पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३११

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

जालौन-जावको यमोनो राज्य, दनिय तया नदो एवं भमर गजा, पूमें अवस्थित है। नमसा प्राय: ८५०१ है। पदीय पोर परिममें पहज नदो है जालोन बुंदेलखण्ड के मैदानमें प्यीं गताप्दाम यह मराठा राजधानो यो । प्रायः ममी पड़ता है। यहाँ कहर बहुत निकलता है। कांसको भी · सम्भ्रान्त पधिमानो मराठा ब्राह्मण है। उनम बरसमे कोई कमी नहीं अन्तवायु उरा तथा शक है, परन्तु : पेनगन पासे पोर निकर भूमि खाते है । ध्यानाय छोरा सम्वास्थ्यकर नहीं। पोरक्षाके वीरमि देवने नालीनका किन्तु बढ़ता दुपा है । १६८१ ई. में एस धदिया याना अधिकांश दवाया और जहांगोरने उन्हें इसका राजा बना। कुछ मारवाड़ी महाजन यही सम गये। बनाया या शाहजहान के समय वलवा करने पर उनका जाल्म (म००) जासयति गोकरोति हिताहिता प्रभाव यह घट गया। फिर छत्रमालने जालोन अपने जल-णिच् पाहुल कात् मः।१नीच व्यशि. पामर, मोच । राजामें मिलाया। १७३४ ९०में उन्होंने यह जिला २ जो गुरुके सामने खाट पर बैठता हो, मूर्ख, देवकूफ । अपने मराठा मित्रों को दे दिया । फिर यहां पत्याचार | "नने जामी कायाली वृतिमयितुम" पौर उत्पात पा! १३८ ई. में गरेजो ने जान्नोन (भारत भ.) पधिकार किया था। कानपुरमें घलया होने पर १५ / जाल्पक (म. वि. . जाम स्वार्ये कन्। मिस, गायक जनको झांसो के विद्रोहियों ने यहां पा करके समो यो पोर गुरुहेपी, लो अपने मित्र, गुरु या मानपके माघ पीय अफसरों को जो उनके हाथ लगे, मार डाला। हेप करे। १८५८ में फिर इसके पयिम भागमे अराजकता पदो। जाव्य (130) जन्न खत्। १ गिम, महादेव। १८८१० मक यह विगृहाल जिना समझा जाता था। "मरस्यो जलपरी जाल्योऽकल: केशिया कति;".: . जालौन जिलेमें नगर और ८३७ गांव पावाद है। . . (भारत ॥२८ लोकमख्या ३८९७२६ है। इसमें ४ तहसीलें लगती (वि.) २ जलमें पकड़ने योग्य । बेतवाको महरमे खेत मौंपे जाते हैं। पहले खूय | जावक (म.पु.) पन्नातक, महायर। सूती कपाटा घमता था। थोड़ा बहुत सूतो कपड़ा रंगते जावजोसम्म प्रदेश के अन्तर्गत प्रहमदनगर जिले में पौर कापते है। चना, तेलहन, ई पोर घोको रफ़नो | एक कालि सदार । इनके पिता का नाम था होगयो । होती है। ग्रेट रडियन पेनिनसुला रेलवे यहां चनतो होराजोको मृत्यु के उपरान्त जूनारस्य पेगमा कर्मचारीने । १६८मोल सड़क है। कलेकर, डिपटी कलेकर जायजोको पिताके पद पर पधिष्ठित नहीं किया, पम पर . पोरसइमोलदार प्रमभकर्ता हैं। डाके प्राय: पड़ जाते | जावजीने पेगवाके गाममको कुछ भी परयाम कर - ममें तीन बड़ो जमीन्दारियां है। मालगुजारो | बहुतमे आदमो संग्रह किये पोर लूटमा शुरु कर दिया। . कोई सम्मान ८० हजार है। इसमें ३ म्यनिमपानि.. तब शायजीको पर्यंत छोड़ कर पेगया सम्पदसमें टिया । शिक्षाको अवस्था पच्छी है। मिल जाने का पाग मिना। पास नायजीने हमको २ युसप्रदेश मालोन जिलेकी उत्तर तहमाल धोखा समझा पौर ये खानदेगको माग गये। रामभो यह पघा२६ एवं २।२० उ. पौर देगा. ७.३] मामा नामका जनारका एक कर्मचारी आपोका . सया २१ पू के मध्य अवस्थित है। वफल ४२४ । भव था। उमने लायजोको पकड़वा देने के पभिमायने वर्गमीम पीर लोकमप्या प्रायः ११.३८१ है। हमने कुछ मेनाश पारो पारमा दिया पोर पुद कुछ मैनाली २ मगर पोर २८१ गाव वसे । मालगुजारी प्रायः | म.व ने उनको नाम निकला। प्रावोने परमात् । ....).। पचिममें पहन पोर उगारमें यमुना एक दिन रामजो चोर उनके प्रयको मार डाला। इस पर । नदी प्रवाहित है। . . . .. ! पेगयाने घोषणा को कि "ओ सापनीका मम्तमा युभप्रदेगले नाप्नोन निमकी जालीम तस्मोनका देगा. हमे उम्युष्ट पुरस्कार दिश आमन" शारीने . पदर। यह प २६८. और देगा:०८:२१ रमाथाय पाययौ रक्षर.गुग्ने उनकी भरपूर म :