पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४२४

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नुहाई-सुमला ३०८ असंगत माल म पढ़ता है। भारतवर्ष में जुइरोको | जुधन्न --पन्नाव प्रान्त गिमला मिलेका एक पहाड़ो . बाहुम्यरूपमे होती आई है। क्या शोनप्रधान ओर क्या राज्य। यह प्रमा० ३.४६ तया ३१. उ. चोर योपप्रधान, मभी देशों में जुन्हरीको खेतो हुपा करती | देगा. ७०२७ एव' ७०५० पू० मध्य पयस्थित है। है। परन्तु ऋतु और स्थानके भेदमे उमके पेड़ को लम्बाई | लोकमग्या प्रायः २११०२ है। पहले जुबल मिरमूरको और पत्तै प्रादिके परिमाणमें कुछ न्यूनाधिक्य हो जाता कर देता था, परन्त गोरपा युद्ध के बाद बाधीन हो है। चीन, जापान आदि देशों में भी ईमाशी १६वीं गया। राजा राज्यका प्रबन्ध ठोक तौर पर न धना मो, शताब्दीके अन्तमें और यूरोप में उममे कुछ पहने नुन्ह-। इसलिए १८३२ ई में टिग गवर्नमण्टने उन्हें मिला. रीको खेती शुरू हुई थी। जुहगे प्रधानतः दो प्रकारको मनमे उतार दिया। रानाके अनुगोचना करने पर होतो है-एक तो वह जो कची खाई जाती है और १८४० ई० में उन्हें राज्य लोटा दिया गया। उनके पीय टूमरी वह जिमे पका कर म्हाते हैं। यों तो भारतवर्ष में, पदमचंदने बड़ी योग्यता माघ १८५७६.१८८९. प्राय: सर्वव ही ज्वार पैदा होतो है, पर युनप्रान्त पोर तक राज्यका परिचालन किया था। १८२ पञ्जायकी तरफ ही यह अधिक होती है। यहाँके । इनको मृत्य के वाद ज्ञानचंद राजगद्दी पर बैठे। राजा लोगोंका यही प्रधान खाद्य है। राठोर राजपून है। उममें चौरामी गांव लगते हैं। प्राय जो जहरी कची खाई जाती है. उमको खानेमे प्रायः १५२०००) है। पहले भाग पर रख कर जरा झनमा सेते हैं। जुहीमे | जुबलो (पं० तो० Jurilee) धार्मिक सय, घड़ा सत, भाटा, सूजो प्रादि बहुतमी चीजें बनतो है। जलमा। इममे दक्षिण अमेरिकामें चिका नामक और पसिम जुमान (हि. बी. ) जवान देनो। अफरीकामे पिटो नामक एक प्रकारका मद्य वनसा है। नुबानो (हि.वि.) जमानी देखो। जुम्हरोके की पेड़ घोड़े प्रादिके गाने के कामम' पाते | नयो-मिन्धु प्रान्तके खेरपुर राज्यका नगर । यह पचा. है। पके पेड़ों के सूख जाने पर उनमे कच्चे मकानोंकी/ २६२२ उ०पीर देगा.६.२४ पृ०में प्रवयित। हत छायी जाती है। लोकमच्या प्रायः ६८२४ है। लोग प्रधानतः मह धक- अमेरिकाके यास राज्यमें जुन्दरीका सन्न बनता है और रियोका व्यवसाय करते हैं पोर मोटे काम्नीन या गपीपा उस तेलसे एक तरहमा साबुन भी बनाया जाता है। युनते हैं। यहाँ भूतपूर्व मोरके बनाए हुए एक दुर्गका चिकित्सा कार्य में भी जुम्हरीका व्यवहार पावसायशेप विद्यमान है। करता है । मुमलमान हकीमों के मतमे यह प्रदाइनिया | जमषा-वम्बई प्रदेश, गुजरात परार्गत एक छोटा का, महोधक और पुटिकर है। यूरोपीय चिकित्सकोंके । करद राय । रमका क्षेत्रफल एक पर्गमोन है। यहांको मतानुमार जुन्हरीमें बना हुपा पोलेण्टा (Polenti)| पाय लगभग १५... है। घरोदाके गायकवासको प्रर्थात् जुन्दरीको सूत्रो पोर मेजिना (Jaizenn )| कर देना पड़ता है। अर्थात् जुन्नरोका पाटा बालकों और कमजोरों ने लिए जमना (Eि• पु०) ग्लेसमें पाद देनेका एक तरीका। यन्नकारक ग्वाधरूप, यवत हो सकता है। स्फोटक, उसमें कटीई झाड़ियों पीर पेड़ पौधाको मतम काना मूवागय प्रदाभादिमें इममे बहुत फायदा पर कर जलाया जाता है और बचो हुई राग माम मिला चता है। दी जाती है। पटाग मल्ट नामक एक तरफा नमक भी जुन्नरोग जमरगन्दो-दयामो एक ममि धेयाकरण। होने शगता सम नो पादि देगों में जम्हरोके फन गजिनमारका मंगकार तथा धातुपाराया नाममा एश बारीक भाषरणमे एक मकारका सुन्दर माग बनता है। व्याकरण-अन्य रचा। जन्हाई (स्विी०१ चन्द्रिका, चौदनो। ३ चन्द्रमा सुमना (फा. पि.) मध, शुग (पु.१२पूराना।