पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४५३

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. अनुरो पादिदर देश में भी यावो पाते हैं। चैत माम मेरे इसके बाद वे मानवस्य पोरान के प्रकार म... में कमो को मापने पपिक यायो शुटते हैं। पर पड़ा हो कर नारियल, धाम पौर पदी वितरण म मिया मोमवती अमायन्या सया विजयादशमी करते हैं और फुट प्रमाद अपने पाम भी हम के दिन ममे गोटा मैना लगता है। रम गमय शेयन मा काम समान होने पर जिसका गान मवत रहा पाम पाम के ग्राममि की यावो पाते है। मोममतो थमा. है. यह कई एक वाविया पौर मुरली शुमारोफो सपने यामाहे दिन भेजुरी पुजारो मूर्ति को पाल में बैठा डेरे पर ले जा कर गान कगार सवा रुपया कालोमोन उत्तर-गड़ा तोरयः ग्राम धालेवाड़ी | एक दनको देना पड़ता है। देवमन्दिरम ने जाते है और यह नदो में नानादि करा मन्दिरमें प्रवेश करते ममय प्रत्येक यात्रोको दो पैन कर रिमोट पाते । विजया दामोहे दिन वे दन दिमाघमे म्यू निमपालिटोको कर देना पढ़ता है। यम बार कर ठाकुरको पानीमे शारर ले जाते हैं। ठेक, कर गहन पेन तया लिया जाता है। हमारे समय टमी ममय कड़े पायर मादागे और दूपरा ठाकुर मजः यात्री मिना कर दिये मन्दिाम प्रवेग कर सकते। सपने माय बाहर निकनरी हैं। दोनों दल दो तरफमे पा म्य निसपालिटो याद पर्य यायियोंकी सुविधा निये कर गम्त में मिल जाते और यहां कुछ कामा परमार नगर पौर पन्यान्य स्थानों के परिकार पीर सायकर पमियादनके बाद अपने अपने मन्दिरको प्रत्यायतन सपने में खर्च करतो है। . करता ___ मन्दिरको पोर मारो पामद नो पुरोहित गुरक्षण ___पहले अगहन महीने के सयमें एक मत याधिगा| और मन्दिर के तत्वावधारकगण पारी। उमने गुर पपने जघको नम्नयारमे छेद कर नगर में घूमता था। कुछ गायक तथा मन्दिर धमर टूमो भयकयो उम ममय इसके मिमा पोर भो मरा दूसरा कठिन प्रत मिलता। प्रनित था। अभी देवता के अन्य मे मन्दिरका सोपान-1 जो यायो धनो हात र अपनी राय दी एक निर्माण, ग्रामण भोजन, दान, मेपलि चोर कोई दिन पोर ठहर कर कड़ा-पायर पनि मन्दिर तथा कोई पपनी ममानको पानीयन वडोयाको मेवाम | मनहर या ममार तीर्थ देखने जाते हैं। याविका निशुम करते हैं । इमोका पुत्र प्राधिया और कन्या माम्लो पाव भोर देवरीयाका उपसरप छोड़ का मेलम जतमा । नाममे पुकागे जातो है। महीका यशिदान या इतना चोगे विकनको प्रावो है, उन कम्यन प्रधान है। दूसरे पधिक होता है कि किमी शिसो वर्ष २०१३. हजार टूमरे होने पोतमका बरतन पोर तरह के रंगोन सक भोको जाया करता है। वमा, छोटे छोटे लड़कों का पोगापा, पनेक प्रकरणे. पाडोयाक पणा गुरव हैं। याविगण भा कर खिनौने. समवीर प्रादि विकनेको पाती है। याविगत गरम पाई परमें टिकते हैं। यहां प्राय: दो दिन तो पुव-कन्यादिके लिए माध्य पोर जामत दो धार . उपर फर ये यथारीति समस्त पूजादि सम्पद करते हैं। प्रच्छी पछी ची पोर गएका पायपदार्थ परीद कर दूमर दिन मानत पर्य'दाग किया जाता है। बाप अपने पपने घर लौट पाते हैं। भोजनका मागत मनमे थे पुरोहित घरमें उन्हें बिना , मैले ममय गगरकी गुप्यवस्या के लिये १८५८०ी . देतामड़फो बलि देनेमे उमझा पाधा मुड़ काटने जगेमें एक म्य मिमपानिटो म्यायिम पर। मेगा गाने को पोर पाधा म्यु निमपानिटीको मिलता है। ममात होने पर समझे कम पारो यात्रियों की मन्या पार पनि कामांम यानी मोग पाने हो पर ना कर पाते दूकानीको बिक्री के पमुमार गरके प्रत्येक घरमें टकर । राममय उनके मात्र २४ थाधिया चौर मुरती : यस्म करते हैं। याटस पो पाने सो।।दूमरे दिन रातको । ममान दान कर मन्दिर सक होता है। मणिय करी । . . . .मेर ( प्रो.) १ ममूह, यय,। रोटियों को