पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३१२

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नावद-खाया (यवहोप) 'यता दो। नाना पाटनीसने दाजीकोकात नामक एक आवगम भागको मामया एजन्मोका एक राजा। कोम्नि मदारको जायनोको पकड़ने के लिए मजा। पक, यह पसा. २३. या २३ ५५उ. पोर देगा. दिन जन्तम दाजो पोर. आयजोको भेंट हो गई। दाजी ७५ • एव ७५३. पू. मध्य पम्पित किन अपनेको जायजीका मिव बताया। पोहे दोनों मान | ५५८ वर्गमीत । इमको मीमा पर इन्दोर. ग्यामिया, करने गये मौका देख जावीके एक प्रादमीने दामोके | रतनाम, पातायगढ़ पोर उकुरास है। पागदो कोई यत्रोका पोरक्षा देखा, तो उममें नानाफड़नवीमका | ८४२०२३। उममें २ नगर पोर ३५० गांव बमे । • घोषणापत्र पाया। यह बात जायजीको मालूम हुई। मोग रामस्थानाको मायोय भाषा रागड़ी बानते हैं। एग्दनि रमी रातको दाजी चोर उनके तीन पुर्वाको मार भूमि बहुत उर्वरा है। नोमच मज तथा जायरापिर. डाला। इसके बाद जायजोको पकड़ने के लिए विशेष सोदा मड़क पौर राजपूताना मालवा रेमधे पप बम्बई प्रयता किये जाने लगे। बावजोने नामिकके गामनकर्ता वड़ोदा मेटम इण्डिया रेमये को रतनाम गोध।। बड़ोदा धुन्ध गोपालके परामर्शमे समस्त दुर्ग पादि तकाजी गावासे पाना माना जाता है। राज्य ७ तहमोनाम सोनकरको गौंप दिये। कोलकरकी मध्यस्थताम जायसी विभक्त है। पाय ५ मायाराफीम पर के सारे अपराध माफ कर दिये गये पौर उन्हें राजूरके प्रति मन कोई कमान पड़ता है। १८८५ मे ६. गांवों का सूबेदार बना दिया। जावजी एम पद पर | पहीलो रुपया घसा है। १०८८ तक रह कर अपने हो किमी पनुचरके २ मध्य भारत लारा राष्पकी रामधानो। यर प्राघात नोक त्याग गये जीयन शेष भाग | पचा० २३३८३. पोर देगा. ७५. पू.मराज- जायजीन डब तियां बन्द कर दी थी। पूनाना मानवा रेमवेकी अजमेर पापहवा गाणा पर ____जावजीकी युवा अवस्थाका वियरगा इम प्रकार | पड़ता है। गफरणाने पटकियांमे इमे पपनो राजधानी मिलता है कि, इनका गरीर दोहरा था. काम करने धमान के लिये छोना या। यह विभिन पशु ये धर्म के रनका घदुत साह था पर देखने में भी खममूरत थे । लिये २६ मुनीम बटा है। लोकमस्या माय: २१८५४ ये बहुत ही पञ्चतपक्षसिके पोर दुश्मनोय थे। नावद-मध्यभारत के ग्वालियर राज्य मन्दमौर जिले का पावनो - बम्बई प्रामा मसारा जिले का धत्तर तातुक । नगर । यह पक्षा. २४२६७. पोर देगा. ७.५२ | यह पक्षा. १७३२ एवं १० ५८० पोर देगा। • पू.में ममुद्रपृष्ठले १४१ फुट अपर पवम्यति । जनः | ७३२६ नया ७३° ५८. पू. ममा पस्थित निय मच्या काई००५ होगी। प्रायः ५.. वर्ष पहले जावद | फम्न ४२३ वर्गीस पार मोशमग्या प्रायः ६५५८०है। "यमा था। यहां भवाउके राणाका राजा रहा । राणा. रममें एक मगर पोर २४८ गांव धमले। मालगुजागे मंग्राममि' पोर उनके उत्तराधिकारी जगमि कोई ८१. पोर मेम ८...०९ वर्ष भर घरा ममय पारदीवारो यमो । १८१८ जनरम ब्राउनने घर ठडकरतो पौर या पता करतो । उभे पधिकार किया, परन्तु पोई मेंधियाको मोटा दिया। जावा (यपदोप)-भारत महामागरम्य मतदीपपुत्रका १८४४१०को जावट उन जिलामि लगा, जो पालियर | | एक मिा पोर बड़ा हीप। यर पक्षा• ५१३५४ में कगिटन एट के खुर्घको । परन्तु १८६० में | ४६.४३. और देगा.१.५१२४. मे १४१५ याह में धियाको मोपा गया। पनाम पोर कप का बड़ा १८' पू.में पथस्थित है। यह दीप पूपिममे १२२ काम है। पहले यह पानकी रंगाई के मिशे पमिड या। मोम और पाज भी शायद यम चूड़ियां बनायो; पोरं राजपूताना विपने १२१ मोम शित। 'पहुंचायो पायो । निगाले प्रोमादामों का यह प्रचलि पामाप जाश्य (मो.) जमनम्य भाववादिपा पम्। चापागारम बनानानं परमो पोतकारको सगति, जामा । प्रारीन कार्तिपा मोरयमय सभाको. पणन पर Vol. vuI.70