पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४४९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सूम- .. में 'पोटा' और 'दाहन वगैरह करते हैं। पार्वत्य है। जमशेत माधारणता मतमे मिले ऐ र प्रदेगौम प्रायः ममी झाति १मो प्रणालोमे खेतो फिलहाल गवर्णमेण्टका ध्यान जान्नको उतिको तर करते हैं। गया है, इसलिए यह प्रथा पत्र प्रायः उठ गई है। योमके प्रारम्भ पर्वतके पामका कोई एक जङ्गल भूरगढ़-घरारप्रदेश के अन्तर्गत बुलडाना जिले का एक एन लिया जाता है। फिर उमे काट कर कुछ दिन प्राचीन ग्राम । यह चिकमोके निकट पयस्थित है। यह सुपाया जाता है। सूख जाने पा उममें भाग लगा | एक हेमाडपन्धी मन्दिर विद्यमान है। दी जातो, जिमचे पड़े घड़े पेड़ों के मिया सब कुछ जूरा ( हिं• पु.) जमा देसो। अल कर भग्न हो जाता है घोर तो यया, जमीन भी ३४ अरो (हिं० स्ती.) १ घाम, पत्तो या टहनियों का एक पाल नीचे तक जन्न जाती है । भरमादि यही पड़ी। बंधा हुमा छोटा पूना, जी। २ एक प्रकारका पक्ष रहती हैं। ऐमा करनेमे उम दग्ध ममिको उर्वरता बहुत , वान। यह पौधाक नये बंधे १५ कर्माको गीले मन- पद जातो . तिस पर भी यदि बामका जङ्गल हो तो में लपेट धीमें तल कर बनाया जाता है। गुमरात कहना ही क्या है। कभी कभी गम भागामे ग्राम पादि । कराची प्रादिक्षे खारे दलदल में होनेयाला एक सरका भो जल जाते है। भाड़ वा पीधा । इमसे क्षार बनता है। ४ सूान यगे. __ महान जन सुकने पर अगिट पदग्ध काठाटिको ! रहके नये का जो वधे होते हैं। हटाकर उममे घिगव नगाया जाता है। इसके बाद जरी-(भग्रेनो Jury, लाटिन 'नोटा'Hurata, पर्यात किमाम(या शुमिया) लोग गावमें जाकर वीको बाट देखते | शपथ शब्दमे ज रोको गम्दको उत्पत्ति हुई है। यह रहते हैं पोर नम पाकाश घो यादल दिखलाई देते हैं, जो पदासतमें अज माय बैठ का मुकदमाई, सम तो पुत्रों के साथ खेतमे हाजिर होते हैं। हर एकके फेमले में सहायता करते हैं। जो कहनेमे, पंभियोग हाधर्म एक एक खुरपो या दाती तथा कमरसे धामा | मम्बन्धी शिसो विषयको सत्यताको खोज करने अथवा ... वाजरा, पाम, लोकिया, कुम्हड़ा, तरबूज भादिक किमी विषयकी मीमांसा करनेको जिन को मामय पोर थीज बंधे रहते हैं, जमोनमें हल जोतनको जरूरत जिन्होंने पपने कर्तव्य को न्यायपूर्वक पालने की प्रतिमा महो पोर म दानो घलानेयी। पुरपामे ६० (शपय) को है, ऐसे निर्दिष्ट मख्यक कुछ घक्तिशमा पंगुल गहरे गड़ कर उनमें योग डाल कर बोध होता है। माशे ढक देनेमे ही काम चल जाता है। इसके विचारकार्य में जरी ( सभ्य ) विचारक महायर बाद ही यदि एक मार या धो जाय, तो बहुत हो जल्द स्वरूप हैं। विचारक सम्पप विषयको पोजन कर पे उपा पाते हैं। यह कहना फिज न कि यदि मकने के कारण सम्भव है पन्यान्य फेमला कर दे। यादो पाशे तर फमन कोनो पोरी मे ये दूना तिगुना लाभ प्रतिवादीको पूरी बात पर नया न रग मकने के कारण उठात। मुमकिन है कि मुकदमाके मम्प विषयको पानीपमा न __ योनों पारित होते ही शुमिया लोग घर छोड़ करम सम्भय है कमो कमो विगेप कारणवत: ऐसौके पास झोपड़ी यना कर रहते है घोर अंगनो इच्छापूर्वक पन्याय विचार कराइमनिए जिममे ये जानवरी उपद्रवों में पतको रक्षा करते हैं। मममे पहले मष दोप न होने पार पोर विचारक धारोकोमे विचार यावषमाम पाजरा फाटा जाता है। इसके बाद ता कर सके, जरो उनकी महायता करते हैं। तरको गमी पेक्षा होती है और पाने धान तथा पोर गले पड़ने पहिले पइस शिम ममय जो प्रया. पौर प्रमाज पफते । मार्मिक मामा कपास होती है। प्रवर्तित एमका पता मगाना माध्यम रस तोमे १२ योघा जमीनमें ४५ मग धान, १२ ममी कहते १-पांनो मापानी (Angi sare कपास, तथा वासा, तर पादिकी पैदावार होती! on) ममयमे यह प्रया प्रारम्म दुई। पोर किमो