, यासह प द एकमाया पुष्पमे एक RAITEा मन पनिया भर पनना है। माम । गर्म माम करनेमे मनुष्य पूर्व जन्मशालामा ____सामाई माय लिन पपेर देनमे, मागे नरपया मला मुगभिन Eि Time मिनि नये नये मोदक्षिण एशित रमे, समस्या - मार" (: htin)/ गर्मीमा