पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३६९

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निज-मित्रा.. निशान (म. वि) जिन जिज्ञाया प्लासि ग्यशाति परः । मुम्ब पीर गानो कप में टहा । यह एक बनो। यानीसि जिताक। भोजमलोलुप, पा. पटोरा सन्म झिनोटको है, यह मित्रो रमनाम निकमो दी . मिश्रा (मनो . ) नयति यममनया शियन् । मेररह- सारमे मयंदा मोगी तो है। नोधेको किमी नहर निमारावामीराः। 41५४ । यन् प्रत्ययेन दुगागमे सो पतली, चिकनी भोर स्वक। मध्यम्याममे मिx निणसगात् साधः। रमजानन्द्रिय पर्थात् यह इन्द्रिय अग्रभाग तक एक पीसर। जिला जिप हारा कटु, पत्र, तिल, कपाय, मधुर पादि रमो. पोर पामपासको घमो मोटो तथा नीमे हो परता. का पामादन। माधारन भापा, रमको जीभ या प्रधिक फिद्रयुक्त या कोपमय है। रमी धमड़ो पर मोम तरान कहते । इसके मरुन पर्याय-रमजा, रमना, उभार या काट रहते है पोर इमो पंगमे हमको ममम्त . रमान, मधुम्रया, रमिका, रसाशा, रमन, जिक, रमा. दृष्योंका स्वाद मालम पड़ता है। जिलाशा निवभाग । सोला. रमाना, रमता पोर मनमा। इसका पधिहाता| कुछ मोमपेगियों धारा पन्यान्य पंग माय मयुट देवता प्रवेमा है। पग्निकी शिना सात प्रकारको होती है, रोनेके कारण यह नियमित रूपमे निम्न डोम सस्तो अमे-काली कगली, मनोजवा. मुशोधिता. मधमय, | पोर इच्छानुसार विभिव पालतियों में परिचत की जा पुसिदिनी घोर विश्वरूपी। (गुरुयोपनि०) मकती है। मामपेशियों के विभिन्न मतगेम यथेट परि. अधिकांग प्राणियों को पांच प्रधान इन्द्रियाँ हैं । भिव | मार्मे पर्यायुमा पंग पोर खेत पोतवर्ष की पेपियारे, भिवन्ट्रियों दाग भित्र भिय कार्योता है। इन पांच नो कुछ गिरासायु पोर धममोके माय मयुख। इस्ट्रियों में जिन भी एक है। इसके द्वारा रमका स्वाद निशाके गेपभागको भोर जिसने पामर होते. पाप किया जाता है। मनुषको शिक्षा माममय भौर | उतने ही काट कम दिनलाई दे। तया प्रभाग पोर मुह-वियर के बीच में होती है जिसको मनुष्य र शनुगार | पामपाममें काटे विएफ न नहीं दोषते । यए कांटे सोग उधर उधर बिना इनामझता है। किसी पदार्थ के खाते | प्रकार के हैं । एक नरम के काटे ऐमे २. गो माधारणतः . समय पथवा मुंहम किमो माय पदार्थ के रहने पर तथा ७ या ८ दिखनाई देने मोर २ मे ज्यादा वा श्मे कर बात करते ममय मित्रा नाना दिगापोंम चलती रहती है। नहीं होते। ये कोपा फोपो दो योणियोंम मिमियार .. निताका काम प्रयाम्य इन्द्रियों से चल नटिन । होते। झिनोपावे असं जमा होते हैं, या रसमे दो कार्य सम्पच होते। मकै हाराहम | मिनी कुछ मीपो होतो । म प्रशारक गटामो . पास्वाद पाप, गन्दों का प्रचारप भौर द्रश्य म्पर्य कर पंग विधान मगनी ( Magnee ) करते। सकते हैं। जिसका अपरी हिस्सा एक सूक्ष्म स्वकमे रिसोय प्रकार के कारोको मया परोपे पधित टकाए। इस स्थामसे किसी द्रयाकै पालाद प्राय है, जो उनमे छोटे हैं। इन काटकी पाति ए . पयवा स्पर्मन रा समय गुप पयगुप समझनेको प्रकारको नी तो-कोई पचन्द्राकार, कोरे मन गलि उत्पन होती है तथा ािके मसिपिण्ड के अभ्यन्तर पाकारकै पोर कोई यात पारीक नको होते हैं। यह • प्रदेशमे रमको पासमा गतिकी उत्पत्ति होती है। कुछ चिपर्ट होते. ग्रेजीमें इनको मयि हुनर पचारा देख कर निराकी वा पासति प्रतिको ( Ianticular ) करते शनिद्रा पोर B काटीको परीक्षाको ना मकतो।बिहाके प्रायः ममम्त पंग कोनिमम (Corical ) पर्यात गियाकार करते हैं। पम्पमा सून माम सीता यमे ये मामगिया बिकास मित्र मिय nिit पोर एकर पेको विभिन दियायों में मग्यापित पोर मव, पोर ममान | म्वों के मिया फुट पेगोगुम । म पर ममियोको माप तरतीबयार मनीशिता पधिकांग माम क्रिया होनेमे जिवा मूनदेगकी पम्पियो पत्ती । देसी रामरी पन्यामा गोरे ला मिलो है। निशा भिव मियनोन जोड़ी मायुके माल नही Twitter पर मई मे पोर नीरका रिसा है। : . . ., ... '