पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२७९

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२४ जापान किया। प्राचीनकालमे हो जापानका चीनमे घनिट इनमें भी, वो पोर ८यो गामानको मम्बन्ध है, या पात पहले कह चुके हैं। कहा जाता पगातार ३ सया ५यो पोर १२वो गापा पयस फि जिम समय चीनमें गोधर्म का घोग्तर पान्दोलन | सुद्रकाय हैं। पहलो सालिका में मारमाको गापापी. मा था, उम ममय जापान घोनगे सर्व गेप परिचित को जापानो नोगामू' कहते हैं पौर ये धीन माई या और फिर ५५२ ई.में चोन देशी उसने योदधर्म गई है। उनमें चोनो 'मारा' और 'यान' युगडे प्रण किया। मोहधर्म का मिष्टा पय भो विद्यमान है। शेष तार : बोधर्म चोनको पपेक्षा जापानमें अधिकतर बइ. शाग्नापों का पाविर्भाव ११७.१ दे याद है। मूल पा है। मके कई एक कारण है। चोनमें जापनमें उनको राष्टि नहीं हुई, विन्तु नवोमतामे कन्फुचिका धर्म जातीय धर्म के रूपमें परिगणित | मंगठन प्रयग्य हुपा है। समयानुसार वेणीभेष्ट कामे पाया। राजापी ने उमो धर्म को राष्ट्रीय धर्म बत-प्रत्येक शाखाकी प्रतिष्ठाका समय इस प्रकार निहापित साया था। इसलिए चोनमें बौद्धधर्म का उतना प्रचार होता है- नों हुमा, जितना कि जापानमे छुपा है। जापान, १। समम गताग्दो-सानन (२५ . पौधधर्म के पाविर्भावमे पाले कनफुचि-धर्म का अधिक नोजितम २५१ प्रचार नही हुमा था, इमलिए छोटेमे लगा कर - होमो ६५८० बड़े तक, सवने बौदधम'को खुव प्रमाया । बोधर्म के साथ जापानको सामाजिक पोर राजा २। परम गताम्दोकेगोन ७१५६. नतिक व्यवस्था के सिवा अन्य व्यवस्थाका भी धनिट रिखमू ६४५ ई. मम्पन्ध पाया जाता है। यही कारण है कि जापान ३। नयम शताव्दी-टेकाई ८०५ । योगधर्म को अनेक गावाए हो गई है। भारतवर्ष ___मिन ८०५० प्रथवा धोनको तर यहाकी शाखापों ने सामान्य ४। दादा और ययोदय गताब्दो- पार्थपयों का भयम्तम्बन नहीं किया है। यहां एक गुरु नेम्य गमू ११२३ ई. गापाका दूसरो गाग्वाम विभिन प्रकारका मतभेद पाया दो १२.२ १० जाता है और छम पर प्रतिन्दिता होतो है। गिन १२२४ ई. सापान योदधर्म को बारह शाखाएं हैं । परम्सु निचिरन १२५३१. इनका नाम मवंदा एकमा नहीं रहता। साधारणतः मी १२०५९ उनके नाम इस प्रकार है-१ फुगा, २ जो जिन्स, __जापानो वोडधर्म को प्रत्येक गापा भी पसेपयोम्य . ३ रिद स या रिसु. ४ मनरन, ५ होमो, । केगोन, *.महायान-मम्प्रदायके पागंतरासोनयन मम्प्रदाय ० गई, ८ मिदान, जोदो, १० जेन, ११ गिन पोर मतका मिर्फ फुम, जोजिम पोर रिम शापा ही पशु १२ मिचेरेन । गर्तन करतो थी। परन्तु इनमे पहले की दो गापाए __ऐतिहासिक दृष्टिमे ये गापाये मत्य प्रतीत होती सो विलुम हो गई. मोमरो कुछ पनुयायो मो . .. परनामो, से, श्रो, पोर ४यो गामा प्राय: । पौर घोपी गावा मम मम्मायकी विरोधो नहों . निर्मूम सी गई। सतो वर्तमानमें कोई कोई इम -मिर्फ पाधार महामें घोडामा मैट मामतो . प्रकार भो पाराला गिनात २-१ सो, २ गोन, पा रही है। १ ४ मिम, ५ युग या नेम्य रागः । त्रोदो, नोमो और गोम ये टो गापाए म ममय मौन . नि. मोदी, ६ पोगा. गिन, मो, पर उनका पस्तित्व धर्मभावकी रता मिए नहीं, निरन पोर १२ ।। | वन्द्रि कुछ मन्प्रदायी नमीदारों की मा नि ।