पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४५०

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नरो ४.१ किमोका यह कहना है कि. नानान गर्न महमें । स्वत्वाधिकारी और निमकी वार्षिक पाय १... हो म विचार प्रयाको मृटि को यो। कुछ भो हो, ऐसा कोई भी व्यनि सरोका मभ्य हो सकता है। विग. दूमरे नरोके गलत्यकालमे पडते गले गहमें जरी रक, पादरी, रोमन शायनिक मम्प्रदाय के यात्रक, विचारप्रथा मम्प गरूपमे और मर्यानोनरूप प्रचलित ! यकोन, पोपविता. नीमनानी, भृत्य गरोफर्क कर्म नहीं हुई । गुरुपात रोके विचारले जरिये यया भारी पोर पुलिमा मिपाही ( कान हिल) पादि अभियोगका तथ्य निर्धारित होता या पोर मात हेनरी जगै मभ्य नहीं चुने जा मकते। . राजत्वकाल तक जू रोका विचार साचो ( गवाही के प्रत्येक गिर्जा मध्यस उम गिजाक पमानजी विचारका नामान्तरम्वरूप था। होने के योग्य व्यक्तियों के नामों को एक एक सूची बना कर अभियोग सुनमेमे पहले रियोंको पय वा उमे मतम्या ( भाद्र याग्विन । माम प्रथम तीन रवि- प्रतिज्ञा करनी पड़ती है। मातवें हेनरीके समय तक दारको अपने अपने गिकि दरवाजों पर लटका देते जारी मत्यवचन कहनेकी गपथ करते थे, किन्तु मामाके हैं। म मघौमें किमोवो कुछ आपत्ति होने पर गाम्सि. अनुगार अपित पभिमत ( Verdict ) प्रकट करेंगे, ऐमे रक्षक विचारकगण (Justice of peacr) उमको किमो वाक्यका उमंग नहीं करते थे। विधागलयमें मीमांसा करके मनी पर पपने हस्ताक्षर कर देते। नारी प्रथा प्रयतित होने के बहुत पहले से ही राजकार्य मेमेम्बर मामके शेप ममाइमें यह कार्य ममाम हो जाया मम्बन्धो किमी विशेष अनुमन्धान के लिए जूरी प्रथा करता है। प्रचलित घो। आजकल दीयानी पोर फौजदारी दोनों सूचो पर हस्ताक्षर हो जाने के याद कर्मचारिगण तरके गुकदमो जूरी ठाई जाती है। प्रत्येक रोम उमे डाक के जरिये गरीफ ( Sherir ) कम पारोके १२ सभ्य चुने जाति है पीर ममीको 'मायाक पनुमार पाम भेजतेर पोर निर्दिष्ट पुस्तकम लिखे जाने याद यर मुकदमाक तप्य पोर मर्म को प्रकट की गे, ऐमी गपय रोफ पास पहुंचती है। निर्दिष्ट पुस्तकम निमा उठानो पदतो । माधारण विचारानय में तीन प्रकारको के माम निजे आने समरे वर्ष से जगेनियन जरो बैठतो है, मेमे-प्राण्ड ( Grand ) पर्यात् पधान होते है। मी जगारोमे दमी स्थी के पनुमार कार्य जारी, पेटो ( Petty) अर्थात् छोटी जूरीमको Coोता। m'non पर्यात् माधार जूरी भो करते है) और जो उचपदस्य व्यक्ति भोर गण्यमान्य घ्यामायणे प्रेगन ( Special) पर्यात् खाम जरी। साधारणत: उनके नाम एक दूम) सूचो नि जाति । गरोफ फोजदारी मुकदमा फमनाम प्रधान जूरी मंगठित म सूचो क्वांटछाट कर पाम जगे (Special Jury) फो जातो है। २१ वर्ष मे कम उम्रका कोई मो ष्यति | की तालिका बनाते हैं। अब अगेका पावायझता होतो रोक पामन पर नहीं बैठ मकता पोर । यर्ष मे है, तब विधारक गरोफको पर दे गरोफ जरियों- ज्यादा समसालेशो मी साधारणतः जूरीमें नहीं बैठाया | फो उपस्थित होने के लिए मंपाद देते। गोश माता। प्रत्यक जरी पाम पपनो मुहर महित पय मिष कर गए में जिनकी वार्षिक १०.पायकी की डाकके जरिये (रो-बुकम जो पसा लिपा रहता है, मम्पतिको पषा जिनके पाम २.०रु. पायकी किमी। उस पतेमे ) भेजते हैं। मुकदमे मनमे दिन पहले मम्पतिक पधिकारफा २१ वर्ष या उमगे पधिक ममय शरीफ फायर्यालय में जा कर बरीकी मुमो देवीला तक लिए पा लिपाको पथया जिनका एनका सकती ई पोर जिनके नाम उममे दिर्श ग.किमी मकान १५ या उममे पधिक वामानचिमिट ( झरोखे । कारणमे वादी प्रतिवादी उममें सहमत म सो फार टार)ो, भूरीक सम्परूप सुनेत्रा मकन । मशते । यदि उपयुत कारण होतो भिन शरियाई मपटन मगरमझाम दूकाम पोर व्यय माप-स्पन लिए धमकी भक्ति महीस. एनके माम बाट हर VOL.VIII.101