पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४०९

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३६६ लोवामा मा पनि पचनेकी गामिन कर गिमा सो । ममारी (पर्यात् जोधामा पोर frARRY FAT, जिसमें ये पमयमा माभमें परम पादिरा । उ पाठी कर्म यो जायगे उसी समय १।। ईमा प्रायः पा करता है, मोग पाने की पर पिर या परमारमा पर्म परिन को आप am गोशाफर धर उधर गोगा मरते हैं। पतपय छतन्यस्वरूप पोर कर्म ज गदीश मापस श्रीव पामामाशा घर होने पर भी यदि पान अनादिकालगे चना पा रहा है। जोPART मुधिया मिति लिए उपाय पवनमम करता है, तो समने मोष शाद फिर ममारमै गरिमाण नहीं करना पड़ता , हामि परा! वान Thra युहिके पनुमार पायक पर पा परमारमा परे। ये पतोको कारण शतप्य की प्रतीत होता है। पदार्थको सटि नहीं कर मकरो। परमामा मात्र बुद्धि तामेन्द्रिय पवा महित विज्ञानमयकोप, मन मझटमि बिलकुल पसगर चोर ये अपने पति कन्द्रिय महित मनोमयकोप पोर फमन्द्रिय महित। चेतन्य, पगना गुप, मम्यकदर्गन, मर्यप्रसा. पारमागिता माप प्राणकोप गिमा आता है। इन तीनों कोयाम आदि गुणमि को तमीम । जगत्मा को भो विधाममयको सानारिमान पोर फत्तत्व गहिमम्पय मही'; अगा पमादिकानगे ऐमा हो पोरपना हान है, मनोमयकोष स्वागतगीन पीर करणस्थापक मक रहेगा। मन, बचन पोर कायको पक्षमता को मया मापमयकोष रियागशिगामी पोर शार्य परपरे। पाप या पुण्य कमीका पन्ध होता । रा पनि जान्द्रिय, पाच कर्मेन्द्रिय, पाम प्राप. बुद्धि और परमात्मा मन जघन काय इन तीनों मे गुम्य , पाने गमरम मसाके मिलने पर हम गरोर सोसार, जिम कालिम जान सन्मयामनिए उनहा महिका को किनिनगर करते है। यह सिगरीर एसोकसीना पमभम है। ओयामा या मंमागे पारमा धर्म पौर परलोकगामी तथा मुसि पर्यत म्यायो । म नि । सी। मकै क्षेत्रम पोर फार्मग दो गोर ममदा , गोरक्षा अवस्य मारीर परित्याग करगेका ममय उप-, रहते हैं। पायुकर्मको पधि पत्रमार भगाय, पिम मा ६ उम ममय मे जनीका एक न होती रहती है। किसी याति या पएको सादिको यसम्पग किये बिना पूर्वायिम हमादि महो त्याग मयु होते ही उसकी पारमा सेजम पोर कामर मो . ममी, येमे हो पामा (पर्यात मिशीर )को मायुक सहित तौम समय (एक समय पहत कोटा चोता है, पथदिन पहले एक भावनामय गरीर रोता है। एम. एक मेडेपर के अन्दर पर्मण्य ममय बोस जाने) जीर होने पर यात्रीयनव्यापी कमगि पाकर भीमर पन्य रोर धारण करतो । पासा पर . परिणत होती है, कि कर्म के अनुसार कोई भी मगुण है। जब तक या कम गुक, सब म एकदमादि 40, पती, फोर पादि एक पायय मेने पर पामा | भोगती है, फर्म मुन्न होते ही पामरम पद पा पर पना मिगर माघ म देशका पाया से कर पूर्य देश मुपका अनुमय परती। समन् देगे। परित कामी | KE देयो। प्राण निकम ममय भीमादान ( मी . ) जोयानां सादाम, इतन् । प्रद नारोमिनिकमा चौर रोगीकी पासामे यमग घोर विरेचन पद प्रश EHA -प्रति गौरमै पक एक पारमा! यापद होता अन नाम जोनादान है। । गदिमको पा'मा पृपा पथक म हो कर एक समारमा - सिमा मो. नी.येक प्रापोडी पक RATन मुसा परियोग का रोता दो पपादिको प्रतिनी होतीपमा जम fri दिन और मकान माम मोक्ष TRIयामोपERE मारोग माग गुदः .. MAIो पनि परम पोम .