पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४४१

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२५४ भूताखोर-जूनागढ़ जनावार (fe'- वि०) १ जो जता खाया करे । २ निलन, | जनग्बेड़ा-राजपूताने के अन्तर्गत माइयार रान्धका एक ' देण्या। प्राचीन नगर। यह नदोलामे कुछ पूर्व एक नवे स्थान में जति ( स स्त्री० ) जू वेगे-तिन् । अति यति जूनीति ! पा प्रयस्थित है। बहुत दूर तक फैले हुए भग्न टेके १९७१ इति निपातनात् दोर्घत्व। १ वेग, तभी। स्तूप देने से मान्न म पड़ता है कि यह प्राचीनकान, २चित्तके दु:खितामाय। एक समृद्धिंगाली नगर या । प्रभी भी बहुतमे मन्दिरीका गसिका (म स्त्रो० ) ज त्या कायति कैक, ततटाप ।। भग्नावशेष पड़ा है जिनमें से ४ प्रधान है। जूनरोडाका कपूरभेद, एक प्रकारका कपूर । पर्थ जोर्णनगर है। कहा जाता है कि नदोला नगरके । जनो (हि बो०) १ स्त्रियों का जता । २ जू ता । पहले यह नगर स्थापित हुपा था और यहां पशि. अतीशारी (म्तिी०) जतो की मार ।। पानियों ने गिरम नदोला म्यापन किया। वहकि साधारण ज तोखोर (हि. वि० ) १ ज तो की मार खानेवाला।। लोगों का विश्वास है कि हमके पहले यहाँके पधियामो २ निर्मब्ज, मार और गालोको परवाह न करनेवाला। किमी एक योगी के कोप से नष्ट हो गये और उन्हीं के शापसे जतीपाई (हि. स्तो०) विवाहमें एक रमम । इममें यह नगर भान अवस्था परिणत हो गया है। जा पर कोयरमे चम्नता है तो म्बियां घरका जूता जूना (पिं० पु०) १ मोम पादि बाधनेकी रसी। २ . छिपा देती है और जब तवा जतेके लिये वर कुछ नेग | फन । नहीं देता तब तक वे उम नहीं देती हैं। जो नतिमें | ज नाम्खा तुग़लक सुग़लकवंगोय एक बादशाह । बध की वहिन होतो हैं वे हो इस कार्य को करतो हैं। महम्मदशाह तुगलक प्रथम देशो। २ तेको छिपाईमें दिये जानेका नेग। जूनागढ़ १ बम्बई विभागमें गुजरात के अन्तर्गत काठिया. न तो पैजार (हि' स्तो०) १ ज तोको मार पोट, धौल ! वाड़ गोलिटकल एजेन्सीका एक देशीय करदराज्य । यह धप्पड़ । २ कलह, झगड़ा, लड़ाई दंगा। | अना० २०४४ मे २१ ५३ उ• पौर देशा. ७० मे २ जून ( June )-यूरोपोय एक मामका नाम, अगरेजी वर्ष पूमें अवस्थित है। यहां हटिश गवई गटका एक इन्च का हा महीना जो ज्ये उ मामके लगभग पड़ता है। कर्मचारी (Political agent) रही है। इसका क्षेत्रफल यह प्राचीन रोमका चोथा मान है। कोई कोई कहते ३२८४ वर्गमीत है । इसके उत्तर वद पौर शान्तार, पूर्व हैं कि, ग्लाटिन जुनियरिम् ( Junioris) अर्थात् युवक में गोहेलयाह पौर पशिम तथा दक्षिण पर ममुद्र ।। शब्दमे इस नामकी उत्पत्ति है। भोर किमी किमोका भादर और सरस्वती नामका दो नदियां प्रधान है। यह यह कहना है कि, स्वर्गको ईश्वरो जूनोदेवी हैं, उनके | हिन्दू, मुसलमान, ईमाई, जैन, पारमी, यहदो पादि नामका रूपान्तर लाटिनमें जुनियाम है और इस शब्दसे जातियां बाम करती हैं। जूनागढ़ में गिरनर नामकी राम नामकी उत्पत्ति हुई है। यह मास ३० दिनमें | 'एक गचो पर्यंगणी है। जिसको धो चोटोका पतम होता है। हम महोने सूर्य कर्कट राशि | नाम गोरखनाथ है। यह चोटी ममुद्रपृष्ठ मे २६६५ पुर मंक्रमित होते हैं। ज्येष्ठ मासके अन्त और भाषाढ़ मासके ऊंची है। इस राज्य में 'गिर' नामका एक विस्तीर्ड प्रारम्भको ले कर जुन माम चलता है। भूभाग है जिमका अधिकांश घने जङ्गलसे परिपूर्ण है। जून-मिन्धु पोर शतद्गु नदोके मध्यवर्ती फरक्षेत्रमै रहने किसो किमी जगह छोटे छोटे पहाड़ है। फिर कोई वालो एक जाति। उ प्रदेगमें भट्टो, शियान, करुन | कोई नगद इतनी नोचो कि वर्षा शास्तमें यह जलमग्न पौर काठि जातिका भी वाम है। काठियावाड़ हो जाती है। इस राज्यको महो कालो होती है। किन्तु काठि पोर वे जून दोनों हो देवर्नमें दीर्धाति पौर कहीं कहीं दूसरे रङ्गको भो पाई जाती है। यहाँ रहस्य सुन्दर तथा मम्मी चोटो रक्त है। येनंट पीर गाय ] 'सोग खेत के निकट तक खाड़ी काट कर जन जमा रखते . भैस पादि बहुत पालते है । | और समय पाने पर पावश्यकतानुसार उसी जलमे