पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२९३

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२५८ - . नामनगर-जामलो प्रकारका गोद तथा विपयुक्ता तेल निकलता है जो दवाके जामपुर-१ पञ्जांधके डेरागाजोखा जिले की तहसील। यह ; शाम, वएत उपयोगी है। मनुष्य इसके फल खाते हैं। अक्षा० २८.१६ एवं २८४६० और देगा० ००.४ और पत्तियां चौपायोंके चार के काममें आती है। मका तथा ७०.४३ पू० के मध्य पड़ता है। क्षेत्रफल ८४८. वर्ग: . दूसरा नाम पारस है। मील और लोकसंख्या प्रायः ८७२४७ है। इसके पूर्व में आमनगर बम्बई प्रान्तके पााठियावाड़ मिलेका देशो | सिन्धु नदो और परिममें स्वाधीन प्रदेश है। एममें एक राज्य और नगर । नया-नगर देखो। नगर और १४८ गाँव है। मालगुजारी लगभग १ लाख जामनिया ( दवोर )-मध्य भारतकी मानपुर एजेन्सोको | ५० हजार है। नीचो भूमिमें बाढ़ पानेका पुर एक ठायारात। यहाँके सरदारोंकी उपाधि भूमिया है। रहता। ठाकुरों में प्रायः सभी भूलाल जातीय हैं। प्रवाद है कि २ उक्त तहसोलका मदर। यह पक्षा० २८ २९ ३० भूलाल जाति राजपतोंके समियाणसे उत्पन्न हुई है। याशित लोया नामनिया में प्रसिद्ध भूमिया नादिरसिंहने प्रादुर्भूत हो कोई ५८२८ है। यहाँसे नोतकी रफ तनो बहुत होतो कर चारों ओर अपनी क्षमताका विस्तार किया था । है और लाइका भी कारखाना है । १८७३ ई.में यहां ' ' सिन्धियाके पाँच गांवो को मिला कर पून ठाकुरातका मनिसपालिटी हुई। संगठन सा है। दूमके सिवा खेरी, दाभर और ४७ आम बेता (हि.पु.) बरमा, प्रामाम और पूर्व भीलों के मुहले इसके अन्तर्गत हैं। इसकारकवा करोब बंगालम होनेवाला एक प्रकारका बाम । यइ टार ४६५७५ बौधा है। मानपुरसे धार नगरको सड़क बनाने, छत पाटने पादिके काममें पाता है। पारीब ७ मील तक इसी जमींदारोके भीतरसे गई है। लामराव-मिन्धु प्रदेशकी एक बड़ो नहर। यह सांभर फिलहाल इसका सदर कुञ्जरोड है। तालुकके दक्षिण-पपिम कोणमें जमेसाबाद तालुक होतो जामनो-मध्यभारतके बुन्देलखण्ड प्रदेशको एक नदो । हुई नार नदोमें जा गिरो है। मौ च १३० मोल है। यह नदी मध्यभारतसे उत्पन हो कर बुन्देलखण्ड और आमराव नहर और उसको नालियों सब मिल करके चन्देरी होती हुई प्रायः ७० मील चल कर बेतवामें जा ५८८ मोल लम्बी है । पशिम शाखा बहुत बड़ी है। यह मिली है। १८८८ ई०में खोलो गयो यो। जामनेर-१ बम्बईके पूर्व खानदेशका एक तालुक। यह ! जारी-मध्यप्रदेश के अन्तर्गत भण्डारा जिलेको एक पक्षा० २०३३ एवं २०५५ उ० और देशा० ७५ छोटो जमींदारो। यह प्रक्षा० २१११३०४० और २२ तथा ७६१ पू०में अवस्थित है। क्षेत्रफल ५२७ देशा. ८०.५३ १.०, ग्रेटें इष्टन रोडने उत्तर . वर्गमील और लोकसंख्या प्रायः ८१७२८ है। इसमें २ साकोलीके निकट अवस्थित है। इसका रकबा १५ वर्ग नगर और १५५ गांव बसे है। मालगुजारी कोई २ लाख ! मोल है, जिससे सिर्फ १ मोन' जमोनमें खेती होतो ४० हजार और मेम १७०००) २० पड़ती है। भूमि के जमींदार जइलको लकड़ी बेच कर बहुत नौचो ऊची है और नदियों के तट पर बबूल पड़े हैं। लाभ उठाते हैं। :: : . . . . . . उत्तर-दक्षिण के पर्वतों पर माखके पेड़ है। पानो नामय ( वि.) प्राणियो'को अमर करनेवाला ।" बहुत है। जन्तयायु साधारणत: अच्छी है। वर्षा ऋतुम जामल (स.को०) पागमशास्त्रविशेप, एक प्रकारका जो युग्वार बढ़ जाता है। यहां करीब १८५० फूएं। तन्त्र । जैसे-गद्रजामल इत्यादि। : हैं। २ उमा तालुकका मदर। यह अक्षा २०. मामली-मध्यभारतकी भोपायर एजन्मीछे :पितात ५८. और देशा० ४५ ४७ पूछमें अवस्थित है। जन भावुमा राज्यका एका शहर या मरपुरमे २४ मोल संख्या ६४५७ है। .येगयाके समय एक बड़ा स्थान उमरमें तया भावुमा नगरये २ मील ईशानकोणों पयः था । रुईका कारवार बढ़ रहा है। ... .... सित है। यहां ठाकुर उपाधिधारो एक उमराव रहते हैं।