पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३०१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२६६ पहले गले गहमें यदि कोई जाल दस्तावेन बनाता । इसलिये रस्ताघरों के माश्यको परीक्षा विशेष मनोयोग: मोर यावहार करता या जाल दानपत्र वा किमो प्रदा- के साथ करनी पड़ती है। .... लत के बाल-दस्तावेज प्रमाण देनेके लिए हाजिर करता, जो लोग कालमें सहायता पहुंचाते हैं, उनको दो . तो उसको ५ एलिजावेथ, सो१४ धाराके अनुसार प्रति वर्ष तक कारारुद किया जा सकता है। .. वादीकी क्षतिपूर्ति करनी पड़ती थी और उसके वर्चमे जान वहुत तरपके होते हैं-दस्तावेज, तमस क . दूने रुपये देने पड़ते थे । जालके अपराधोके दोनों काम प्रादि जाल, रुपया जाल, पादमी जास, टम्म नाम काट कर नासारन्ध, जला दिये जाते थे। इस प्रदेश में इत्यादि। वावसाय बाणिज्यको अहिके साथ साथ जब लिखित | भित्र भित्र देश भित्र भिम प्रकार के सिर पन्नते . कागजातों पर ज्यादह काम होने लगा, तब जाल में तया राजाके आदेशानुसार सिके बनते और प्यवान रोकने के लिए कान नोंमें नाना पकारका परिवर्तन होने होते हैं। जिस देशमें जैसे सिर धनी हैं. उस देश लगा।२ आइन ४थ जज और १ विलियम (४४) सो६६ यदि कोई राजामे छिपा कर वैमे ही सिक बना कर धाराको अनुसार, यदि कोई राजकीय मुहरका जाल , चलावे, तो वह रुपया जाल होता है। नोट भान करता था, तो उसे राजद्रोह अपराधसे मृत्यु दण्ड दिया करना भी ऐसा ही है। जो जालो रुपया मनाता है. जाता था। बादमें सिर्फ इच्छापत्र और विनिमयपत्र | और जो जाम बूझ कर उमको काममें लेता है. वर्त. ( Bill of exchange)के नात करने पर मृत्युदण्ड | मान कान के प्रसार उसे ० वर्षकी कैद भोगनी मिलता था। इस समय ७, ४थै विलियम और १ पड़ती है। यदि कोई किसोको जाली रुपये बनाने । विकोरिया ८४ धाराके अनुसार जालमानों को मृत्यु. या चलाने के लिये प्रवर्तित करे, तो उसको भो जाल- दगहरी छुटकारा दिया गया । क्यों कि टोपको सुधारने के साजीके अपारधर्म दगिडत किया जाता है। . . लिए पाइनका विधान है; न कि लोगों को फांसी देनेके | राजम्बके लिए राजाको पाजाम जैसे टाम्प मादि । लिए। व्यवत होते हैं, यदि कोई गयमै गटको धोखा देने के अय जालसानोको कदमें रखा जाता है। जिम । अभिप्रायसे हवाद वैसा ही टाम्प सुद मनावे था काम- का अपराध जितना अधिक होता है, विचारकके विवे-] में लाने, तो मे भो कैदको सजा भोगनी पड़ती है। पनामुमार उसको उतने ही अधिक दिनों के लिए कारा- किसी व्यवसायोको क्षति पहुंचा कर भपने लाभके दइये दण्डित किया जाता है। किसी किमोको | लिए यदि उसका व्ययमायचित (Trade-mark) व्यव. यावलोषन होपानार या कालेपानीका दण्ड दिया जाता त किया जाय, तो जाल के अपराध अपराधी होना है और किसी किमीको एक वर्षको कैदको सजा दी| पड़ता है। यदि कोई व्यतित, दूसरे किमो व्यक्ति के प्रम' जातो है। चिड़का-जिसे कि वह अपनो सम्पत्तिको ठोक रखम पहुत पहले जिसका नाम जाल किया जाता था, वे के लिए व्ययात करता है (पर्यात् Property Mark)- हस्ताक्षर उसके हैं या नहीं. यह प्रमाणित करनेके पपयावहार करे, तो यह उसका जान्न करना । लिए उसको गवाहियों में शामिल किया जाता था। परन्तु | यदि कोई वाति अपने परिचयको शिपा कर दूमरे किसी सब समय हस्ताक्षर देख कर जालका पता नहीं लगाया व्यक्ति के माममे अपना परिचय देकर किसोको धोया जा सकता। एक ही व्यक्तिक हाथकी लिखावट किही | द, प्रथया जाम बूझ कर अपनेको वा अन्य किसी व्यक्ति समय दूसरी तरहकी हो सकती है। यदि कलम पोर को गुमरे किसीके नामसे परिचय कराये, तो ठमका या .. कागज खराब तो, यदि उमे जल्दी जल्दो कुछ नितुना पादमी जाल बनाना हुा । जिसके मामभे परिचय दिया जो तथा यदि किसी कारपसे उसके साथ कांपते ।। जाय, यदि वासप वा पादमी न भी हो, तो भी वा तो उमझो सिनामर दूमरो तरको जीजा सकती है। मामही कहलाता है। यदि कोई वालि दीवानो या