पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२८३

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बापान, मामक एक मार्किममपिता जापाम . अन्न मरोध- । । जापान में रुपये मेके मेन-देन मही होता, वित प्रपामोई विषय वा ता देने गई थी, किम्त क.नक सड़कीवाला लड़कोको पोगास पोर गामा यस नया । विविद्यालय के अध्यापक योबुत पार• किमूगश देता है। . काना कि उनकी बात पर किमीने भी ध्यान नहीं 1., जापानो मोग अमीन पर यानी रण कर मी - दिया था। इसमें मिमम मार्गट प्रमन्तुष्ट हो कर पौर न पडतोकी तरह टेक्नि पर होगात प्रचारार्थ कोरिया पीर चीन सी गई। . भोजन कमी । पुट मचा तम विदा .. जापानियोको विवाह प्रगामी भारतमें बहुत कुछ। जिस पर १४च मोटी पटाई रहती है। .. .. मिन्नती सुनती। यहां भी पइसे पुवकन्यापीका ___उस पर सीपुरुप सब एकमाय बोरामनी 43 वियाह-मम्बा मातापिता ही करते हैं और उनकी और अपने पपने सामने चौकी पर पानी का पमम्मति न होने पर "नाधाद' घटक द्वारा सम्बन्ध मोजम करते हैं। किन्तु पाजकाम पागाय परममे शिर करते हैं। यहां सेम विवाह कार्य को धर्मानुठान । कुछ लोग टेबिल पर भी पाने लगे। ये ART समझ कर पुरोहिली पारामका कार्य सम्पादन होता! चोना-मिही बरतन ही काम मात।। है, येमा जापान में न होता । जापानियों के लिए विगेय माज उपस्थित होने पर मार लिया पिवाद कार्य एक मामाजिक अनुष्ठान के मिया पौर कुछ जाता है, किन्तु उसके माय भाना मान भी नहीं है। इसीलिए वहा विचार के मव काय पटक चोर मिठाई भो परोमो जाती है पर पड़े र भोमि बाराको सम्पादित होते. . 'गेसा' यालिकाएं परोमने के लिए निगम की आती जापान में ऐमा कानून है कि पुरुषको उमर १७ पोर | जो नाट्यगीतमन्नामें सुदरती है। हर एक 'मा' मनोकी उमर १५ वर्ष होने पर, उन्हें विया करनेका धाम्रिकाको रम कामके लिए १ . घराष्ट्र के हिमायणे. पधिकार हो जाता है। पर रम काम गको कोई मेहनताना दिया जाता है। इनमेमे कुछ परोमो मामता नहीं । सामाजिक व्यवहार क्षेत्र में स्त्रिया १८ मे | फुक गातो हैं. कुछ पशाती है और कुछ हापमाम दिया २५ पोर पुरुप २२ मे ३५ यफे मोतर प्यार कर लेते! कर भायो वा पभिनय करती; मारोग यशशि है। फलों को इसमें भी जादा उममें म्या झोता ये मोजम करनेयानोको मव तरजम पदिम रखती शिशानाम पोर पारिक पतामया' ही प्रधानतः हम कभी कभी, यदि यन्दोयम्त ठाक हो तो, रामर बिनम्य कारण है। इसी तरह पानन्दभीत होता रहता है। घटक पोर पितामाता माय मुलाकात होने पर मापान में एक प्रकारको देगीय पोगाम प्रति .. मड़ पौर मड़कियां भी परम्पर मिल पार मावो नो जो 'किमोनो करसाती है। ए नम पाने का नामोको नुन लेती। महकोको गोद मरते ममय! पम जापानी पायात्य मभ्यतागे परिचित हुए थे, तभी माह का पाप महकीवानेको रपया देता है। मनो; भापाम पुनय काम का मुभीत लिए यूरोवीय यति पांच रुपया मकर डामता है। बपयेथे पोगाकका यावर करने लगे। यही कारच है. . माय एइमान टात् मादिक भेटको' महनी उपहार ! कम समय मापानम पालमपम चौरमा विधा. देता है. को वहां राम ममझो जाती है। इस दिन , मय, मपंचकोशीट पामन अगर पामे मी . महकाना मायाने हो गई पादरहे माय जिमाता पिए पाम झापामों पर परमजम । निमाम पामे गामाजिक नियमानुमार राव को पायीकर गोय चोर पापाचोमो को पिमानापोर माय या गांव माय भाते वोगासनोपड़ती है। १। मोहिम मि मुझस गोधा जाता है। प्रोमो योगा भारी जाममा ती पोर पुष . सो प्रायः मौन पार मा माद विगो माता भित्र भिय योगा ली। पुप में ART