पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४४२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सूनागढ़ ३८५ पयवा कुएंके जन्नमे मगक भर खेत मींचते हैं। देते है। नयाय १२ मन्य है। नपाके मरने यहांको अन्नपायु स्वास्थ्यजनक है; किन्तु गिरनार पर उनके बड़े लड़के हो राज्य पाते हैं। दत्तकपुत्र पर पहाडके स्थानको छोड़ कर और मन जगह चैवमामके शरनेका इन्हें अधिकार है। प्रजाका जोवन पोर मरा मध्यकालमे याषण माम तक यदुत गरमी पड़ती है। नवावकी इच्छा पर निर्भर है। ये पदरेज गयौ गट ___ इस राष्यमें बुखार पीर पेटका रोग पत्यन्त प्रवल के माय सन्धि पायद है, गत म सरह है, कि उनके है। यहां ययेट पत्थर पाये जाने और यहां ररनेयाले । राम्यम सतीदाहकी प्रथा न रहे पोर वर्षाकान प्रथया मायः इन्दी पत्यमे अपना मकान आदि बनाते हैं। दूर किमो प्रकारको विपत्ति के लिये जितने जहाज दम राम्धम रुई, जी पीर ई व बहुत उपजती है। उनके वन्दरम नाय उतने के लिये किमी प्रकारका कर वेरावल वन्दरमे कई बम्बई भली भाती है। यहां तेन सिया जाय। पौर मोटा कपड़ा तैयार होता है। मुसलमानों के प्रभुत्वका पूर्व निदर्शन पभो भो इम देगीय वाणिज्य के लिये उपकुम विभागमें बहुतमे ] रायमें वर्तमाम है। यद्यपि जुनागढ़ नवाव बरोदा बन्दर है। मब पानी नहीं पड़ता तब इन धन्दरेमें नाय | के गायकवार पोर हटिग गयम एट के अधीन है, तथापि पादि निरापदमे रखी जाती है। वहां जितने धन्दर हैं ये काठियायाड़के छोटे छोटे राज्योंक शामनयामि और उनमेमे भगवन्त, नववन्दर और सूतापाडा ये ही तीनों तलवी पाते हैं। यह जोर ततो वे अपने कर्मचारोमें मधान हैं। वस्न नहीं कराते हैं वान् काठियायाइस्थित यः __राज्यम बहुतमी बड़ी बड़ी मड़में है। जूनागढमे लाटके मारेज प्रतिनिधि अपने कर्मचारियोंमे यस्म गेसार, धोराजो तया मंगधनको पोर जो पड़ के गई है। फरा कर नवाब पाम भेश देते हैं। ये ही बड़ी और प्रधाम । प गड़के उतनी बड़ी सूर्यकालमें जुनागढ़ सुराष्ट्र या पानी के हिन्दुपकि घोर मधाम नहीं है। वर्षा के ममय भिम पोर टूमरे । अधीन था। पडाममाग गजस्तनि यस दिन तक समय में जिम महकमे गाड़ी घोड़ा जाता है उम मड़क दम प्रदेग पर राज्य किया था । १४० ई.में पर होकर सामान्य सामान्य पान के पदार्थामे मदो ६ मदाबाद के मुलतान महमूद वेगाने रम प्रदेशको पधि गायी जातो है। जूनागढ़में ३४ विद्यालय है। कार किया। मम्राट पकमरके रामल पानमें उनके जनागढ़ बहुत प्राचीन मान है। यहाँ इडुतमो। गुजरात प्रतिनिधिने उप राम्धको दिशो मामायके प्राचीन कीर्तियां पड़ी है। गिरनार पहाड़ पर पन्तर्गस कर लिया। पापानम् ममाट, प्रकपरमे पछुतमे जैन मन्दिर है। दशम बन्दर पीर मोममाघ | गुजरातके शामलकत्ता नियुक्त होने पर जमागदको पपर्ने सोर्यका भग्नमन्दिर विशेष विस्वास है। . पधिकारमें लाने के लिये एक इये। जूनागढ़का दुर्ग' काठियावाड़म बटुममे लोटे छोटे देशी राध्य पत्यमा प्रमिह था। पहले कोई भी इस पर पाक्रमप मिनमे जूनागढ़ की प्रधाम है। १०७ ई० जूनागढ़| करनेका माहम नहीं करता था। पा पाजमन पापाजमनेम पर के सामनकर्ता पौर पदारेजों में पहले पहम मन्धि दुई। पाकमण किया मही, शिन्तु दुर्ग में पतमा पायथ्य यहाँके राजा मुमनमान , उनको उपाधि 'नवाब'. जमा या. उन लोगोको पिसाम या कि, दुर्ग पोय रन मन्मानके निये मरकारकी सरफमे ११ तोपें दागो मोमे दुर्ग के रसकीने पहने पाकमप कारिणको पधी. जाती है। नता मौकार न को। म ममय दुर्गम १. तोपें थीं। १८८२० सादुर गांजो जूनागढ़ मिहामन पर प्रतिदिन पनेक बार वे गोमा वर्षय करने मगे। पी. बैठे। इनके परकी गवयों पोदोके गेरवा भाडोरम पाजमने कोई दमरा रायम देख कर एक बार यश प्रादिपुरुष है। जूनागदके मवाव टिम गवर्मेण्ट म्मान पर पतमो तो भैनो पोर वहाँमे गोना पंप पोर गोदाके गायकवार को वार्षिक १५५.४) १० कर) हरनेकी दी। लगातार गोमा राममे दुर्ग.