पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४५६

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जैतपुर-ताराम लेसपुर राज्यका गुरसित नगर । यह प्रचा• २१४५ राज्यको मोमा निपिन हो जायगो ।" १० पौर. देशा० १७.४८ पूमे भादर नही वाम तट] म धातको गुन कर जैसमन गोड़े पर सवार हो पर पम्धित । जनसंख्या प्रायः १५८१८५। भाव- कुल पनुपर्ग माय उमो ममय निकल पड़े। ये पहले नार-गौडान-ज नागद पोरबन्दर रेलवे म ममह नगरमें होगके पास पहुंचे। उन मोगको दूरमे मामम मगी। मरकारी इमारते व है। नगरमे १ मोन, दुपा कि, बहत मप्यक पवारोमो मेना समशी पोर उत्तर भादर मदी पर एक अच्छा पुल है। पग्रमर हो रही है। रम वाहमे ये गोध्र हो वाम जैतपुर-१ युनावगइ के पन्तर्गत एक छोटा राज्य म! भाग गये। इसके बाद जैसमम मेंधा.यादवौके पाम राज्यमें १५० ग्राम लगते हैं। भूपरिमाण १६५ वर्गमील परे। मानानोको समसामे गहा यायोको यसको राजाकै . प्रारोडी पोर ३०० पदातिक मन्य है। पर एक पोटम एक एक घुमवार टोपने मगा। १८१२१ में टिश गवर्म गटने सुन्देनयगर के स्वाधीनता मी तुरन्त यहमि भाग गये। मघा दम्मपतिको पचानक मस्यापक वगालके पंगधर देशरीसिंहको यह राज्य बन्दी कर मनको हत्या को गई। पोछे जेतमनने पढ़ने प्रदान किया। १८४२ ईमें राजा विद्रोही हो कर अंग- हुए सुरमदम, घोहार पोर हारमे शव पों को दूरोभूत .रेजी राज्य पर लटमार करने लगे। मीमे गरजीने किया । लमान पा कर जैसमन यदुत थक गये पोर सम्हें पदय न कर शवशालके दूमरे वगधर सेनसिंहको | घोड़े मे उमरने को तैयारो करने मगे। यह देख प. रामसिंहासन पर अमिपित किया । १८४८ ईमें भेत. घरों ने उनको उतरने के लिए मना किया, पर ठहोने सिनको मृत्य होने पर यह राजा गरज माम्राजाम | उत्तर दिया-"में रसना थक गया कि, पय किमो मिना लिया गया। हाम्नतम मुझमे घोड़े पर येठा नहीं रहा माता म २ जैतपुर मान्या एक प्रधान गहा यह काम्पीमे ०२ मिए ये वहीं उतर प? और वहीं सकतम राज्यको मौन दक्षिण पोर जमानपुरसे १८० मोन उतारने पर मोमा निहारित हो गई। सममने 'रानाको उपाधि म्पिन है। यह एक बाजार है। मिहगज जयमिके | धारण को, दोहानगरमे उनको राजधानो ग्यापित पादेगमे यहां एक सानाय गोदा गया । कुछ दिन पोहे ये दो पुत्रों को छोड़ कर घग मिधार । जसमन-राना जयमलके पुत्र । पिता पुत्र दोनो तुरमद्रममे रमके प्ठपुरका माम राजमि' या पोर यानिटमा पायों सारा विताड़ितो का दौसा भाग पाये थे। यहां पुष्ता समन टीमा एक मार धुनानि यायेमाको मक गव बौने उनका पीछान छोड़ा तो उन्होंने माताजी कन्यामे विवाह किया था। मन्दिर पायय लिया । कुछ दिन बाट गना जयमनको समनपुर-दिमाजपुर जिलेके देवरा परगर्नका एक मर दो गई। गनाको मृत्यु के बाद जेसमान माताप्रधान पनीयाम । या कांकड़ा पार होगे नदो मद्रम मन्दिर धवा दे कर धैठ गये। यहत दिन शीत गये, पर | म्यान पर सपुर राजपयक ममोप पम्पित है। यत समें माताजो कुछ भी मना न दिया । दमरा उपाय एक याजार जिममें सह सर पर विकी। गदेगहोंने पपनी पाय निकाल कर माताजीकी लेतवन-प्राचीन पयोध्या पराग यापरतीका एक पुश करने को उद्यत हुए । उभी ममय माताजीने तमको उपयन । यहा बोहों का एक विहार था। पौरपन्यो में याच पकह कर कहा-"म! Iोपो; तुम भी यह स्थान पन्चना प्रमिह । यस देव बहुत ममय पपने घो परमधार कर गम पोंके विकासनो, म तक रह कर अपने गिणों को पपदान प्रति मायादि तुम्हारी महायता करगी। पास सूर्णम्त पनि परम का उपदेगदे । जिम शिम मायके भीतरमे तुम घोर्ड यर मयार को कर जय (म.. fR) जि-कम कित! *प, जो मोसा मिकल शायोगे, ये पय गप शुम्हारे पतगत दो आयगे | जामई। पर निम अगर तुम सोई में रोग, बरी सान तुम्हार ! माराम (म.पु.) वेटरन रेगे।