पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४३२

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जुरी-जुलाहा ३८० जुराफा पकड़े । वे ४ जुराफा ले कर नाइन पहुंचे | जुर्म (प्र.पु.) अपराध । और वहां जा कर उन्होंने चारोंको पशुशालाके मालिकों तुर्रा ( फा० पु. ) नर वाद । हाथ पेच दिया । मि. टाडमान ( Mr. Studiman) | जरीव (तु. स्तो० ) मोजा, पायताया। कहते है कि, जुगफा झुण्ड बांध कर रहते है और जुम्न (हिं. पु ) धोखा, दम, पहो। एक एक कुण्ड ६ से ले कर १. तकवा होता है। जुलना (Eि क्रि) १ मम्मिनित होना। २ भेट करमा, लिटाकोमे कुछ दूर (कई एक दिनका मार्ग है)। मुलाकात करना । उत्तरमें जराफा देखने में प्राते हैं। ये खुराफा समतल जुलबाज़ (हिं. स्त्री.) धत्तं, पानाफ । स्थानमें रहते हैं। पहले उत्तमामा अन्तरोपके पास बहुत जलवादी (हिं. स्त्री०) धूर्तता, चालाकी । जुगफा पाये जाते थे, किन्तु कुछ वर्धमे यहा ये देखने में जुला (फा.पु.) १ रचन, दम्त । २ रेनश पौषध, दस्त नहीं पाते। । लानेवाली दवा। जुराफार मोग चमड़ेमे ढके हुए है और पाकस्थली जुलाई-अंग्रेजी वर्षका माता माम, प्राचीन रोमौका जलाधारविहीन है तथा अन्याय अन्तरेन्द्रियाँ हिरणवी! पाँचवा महीना। पहले गेम एम महोने को फुरिटशिम् ममान है। इस कारण माणितत्त्वविद विद्वान् इसको (Quintilis ) कहते थे। केयाम जनियम मिशन हरिण और लालसारके मध्य एक पृथक् श्रेणीका पशु जिग समय पञ्जिकाका संशोधन पीर मंकरण किया था, बतलाते हैं। उस समय आप्पमियो प्रस्तावके अनुमार युटिनिस् पहले लिखा गया है कि, कोई कोई काहा है-म नाम बदल दिया गया । सिजरने मी मासमें जन्म लिया पशुो पीछे के पैसे सामने पर लम्बे है। परन्तु यह | था, इसलिए उनके उपनाम इलियम के पशुमार इमका मममात्र है। पन्यान्य परमोंकी भांति इनके पिछले पर नामकरण हुपा । भी लम्बे होते हैं। यह माम २१ टिममि पूरा होता है। म मामा ____एमओ फुस्त २२ दात होते हैं, जिनमें धानेके दांत सूर्य मिहागि मंक्रमित होता है। पापाद माम २४ और छेदन करने के दांत है। इसकी ऊपरकी पापोर यावपमाम प्रारम्भमे यह महीना पनका ।। डादमें दांत नहीं होते। जुम्लाहा-युमप्रदेश तथा विहार पोर यमान का एक स इम जानवर का शरीर देखनेमे ऐसा माल म होता लामधी तन्तुषायमम्प्रदाय। जासितवयिद यिहानी. है कि, मानो डालियोंकि अग्रभागको तोड़ कर खानेके | मेमे बतौका पनुमान है कि, ये पहले मोच श्रेणोके लिए हो रसको सटि हुई है। रणसेवमें विचरण करते | हिन्दू थे, पोछे उच्च येणोके हिन्दुणे धारा प्रत्यापित ममय इमको कुछ कष्ट मान्न म पड़ता है. फोकि मामने हो जाने के कारण पभिमानमे मभी एका माय मुमन. के दोनों परोक विना फैलाये या कुछ घुटनों को बिना | मान हो गये। ये तनयाय मुसनमागमभो एक पुनः सवाय इसका मजमीनको नहीं सकता। के है इसका कोई विगेप प्रमाया नहीं मिलता। मभ. यह पश मुह धांध कर रहता है। समझगड़के चारों यतः माना जातोय नीष नोगाने मुमतमान हो कर परे और चार शुराफा मिल कर पहरा देते रहते हैं। यह बुननेका रोजगार किया होगा पौर मोमिये या रोज. मानयर स्मायमे धीर होता है। एक एक दवा | गार निन्दनीय ममम जाने के कारण, ये पन्याना उच शुराफा १.हाथ जमा होमा है। स्वधर्मावलम्पियों हारा एपित पऔर उनके माय विमा. हिन्दी कवियों ने अपने कार्यों में इनके पारम्परिक सादिमुखसे पशिम एप होंगे। ये गाधारपता पत्यमा मेमका दृष्टान्त दिया है। परन्तु उन्होंने रमको परम दरिद्र लनममात्र देय है। इनमें प्रायः ममी मोग दिया. ममाफ कर पसी सहा है। माप्रदाय के १और समाविमाम जमम्प्रदाय पाचार हरी (वि. सी.) पन्यवर, रारत । प्यारादिका परयन्त यय काय पाटन करतशमुष्ट-