पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३२०

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बाधा (ययझोप) २८५ विजयके ममयमें केमें सुविण्यात योगेदरका मन्दिर | माने मिड किया है कि हम गदने पन्नायके वना था। दक्षिण देगस्य नवगम्यनोका पोध होता है गुजरात उस समय गुर्जरोंके प्रधान था। गुर्जरों गुमगतो भोगावा सा का रायपुर. यार माय समनिह ममुद्रगामी मिहिर या मिद नामक मुन कर बहुतमे लोग ईमाको की गताप्दोमें जाया गये नातिका घनिष्ट सम्बन्ध रहनेमे पनुमान होता है कि थे। इन लोग भो ममत: भारतमें पिताडित होकर उमने मम्भवत: जावा उपनिवेग स्थापन करने ममय जावा पहुचे थे। ८५.९ में मुनेमान पोर १५ 'महायता दी थी। यह भी मम्भव है कि उन लोगों में मासुदी नामफ परम* भ्रमणकारियों ने भावा सम्मानरक्षार्थ हो जावाको राजधानीका नाम मेम्दान हिन्दु विषयमें मिनिन्वित विवरण निमा- रक्खा गया था। पीछे बघा वाधव धर्म का प्रभाव "पाग्ने यगिरिक घामपाम रहनयाने मनुका रंग मफेद, खून बढ़ गया, तब उसका नाम बधावनम् या ब्राना कान बिदे हुए पोर माग पुरा ना होना वरिन्द्र नगर रख दिया। एवं घोडयम के रुपामा ए पोर गोमतो चोनों का 'माया और कम्बोडिया के प्राचीन इतिहाममें गुजरात रोजगार करते हैं। मिवास्तिमापुर, तक्षशिला पोर रूमदेगका मा उल्लेख फिनाल फरामोमो प्रयनायिदीने नपक्षापूर्वक है।म नामों नया गान्धारका उन्ह रहनेमे यह प्रय भारत माघ जायाका सम्बन्ध यिर पिया। पस खतः ही सदित होता है कि, क्या उमसे कावुन, पेगावा दिन पहले मेनपायरने एक विवित गोयाम दो सम. और पशिम पजाबके माध भो जागका मम्पन्य मनित ही नो योधिप्रय' और 'करार' नामसटोदेगोका होता है। कम्पोज, गान्धार, तक्षशिला पा रहमदेगको उसे पाया था। परना उमममय ये उ गों में परित ख्याति भयोध्या या इन्द्रप्रस्थ के समान नहीं थो। सतर्ग चित न बी१२. . L. Finot की मलय यह सम्भव नहीं कि नावावामियोंने सुधा को उ उपत्य'की एक मिपि तया १८१२० पोनन्दा नार्मों पर गर्व किया हो । प्रत्य त यहो पनुमान होता प्रवताविक II. Kern को बन्दकोषको एक निमि sm १किटम स्थानों में मलय पर जावाका ऐतिहामिक होना ना नाम मिले। उधर टाचिपाचोम • सम्बन्ध था। दक्षिष्प मारवाड़में पय भो या प्रवाद ) वंगीय गजेन्द्रपोल गिमानेयमें (१.१२-१.४२१.) प्रचलित है कि मानयाक लोग जाया जा कर धर्म छ। लिया है कि उन्होंने ममुह छम पार कटा पोर १८८.५ में भीनमाल के एक धारणने जैकसन माध्यमे यौविजय पर जय प्राम कर गर्व किया था। एसमने निम आ कर कहा था कि "उनके राजा भीमने पमन्तुष्ट ममय म लिपिको पहले बहन महागिम किया पा, हो कर अपने पुत्र चन्द्रयनको देश निकाला दिया था। म ममर उ देगों को भारत को पता पम्ट्रयनने गुजरात जा कर अहानों का संग्रह किया पोर! ममझने । वामा पेह महामने निशि आवा पर। मारवाड़ और गुजरातमें एक कहावन ममुद्रिक अभियानका उप होने कारण पमुमान प्रचलिम उससे भी बाधा माघ भारतका सम्बन्ध होता है कि दोनों देग रद पोनर शिमो प्रदेश प्रमाणित होता है। जैसे- होंगे। फिलहान फरामोमो वितम् .R.Corder - "जो बारमाया तो कभी नहीं मारे। पोमो तिहाई मार द्विनि घटनापाको भना . मापे यो सास पीली बैठ जाये।" कर सिद्ध किशशिममय-उपचका पतमान हा पानी कमदेगका उप किया गया है, उमसे बन्दरका हो प्रायोन नाम कटारा और गुमागाई पतमे लोग पनुमान का किलायाम रोमनों ने। पेमड का पापोन माम घोविन। ममें मामम उपनियोग स्थापन किया था। परम पिपणापूर • khaniya n देखनमे पनुमान पिप्या प्रतोस होता। अगम! Rasant tuct: Vol. VIII.