पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३२९

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२८४ नावा (यवहोप) . - AMA HTTA140 KARN ..

i nc... RA -:- L २४.. .. ..... २ . rantrtsta 5:32 MP 1558 H ERE GuS. परयदरका सप्त तल-मन्दिर । पौर मात खगड़ो में विशाल है । १८८३ ई० के अग्न्ध तातमें | मन्दिर र खण्डों में विमलया। अब भी उक्त मन्दिरम' इसका कुछ अंश टूट गया है और मन्दिर के भीतर बहुतसे | ७२ देहगोप विद्यमान हैं, जिनको अचाई तोन लाडके भस्मादिक टेर लगे हुए है। भूमितलको भित्तिगिलाकी बराबर है। मातल के समस्त प्राचोरोम जितनी मूर्णिया नग्याई-चौड़ाई ६२० फुट है। परले खण्डका प्रत्येक हैं, उनको यदि थेणीबद्ध रखा जाय तो ये २ मीलने पा ४८७ फुट नम्या है दूसरे सएइका ३६५ फुट। भी अधिक स्थान घोगो। इमोमे पनुमान किया जा इसी तरह फ्रमशः घटता गया है। मातवे वगायो ऊपर सकता है कि मन्दिाम कितनो मूर्तियां है। ये मूतिया एफ विराट, गुम्बज वा शिावर है, जिमका प्याम ५२ फुट घपूर्व गिन्य ने पुण्य मरिहत हैं। मोभाग्यको बात है कि है।हमके चारो तरफ अपेक्षाकृत छोटो गुमटियां हैं, यहां महमूद या काना-पहाड़ा अभ्य दय नहीं . जो गिप्प मोन्टर्यको हदि कर रही हैं। मन्दिर में प्रयेग मनुष्यों का उपय न होने पर भी यहाँ बहुत बार यिषम ।। करने के लिए चारो तरफ चार विराट मिहदार हैं। भूमिन व पोर अग्निगेलका अग्न्यम हो गया है। पातु पौर भपूर्य यारफाय महित ४ मोपानमालाए है। इतना होने पर भी यह मन्दिर अपना सम्त म पंचा प्रत्येक मिहहारफे दोनों घोर विराटकाय दो सिंह मानो शिये हिन्दू-सभ्यताके प्रपूर्व गोरवको धोपा - कर प्रहरीका कार्य कर रहे है । भूमिनन्नमें एक हारके पास रा है। पड़ी भारी बयाको मूर्ति घो; अब यह भग्नावस्याम मन्दिरका यहिभाग स्थापत्यालशारम विभूपित है । कुछ दूरी पर पड़ी है। शिन्त यहां कोई विशेष प्रातय ऐतिष्ठामिकरण Sम मातान विराट मन्दिर में मार पोर भीतर । पांच प्रमिह मोपानमर्शमे २य मोपाममन हो हजारों देवमूर्तियां है। बाहर प्रयम पोर द्वितीय मोपान ऐतिहामिक रहस्य का समय भगदार है। एमका मोतरो म: Gallery ) पर माय: ५.० दुधमूर्तियां भित्तिम भाग युद्धदेवका नौनामेव । गान्धारमे पमरायतो पटुमत (IEas relief) है, जिनमे ४३३ मूर्तियां | पर्यश ममम् मृभागमें जितनो यौह-मूर्तिया में, क्य सपिट (प्रत्ये फको नचाई ९ पुट) और ईपदुवात | मोपानमधम उगमे सौगुनी अधिश, जिनमें १२० । यो अपर फुट वुइमलिया महावनीपुर मग मूर्तियों को विशेषतः उखयोग्य है। इनमें मे २.. • निर्मित है। मि. फर्गमनका कहना कि पहले या ! यो बुबघ जन्ममे पहले सुधिताका विपरन्तर