पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३६५

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४१२ गिलादारं-निगम तिलादार (फा. पु.) १ मनावत, सरबराहकार । मिल्पी पमनेर-भरार प्रदेश प्रगत पमरावती शिम । २ जमींदारने नियुक्त किये जानेवामा लगान वसूल करने मोरसी तालुकका एक ग्राम। या गांव भाम और मा का अफसर। ३ महर, फोम मादि मम्बन्धो किमो। नदीके मदमस्यान पर जलालखेड़ गएर दूमरे पामे . इम्स में काम करने वाला छोटा पफमर । । पवस्थित है। इसको पमनेर भी कहते है। लिलादारी (फा. तो०) जिलेदारका काम। | जिसन (प.सो.) १ पनादर, तिरस्कार. यासती । जिताना (हिकि.) १ जीधित करना, जीवन देना। २ दुर्दशा, टुर्गति हीन दया । २ प्राण रक्षा करना, मरने न देना। ३ मूर्षित धातुको मिमिक (सं.पु.) दक्षियस्थित देशभेद, टचिपमें एक . पुमः जोवित करना। । देगका नाम । ( भारत (प.) जिम्मामाज (फा• पा०) यह नो इथियारों पर पोप चढ़ाता जिमी ( ४०) पामाममें होने वाला एक प्रकारका हो, सिकलीगर। बांस। यह घरको कामन पादिक काममें पाता । मिलिगः सिरिड:-छोटा नागपुरका एक शार। यह जिमेल-मन्द्राज प्रदेश प्रमतर्गत कड़ापा जिले हे प्रोहा लोहारडागा नगरमे ७१ मील दक्षिण पूर्व में प्रधा. २३/ तर तालुकका एक ग्राम। यहा बाडोके किनार एश ११और देशा० ८५६१ पू.के मध्य पयस्थित है। प्राचीन प्रस्पष्ट शिलालेख है। जिलिङ्गा-छोटा नागपुर के अन्तर्गत इजारीयारा जिलेका जिल-दक्षिणदेशके एक प्राचीम राना मन्द्राज प्रदेश एक पहाड़ । इसको चाई समुद्रपृष्ठमे ३०५० फुट चोर रावतपशी, पामुलपाड़, आदि स्थानों में इसके खोदित पास पामकी भूमिमे १०५० फुट है। इसके दाहनी दानपत्र मिलते हैं। सरफ उपत्यका है. जिममें चायको सेतो होती है। जिन लमुखी (निनामुडी)-मन्द्राज प्रदेश पनाह जिलेबी (हि.स्त्री.) जलेपी देखे। नेर जिले के कान्दुकुड़ तालुक्षका एक प्राम। गांव जिलोपत्तन-राजपूतामा अन्तर्गत जयपुर राज्य के तौर. उत्तर एक जनार्दनदेय पोर दूसरा पाझनेयदेव प्रारीन यतो जिन्नेका एक गहर। मन्दिर जिएका-पहमदाबाद जिलेको एक छोटी नदो। इसके निलहोर (हि.पु.) पगान फाटा भानयामा एक किनार प्राचोम भीमनाय महादेव तथा बटुतमे प्राचीन मन्दिरादि हैं। प्रकारका धान। जिन्द (प. सो.) १ चमड़ा, मान, सलहो। २ त्वचा, जिवाजिव (स.पु.) चकोरपघी। अपरफा चमड़ा। ३ पुस्तकको एक प्रति । ४ माग | जिगु (म.पु.) जयति जिप गन । ग्लाजिस्वमग्नुः । किमी पुस्तकका पृय सिला मा खण्ड। ५वह पट्टा पा ३२११११ विण । २ इन्द्र। (भारत 011). या दफ़ जो किसी कितापकी मिसाएं शजवंटी पादि। ३ पशुग, युदस्यसमें माहस पूर्व क कोई पशुभके मामने । करके उम जपर उसकी रमा लिए लगाई जातो है। नहीं पा सकते तथा ये पत्यन्त दुई पंग की जय जिन्दगर (फा पु०) जिन्दगद। . करते थे मीनिये परामका नाम निशु, हुपाको। जिन्दय (फा. पु.) जिल्द बांधनेवाला। ४ मयं । ५ यस । । भौरय मनुके एक पुत्र का नाम । जिन्ददी (फा. मो.) पुस्तकको जिल्ट योजना (परिवंश ८) (वि.) 0 जयगोम, शोनमेवामा, काम, जिल्दबधाई। फष्मंद। जिन्दमात (मा.पु.) शिन्दया निशुगु-नेपालकै एक राजा । ये मन्मयत: शर्माले शिष्टमाङ्गो (फा• पो.) कितावों पर जिन्द बांधनका पंगधर पोर उनके पाद गला। ममय में काम, दिवंटी। मोदित गिनाले भी मिनी । म पढ़ने में मातम जिन्दी (प. वि)त्व सम्बन्धी, पमहे समय रखने होता कि जिला गुम मैपात मागीन राजा नी बाला। . .. .. .. .. . . ' धे।लों में सिच्चयिय योय मामयराधिपति देश