पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४४०

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सूदन-जूता- ३८३ अंदन (हिं. पु. ) बन्दर। मदारी लोग इम शब्दका जट (म. पु. )जर-मंहतो पन् निपातनात् टवागमें व्यवहार करते हैं। माधः। १ अटामतिवन्ध, जटाको गाँठ, ज डा। जूदनो ( त्रिी : जूदनका श्रीलिङ्ग २ जटा. नट । ३ शिवजटा । "भूतेशप भुगपदि वलप- जमुद्रा ( यि०) जो देवर्नमें भोला या मोधा-मादा | सहनदण्टाअटा:।" (मानतीमा० । ४ पटमनका बना किन्तु वास्तवमें बड़ा चानाक हो अपरम भोलापन | कपड़ा। ५ पटसन, पाट। दिखानेवाला धत। |ज टक (म मो०) पूट प्वाचे कन् । के गवन्य जया, लट। जपा (हि. पु.) १मको प्राकृत भाषाम जप पोर जटिका (म.जी.) कारयियेप, एक झपूर । पालि भाषामें ज तम् या जू तो कहते हैं। १ नक्रीड़ा। जठन (हि.सी.) १ उच्छिष्ट भो नन, यह भोजन गत या बाजी लगा कर खेप्ना जानवाना छन। कहा जिमममे कुछ पंग किमोने मुनगा कर पाया हो। है-"जपा बड़ा व्योहार जो इसमें हार न होतो।" | २ भुक्तपदार्थ, वह पदार्य जिसका व्ययभार किमीने जपा खेन फर लाभ उठाना अनियित है, किन्त। एक दो बार कर लिया हो। इममे कोटिपति मी घोड़े दिनमै गस्तके भिखारो हो | जठा (हि. वि.१ उबिष्ट, जिसमे किमीने नाया जात है-गद निशिम है। हममें ऐमो मोहिनो गल्ति है। हो। २ जो मु पच्या किमोज पदामे पाही। कि, जो एक बार हमम फम जाता है, इसके प्रलोभनमे ३ भुता, भोग करके पपविव किया दुपा पदार्य। उमका निकनना ही मुश्किल हो जाता है। इसमें हार (पु.) ४ छिट भोशन, किसोर भागेका प्रचा जाने पर भी लोग जोत हनिको पाया घार बार फम | पा भोजन । रहते हैं, और इमो तर पपना मर्यनाग कर डालते ही (हि.वि.) जूहा देखो। है। इसके जरिये लोग नियमित पोर न्यायमझत उपाजेनमे | (हि.पु.) १ मिरके पानी को गौ। २ चोटो, मुंह मोड़ते तथा ममाजमें तरह तरहको विशनाएं कलगो। ३ मुंपादिका पूना, मुशागे। ४ पगडोके फलात है। न मय कारणो मे पंग्रेज गवम पदने पोका भाग। ५ घाम पादिको नपेट कर बनाई पग्रेजो राज्यमें कानून के जरिये मम तरह के जूपा लिन गडरो जिस पर पानी के घई ये जाते है। होटे नका निषेध कर दिया है। २ एक प्रकारका लम्बा और वर्शका एक रोग। इममें मरदोके कारण माम पत चिकना काह। यह रथ या गाडो पारी भागमें वेगमे निकलतो है पोर मामलेले ममय कोषम गया मधा रहता है और बल सममें कंधे लगा कर गाड़ी पड़ जाता है। पींचते हैं। २ घको फिरनिको, नममें सगो हुई नकही। नही (हि. म्बी० ) जाड़ा दे कर पानेवाला एक प्रकार. नक (ग्रोक Juker पु.) सुनारागि। का पर । रम ज्वरके कई भेद है। कोई रोज रोज पाता म कस-हैदराबाद राज्य के पतराफिमन्द जिलाका एक है, कोई दमी दिन, कोई तीमीदिन पोर कोई पीप छोटा तालुका यह निजामाबाद जिले दक्षिण-पथिममें ! दिन पाता है। जो वर रोज रोज पाता है, हमको पम्पित है। बकल ८० वर्ग मोन पोर लोकमच्या अहो, मरे दिनवानेको पतरा, तोमरे दिनयालेको मायः १५०८८रममें २२ गाँव वमे है। मालगुनारो, जिरा चौर बीघे दिनयाको चौथिया फाते हैं। कोई ५१.) .। मनेरियामे यह रोग पैदा होता है। जी। जज (हि.पु.) एक कस्पिन भयर जोय : मोगजम (म. वि. ) । १ गत. गया पा, पीता सहकोको उराने के लिये इसका नाम लेते हैं, शोषणापा २ पासट, पीपा पारदा, दिया पा। लझ (Eि'• सो.) युध, मड़ाई, झगड़ा। जत ( पु.) १ अता। २ गड़ाता। अझना (Eि Eि) महना । २ रपव मारत्याग अता (Eि.पु.१पादवाए. पान, रहो, जोड़ा। करना, मरकर मर जाना। । पाग दे। Vol. VIII.99