पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२९

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नमपाल पण्डाल-जमशेद. कर उन्होंने कहा-" उस पापोने एक तो जीयहता। नगरवासी जो पुरुषोंने मी पहिमा भादि पाष पर. 'को पोर मरे मेरो पात्रा नहीं मानो, इसलिए उसको व्रत धारण किये। जैन शाख'म परिमामतके प्रभाव फोमोशा दण्ड दिया जाय।" मनकुमार तुरन्त हो पकड़ा दिखाने के लिए यत्र तत्र जमपान चाण्डालको कथाका गया । उम दिन चतुर्दशी यो.तो भी यह कामोके स्थान उमेष मिलता है। पर पाया गया। उधर अमालको बुलाने के लिए जमा-बम्बई प्रान्त में काठियावादका एक पद राय। मिपाकी दौड़ा गया। सोशम या प्रायः तोन मोरे पोर वार्षिक पामदमी, जमपामने चहान हो कर भी मुनिके ममक्ष यह ३८००६। ममसे रटिश गवर्म गएको ४६४ . प्रतिमा को थो कि, "चतुरंगीके दिन में शोव हिंसा म कर स्वरूप देना पड़ता है। करुगा।" इमलिए वह मरे हो मिपालोको पातममहद (वि.पु.) एक प्रकारका फल। .. देव घरमें छिप गया और जीमे उमने कह दिया कि जमाद-उत्तर पपिम मोमान्स प्रदेयके पेयावर जिने । "मिपाको अगर मुझे तो कह देना कि ये मरे उस पोर एक किला पोर हावनो। यह पन्चा० ३४ गाँव गये।" स्त्रीने ऐमा ही किया । सिपाही करने 3. पीर देशा० . २३ पू०में पेयर पाटीके 'नगा-"यदि पात्र या घर होता तो उसे गनपुत्र के सम मुहाने पर पेभायरमे १०१ मोल पपिम पड़ता है। . गहने पौर कपड़े मिलते।' पाण्डानकी यो ठहरी, लोकसण्या प्रायः १८४८ १३६ . पेशायर के प्रममे पपमा नोम न सम्हलाया गया। यह हायमे तो। या। पाय तो सिख सरदार हरिमिहने यहाँ किलापदो को यो। पतिकी पोर गारा करती रहो पोर मुहमे करतो | प्राजकन यहां पर राइफलम फोज रहती पोर गई को 'ये तो गांव को गये हैं।' मिपाही समझ गया।। मुद्री यम न होतो है। जमकदमें एक बड़ी मराय है। एमने घर में घुस कर चालको पकड़ लिया । जम पेशावरको मापं येटन रेग्नयेको एक भाषा सगो।। पालमे कहा, "पार चतुर्दगोरी में प्रीतिमा नहीं जमवट (R० मी०) सकाडीका गोन चार यह परिए. कदंगा। पारि सिपाही उमे राज के पाम ने गया । । के प्राकारका दोता पोर कुपो बमान मगाइमें राजा तो वमकुमार पर क हो , हमरे घडान रखा जाता है। इसके अपर कोठीको जोड़ाई होतो। का उत्सर सुम फर पीर मो भागबना हो उठे। उन्हों. लमगेट-१ पारस्य देगले प्रमिय पिगदाद गोय ने पादेश दिया कि. "इम दोनीको मसुदमे डाम दो.. मरपति। येतिपादिक मतमे ये मारे जन्ममे तोन जिममे मगर मीका पेट मी।" रामामा कार्यम | हमार वर्ष पहले जमे थे, किमा वर्तमान ऐतिहा. परिपात रं। दोनोको एक यध कर ममुद शाम | मिकों का विग्हाम, किये ईमामे ८०. थर्य व दिया गया। परमा अमरान पुण्य प्रमाय नमः मौजद थे। मीन मिह पाणिपोलिम नगगेकी मापना दरताने समशी रता को, माय हो राजपुयशो जान को यो, जो पक्ष भो तर पोर तप्त जमदा माममे बंध गई। अनदेवनाने मणिमपिछत मोकामे रयहित । ममित है। मिहामन पर समम पापडानको बिठाया पोर राज ही जमदमे पारम्यम मोर वर्ष प्रारमपा। पु रा BR पर घमर टाया। कपरमे पादेव सूर्य मपरामि मिदिम प्रवेश करता है.मी दिनमे "TR"परिमामको धन्य" कहते हुए पुटि करने या वर्ष प्रारम्भ होता। मनप य के उपन, . भी। पर देव मम परित ए और गमा भी महा उसय होता था। पाण्डाकी प्रमा करने मा। नाडामा उदय भी फहमि मायाम मिपा-मो नमो धरम गोत ममान मगा। उममे ना गा र ममयमे ही मामन भासिम मभ्यताका प्रचार THI 'nिi ममरमपित प्रम और मोमान मिराज गुराकोरमका राज्य पाकप किया था। धार ना गया। परिंगायतका प्रभाव देवकर दुमयम मयेर रपमै पोर दिषा कर REA, '