पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३८२

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३४३ . नौरकादिमादक-नोरां जोरकादिमोदक (सं० पु. ) जोरक आदियम्य म: तादृशः | वाधवका फूल, विकटु, गुड़त्वक, तेजपत्र, इलायची, मोदकः, कर्मधा० । वैद्यकोत मोदक पौषविशेष, एक माचरम, कलिङ्ग ( इन्द्रयव), प्रभ, गन्धक, तथा पारद दवाका नाम । इसके बनानेका तरीका इस प्रकार है इनमेंमे प्रत्ये कका समान चूर्ण और इन मसे दूना वहा पूपित औराद पल, तभर्जित और वम्वपूत | जायफल का चूर्ण, इन सबको एक माघ मिला कर पच्छो सिक्षियोजचूर्ण ४ पल, लोह, वन, अध, मौंफ, तालीयपत्र, तरह घोटना चाहिये। इस चूर्ण के भवनमे ग्रहण जयित्री, जायफल, धनिया, त्रिफला, गुड़त्वक, तेजपव, । अतोमार प्रादि अनेक प्रकार के रोग नष्ट होते है। इलायची, नागकेशर, लवङ्ग, शैलज(छरीला). वेतचन्दना | (भैषज्यामावठी, प्रहयधिकार) चाल चन्दन, जटामांसी, द्राक्षा, गठी (कचूर), सुहागा, जीरकाधमादक (म.पु.) नोरकायः मादकः, कर्मधा। कुन्दुरखोटी, यटोमधु, वंशलोचन, काकोलो, बाला वैद्यकोत मादक पोपविगेप, एक दवाका नाम । प्रजप्त (सफेद मिर्च ), गोरक्षो, विकटु, धातकीपुष्य, वित्वपगो, प्रणालो-जोरा ८ पान, मोठ ३ पल, धनिया ३ पल, • अउ नत्वक, शलफा, देवदारु, कपूर, प्रियङ्ग. जोरक, शुलुफा, अजमायन, स्याह जोरा, मत्वकका १ पल ; दूध मोचरस, कटुकी, पद्ममाठ, नलिका इनमेंये प्रत्येकका ८ मेर, चीनी । मेर, घो ८ पल, ऊपरमे डालने के लिए चूर्ण २ तोला ; यह सब मिला कर जितना हो, उसे | विक्रट, गुड़त्वक, तेजपत्र, इलायची, विड़ा, चव, दूनी चीनी मिला कर पाक करना चाहिये । पाक हो चोतेकी नड़, माया, लयन प्रत्ये कका १ सोला। जाने पर घी और मधु मिला कर मादक बना लेना इमके मेवनमे सूतिका और ग्रहगोराग नट होता चाहिये। फिर इसकी १ तोलेकी खुराक बना कर है। यह अत्यन्त पग्नितिकर है। (भैयरमा) खाना चाहिये। इसके सेवनसे मब तरहले ग्रहयो और जोरण (सं० पु.) जीरकः पृपोदरादित्वात् कस्य णः । अम्लपित्तादि नाना रोग नष्ट हो जाते हैं। जीरक, जीरा। (भैषज्य मावली, महण्यधिकार) जोरदान (म० पु० ) जोर चित्रं नशीलं वा ददामि । पौर भी एक प्रकारका जीरकादिमोदक है, जिसकी जोर दा नु। १ शीघ्र दान । २ क्षिप्रदाता, अरदो • प्रस्तुत प्रणाली इस प्रकार है-जोरक, त्रिफला, मुस्त, देनेवाला। गुड़धीत्वक, पन्न, नागकेशरपत्र, नागकेशरत्वम्, इला. जोग (हि.पु. ) जीरक देखो। यचो, लवडा क्षेत्रपपंटो, इनका प्रत्येकका चूर्ण १ कप जोरा-१ आसामके पन्तर्गत ग्वालपाड़ा जिले का एक (या २ तोला), इन सबमे दुनी चीनी मिला कर पाक | ग्राम। यहां प्रति सप्ताह एक हाट लगती है। हाटमें करना चाहिये। पाक हो जाने पर थोड़ा धो भौर मधु गारोलोग माह प्रादि पर्वतसे उत्पन्न द्रव्योंकि यदले कपड़े डाल कर मोदक बनाना चाहिये । इमको १ तोला नमक, चावन्न और मूवी महनी ले जाते हैं । म ग्राम: सुबह खा कर, पीछे ठगड़ा पानो पोना चाहिये। यह के नामानुमार जीराधार नामक एक विम्तोणं भूभाग मोदक जोवर, विषमज्वर, मोहा, अग्निमान्य, . है. जहां पहुत अच्छी पच्छी थालको नकहो पाई जाती कामना और पापड़ गको नट करता है । इम मोदक । है। को स्वयं महादेवने बनाया था।

२ गुजरातका एक शहर। यह प्रमा०२११६ न.

(निरिसासारसं० मरापिकार) और देगा. ७१४ पू० मध्य राजकोटमे दक्षिण पूर्व जोर कायचूर्ण ( म० को०) ओरका चूर्ण, क्रर्मधा. १ मीन टूर तया भड़ोंचमे दक्षिण-पशिम १२२ मोन वैद्यको एक पोषध । इमको प्रस्तुत प्रणालो हम दूरमें पयस्थित है। प्रकार है-लोरा, सुहागा, मोया, पाठा (निमुका), रेवा राज्यके अन्तर्गत बघेलखण्डका एक बैलगरी, धनिया, वाना, मसपुपा (माया), दाडिमका यह ममिराममे १२८ मीन दधिय-पशिम, प्रचा. २३ .छिनका, कुटनकी छान, ममत्रा (मराहकान्ता), धातकी ५० 3. भोर देगा.८२२० में पढ़ता है। Vol. vul.80