पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३१७

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२८२ नावा (यवदीप) . : म प्रकारके पसी पृथिवीम पोर कदीमी हरिगोचर नहीं पाधुनिक भूतषविद विधान सिर या होते। यहां छमात प्रकारके सुनहरी पूंछयाने मयूर पहले सिंहलमे जागा तक बिन्तीपमहादेग था। घर देने आते हैं। हम देशको हितली ( Calliper | भी प्रमाणित पुपा है कि भूगर्भय अनिधि और hutt rils ) मी मौन्दर्यचित्रको चरम निदर्गन । भाग्नेयगिरिक पन्चपातमे उन भूभाग मु हर जाया में 'कलाई नामक एक प्रकारका चमगादड़ जाने पर भी, पनति प्राचीन साल में समाता, योनियोजा पाया जाता है। इनके उपद्यमे नारियल तया पन्चान्य 'पादि सीप एकतामम्बा थे। समावा गमोर पूरे फनीको रक्षा करना कठिन हो जाता है। ये खेत में सोदे जाने ममय उसमेंमे हिन्दृष्ट्यीको मूर्ति निरी शुम फर मझा और पंग गुम खाते हैं। किमान लोग यो। पफरीका मोमाली तया अमेरिका ममियो पहें जान विका कर पकड़ते हैं। इमके पनावा प्रदेशमे मिनी पिन्दू-देवमूर्तिक माय झामा हिन्दुस्तानी चमगादड़ भी बहुत है। ये बड़े बड़े पेड़ो मूर्तिगिया सम्पर्ण मादृश्य है। सुतरी या प्रमापिर . पौर पहाड़ी पर नामोंको मण्यागे एक हो कर मटके ) होता है कि पति प्राचीनफानी जामा मागोय. रहते हैं। पर नीचे जो चमगादडीको पीट पड़ी निवेश स्थापित एपा था। परिगामें हिन्दुपका मनीष रातो है. उममे प्रतियप जार मनमे भी ज्यादा मोरा निदर्गन कुछ भी नहीं है, किन्तु यालि और सीर बनता। 'सुरकर्ता के पधिवामियों के लिए यह हो (नाया) में भय भो हिन्दुत्वमा जीवित मिदा म विए. प्रधान पाया। मानहे। यहां यन्दर भी बहुत प्रकार के पाये जाते हैं। जाया- इतिहास-नाया नाम जहां तक ममय है यार. भापा बन्दरको कवि(कपि) कहते हैं। इनमें घोर गदका पान किन्तु यह मही का सामना फाने रङ्गका बन्दर अधिक प्रसित है। ये ७... फुट | कि 'जात्रा' कामे व मान समयमै निरोप मचे पहाड़ी पर विचरण करते हैं। चूदा, वरगोग, | बोध होता है. माधोनहानमें भी ठीक उमी कोसा मेसी भीर. गिलारी यहां यहुत हैं। सर्पको या नोग | बोध होता हो। यह निषित किमो ममप मारत पूभ्य मानते हैं। यह िजुगन, रातको विराग में महासागर के दोम्पुत्र पिगंधा समाया मायानाममे चमफसे है। अर्जनपक्षीके पहमि उज्वल सरणकी अभिहित होता था। मका प्रमाण या किसम. भौतिका पदार्थ लगा रहता है। इसके मिया यहाँ माटा' नामक मुमलमान परिमाज ईमाको रक्षा Babirurga, Peri crocottur, Miniatur, Yellow | साप्दी में समायाको 'जाया और वर्तमान जाभाको Torgon. Anclipur, Sanguinolentus, Stenopus, 'मून आया निवाई। जायाको गजममाको भाषाम Javanicu५, पादि नाना प्रकारके मागी हाटगोचर मे 'मासिकात पर माधारण भाषा भाया। भोको पर इसमें मारनदी कि योप गद रोजागा __ यहां की नदियां पोर इद विविध मध्यपूर्ण परिवा पासपोश एलिशामिल मति पधिशामिगण नाना प्रकार के नाममि गदी पोर समुद्र में मेर-दिएवं मोन परिमारा फारियामी ". मादमी पका करते तया नाना प्रकार सुनहरी पोपो' निपा परयो मायाने हा प्रागोमन । जनपर पक्षियोंफो भन्ध रायशि समुद्र में एक नाम 'का । मरमे पाने मांगा गया प्रशार पास कीट देगनेन पाते जिनकी पूंछ | १३४११ एक गिमाने इरिगांना पाप हर ममय पदार पीने पोर ही रहके फीकी तरह | रोकार परिमाक मा पोननि सामागद मास पमस्ती है। ऐगे इम्म्यनयन कीट प्रथिमीमें पन्या सुन्दर दोपका योध किया था। कसी भी गी:-ये गमुद्र मध्यस्य प्रमालापम माम | रामायण पठन पर म प्रगोन को जाना . [१ किमीप गामने जिन्दमय पतिप्राचीनमामो ।