पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२९७

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२६२ नायानरूर-मायापती जायज़रूर ( फा० पु. ) टट्टी, पावागा। | प्रयवा भार्याको रक्षा करनेमे पुत्रको रक्षा होती है. पोर .. जायजा ( अ. पु०) १ पड़ताल, जांच। २ हाजिरो, | पुत्रको रक्षा करनेसे घात्माको भी रक्षा होतो है, क्योंकि गिनती। पारमा हो भार्या के गर्भ में जन्म लेती है। इसलिए जायद ( फा०वि०) अधिक, व्यादा। पगिड़तों ने पत्रोका नाम 'जाया बतलाया है। पवि. जायदाद (फा० स्त्री० ) मम्पत्ति, किसीकी भूमि, धन | वारिता स्त्रीको जाया नहीं कहा जा सकता, क्योंकि या सामान आदि । कान नो अनुमार जायदाद के दो भेद | उमके गर्भसे जो पुत्र होता है, उसमें पिण्डदान देनेकी है, मनमूला और गैर मनकूला । जो एक स्थानो दूपरे । योग्यता नहीं होतो और वह जारज वाहलाता है। एक स्थान पर हटाई जा सके उसे मनकूला आयदाद कहते | पुरुषको वहुतमी जाया हो सकती है। हैं और जो स्थानान्तरित न की जा सके उसे गैर मन "एकस्य पु सो पापो जाया भवन्ति" (शतपथम'०९10111) कूला मायदाद कहते हैं। उनमे महिपी, वायाता, पवित्रता पौर पालागनी जायदाद गैरमनकूला ( फा• स्त्री०) जायदाद देखा। ये चार भिमत । (शतपयमा १ ) . जायदाद जोजियत (फा० खो०) स्वोधन, वह संपत्ति २ ज्योतिपोत लग्नसे माता स्थान। इस माम जिस पर स्त्रीका अधिकार हो। स्थानमे पत्रीके गम्बन्धको ममस्त शुभाशुभको गणना को जायदाद मनकूला (सं. स्त्रो०) जायदाद देखा। जाती है। ३ उपजाति हत्तका मातया मेद, ममें जायदाद मुतनाज़िपा (फा० स्त्री०) विवादग्रस्त सम्पत्ति, पहिलेके तीन चरणों में 1st sstistss घोर चतुर्थ चरणमें, वह सम्पत्ति जिंस के अधिकार आदिके विषयमें कोई | ssss 151 होता है। . . तकरार हो। शाया (फा० वि०) नष्ट, खराक्ष, खोया हुआ। जायदाद शौहरी ( फा० स्त्री०) स्त्रीको उमके पतिसे जायान (स'• पु०) जायां हन्ति, जाया इन टक् । १ पत्रो. मिलो हुई सम्पत्ति। नांगका योगयुमा पुरुष, वह पुरुष जिसमें पत्रोनाशक जायनमाल. ( फा० स्त्री० ) मुसलमानों के नमान योग रहे । २ तितकाल क, शरीरका तिल । ३ योनि- पटनेका एक बिछौना, मुममा । पोत योगविशेष, ज्योतिपमें ग्रहीका एक योग । यह जायपत्री (हि. स्त्री०) जावित्री देखो योग उस समय होता है जब जन्म कुगडलो में लग्नमे .. जायफर (हिं पु० ) जायफल देते।। । सातवें स्थान पर मंगल या राष्टु ग्रह रहता है। जिसमें जायफल । हिं० पु.) सातिफल देखो। यह योग पड़ता है उस मनुष्यको स्त्रो प्रवय ही नाम जायल ( फा० वि०) विनष्ट, नो नष्ट हो गया हो। तो है। जायस-युनाप्रदेशके रायबरेली जिलेका एक विख्यात | जायाजीय (सं० पु० ) जायया तप्त नहत्या जीयति, और ऐतिहासिक नगर । यहाँ बहुत दिनों मे । वा जाया भाजीवः जीवनोपायः यता, जीव-अन् । १ नट, सूफो फकोरो'को गहो है नया मुसलमान विज्ञान होते | अपनी स्तीके दाग जीविका उपार्जित करनेवाला, पेग्ला- पाये हैं। वहतसो जातियां अपना आदि स्थान इमो पति। २ बकपक्षी, बगला पदी। नगरको बताती है। पद्मावती के रचयिता प्रमिद कधि जायाव ( सं० लो० ) जायायाः भावः जाया-त्व । पवीत्व, . मालिक मुहम्मद यही के निवासो थे। .. स्त्रीका धर्म।, आया देनो। जाया (म० मी. ) जायते पुत्ररूपंगामा ऽस्या जन-यक जायानुजीवी ( म० पु० ) जायया मङ्गीतनसनादिना भत्वञ्च । १ पसी, यथाविधि परिणोता भार्या, विवाहिता अनुजीयति, अणु-जीव-णिनि। . १ मायाजीय देखो। सी। पति शकरूपमे पायर्या गर्भ प्रविष्ट हो कर, , २ दरिद्र। ३ यक पक्षी, यगला। फिरमे नयोगही कर जन्म लेता है, इसलिए पनीका जायापती ( म० पु. ) जाया च पतिय तो इन्द । स्वामी .... नामजाया थे। (मनुस्मति, वय पुराण भोर फूल्लक 1) और ली। पसमासमें जाया पोर पतिका ममाम