पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२७

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समघट-अमदग्नि . भाग उपराधिकारोके पभायमे अंगरेजी राज्य में मिन विपुगप यादिम जमदग्निका इस प्रकार परिचय गया। मका यतमान क्षेत्रकन ५२४ वर्गमोम और ] मिना है- नोका गया प्रायः १.५३४० है। इसमें ८ नगर पौर। ये महर्षि · ऋचोकके पुत्र थे। चोदया। ये र ग्राम है। यहां एक मृदु प्रस्तर पाया जाता है। कान्यकुमरानको कन्या सत्यवती गर्भ से उत्पन्न हुए मोटा मूती कपड़ा और कम्पन्न बनाते है । राजा बाह्मण थे। मत्यरतो पतियता घी अनके प्रति सन्तुष्ट हो १पौर दक्षिण महाराष्ट्र प्रदेश प्रश्रम ये गोके सरदार कर महपि चोकने सत्ययतो पोर जमको माता समझ जाते हैं। उन्हें गोद लेनको मनद मिली है। पायलिये दो भरु मना कर कहा- "सुम सुखान करने प्रायः सामान्य है। इसमें ६ म्य निसपालिटिया है। उपरान्स उदुम्बर को प्रालिान कर इस चरको, २. सम्म प्राशके जमखदो राज्यको राजधानी। यह तथा तुम्हागे माना अखत्य इत्तको मालिशन कर मरे पक्षा. १६३० उ० पौर देशा• ७५२२० पू०में अब घरको ग्रहण करें तो मिरायसे सम दोनो पुवयतो से स्थित है। भोसया मायः १३०२६ है। यहां ५०० करघे भाभोगी।".इम पर मत्यवतो पर ले कर माताके पाम चमारेगमी शाई को भी बड़ी तिजारत है। प्रति । गई और उनसे उन्होंने मन मातग्योल कर कर दी। दिन तक टमारामेश्वरका मेला लगा रहता है। उनको माताने उसट पुत्र पाने के लिए सत्यवतीको हत जमघट (हि.पु.) ममुर्थीको भोड़, ठ, जमावड़ा ।। पौर पर बदलने के लिए अनुरोध किया, सत्यवती मा नमन (म. वि. ) यमज जुडयां । यमज, यमजात । अनुरोधको टान न सकी पौर ये भो म बातमे पर. जमजोहरा (हि. पु.) जाड़े से दिनों में मिलनेवाला | मत हो गई । यथासमय दोनों गर्भवती हुई सचोक एक प्रकारका पक्षो। यह उत्तरपशिममें पाया जाता है। ने पबीके गर्म मसा देख कर कहा-"मुझे मातम गरम पशु पाने पर यह फारस और सर्किस्तानको होता है कि तुम लोगों ने स्वर पोर:सस मदत लिए है। पसा जाता है। इसकी मम्याई लगभग एक बानित की। मैंने चायनाते ममय हम बातका धान रखा था कि होती जैसे सेमे ऋतु बदलती जाती है बेमे अंगे 'निमे तुम्हारे गर्भ में विसविण्यात . प्रयनिह मामला रम गरीरका रंग भी बदला जाता है। और तम्हारी माताके गर्भ मे महायर पराकान्तानिय मडाट: सी.) एक प्रकारका पक्ष। यह जन्ममरण करे। पब समका विपर्यय योनमे मासम कटारीको सरोमासको नोक महुत तेज पोर होता कि, तुम्हारे गर्भ मे उग्रकर्माचविय पोर तुम्हारो पागेकी पोर मुशी रहती है । ममय पाने पर इसे गय के माताक गर्भमसम मापका भन्म होगा" यासम गरोरम मोफत, माघर। कर सत्यवती यतो सज्जित दुई पोर पति के वशे पड़ जमदग्नि (म.पु.) एक वैदिक प्रावि। पटक यतः करने लगो-'मेरे प्रति प्रमद्रहो.. पाहतो किमेिरा साम,सपर्व पादि समोघेदों में इसका परिचय मिमता पुव उग्रपतिय न हो, वरन पोचवियो.सोकर पति है। (RE Paryः ॥१. अपई १५६ ) मही मोकन ऐमादी मन्नर कर लिया। यया' मनुकमषिका मतमगों ने यतो सका 'प्रकट] ममय मययतोने जमदग्निको पोर उनकी माता किये । पापलायनयोतम व मग गोय यतमाये (गाधिरामपयो )ने विश्वामियकी प्रसव.कियापिता , गये यो . ) सम्ये दो यदुरामे सायमे यद्यपि क्षमदग्नि शरियन प. हि नो भी मन्तम मिमित्र माथ ये भो पगि विपक्षमा मांदा प्रियोषित गर मोढ़ा परल राते थे। में न ए ( 1) पोर देणे । रनि प्रमेनजित राजकन्या का माथ ऐमा नाच ( १ ) पनिता कि, गरमध विकार क्रिया .ग्रा, गा का ग़म बगलाम समय लामियरोसा नमामि प्राय और सुपे, म, विणाय पोर परगराम दे पाचपुत्र नौ । पित प्रम पद पर नियु। महामारत..रिशधोको कयमानुमार पसराम मियां ।'