पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४७४

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जैन-उजियाल-जैनधर्म ४२८ यपियाम विभत है। यतमानम भारतके प्रायः मभो। प्रचारको गुरू घे (५: । प्रमग्न. पार• फारम गजा नगरी में इनका याम पाया जाता है। मत-मामे पुर्यः १५.. मे ८० तक रिक नधर्म, पनकातमत। विस्तृत विवर मानने पात ममयमे पगिमीय घोर उत्तरोय भारममें सुगनिः लिए अनपर्म शम्द दे। योका, जो पाययकतानुमार द्राविष्ट कहनात घे पोर जमउजियान-माल के परार्गत वीरभूम भिनेका एक. सो त, म पोर निनको पूजा करते थे, गामम मर्या. परगना। इसका क्षेत्रफल १८०२१ यर्ग मील है। इम- . परि था। उम हो ममयमै मर्योपरि भारत एक प्रायोग . मभ्य, दानिक पौर विगेयकामे मैतिक मदाधार पर का अधिकांग पतुर तथा लपिके अयोग्य है। उत्तर- कठिन तपम्यागाला धर्म पति मनधर्म मी विद्यमान पयिमका भाग भरण्य पौर कारमय है। दक्षिण पोर। था, जिमममे म्पटमया मान पोर योदधर्म के प्रारम्भिक पूर्व भागमें उत्तम लपिकार्य होता है। यहां धान, गेह, मन्याम भायों को उम्पत्ति हुई। 000 पाकि गहा या ईन्, मरमा, मसूर पादि उत्पन होते हैं। मगह जगह ! मरसतो तापकनमे मो मम ममय पूर्व जन पपने बड़े बड़े सरोवरके जलमें री फमन होती है। घर ! २२ वोडो, मतों पश्या तोर्यहरों साग, ओ मागे गवर और गाम्न नदो रम परगर्नमें प्रवाहित हैं। दुव. ' पूर्य की प्यों या वीं गताम्दोके ऐतिहामिश २ मीर्य गजपुरमें मव जजको पदाना है। । र योपार्मनाथमे पहने हुए थे, गिता पान के पोर जनपद-दीन अहमद-एक हिन्दी कयि। ये १९०८ १०८। योपा पपने पूर्व के मय गोरी मे, जो टोघं दो गभग यिद्यमान थे। ! फालान्तरमे हुए थे. प्रामकारी पते थे । उमजीयन मधर्म (सं० पु. ) भारतवर्षका एक विषयात पीर सुमाः । यय, भो उम ममय भी 'पूयो' या पुराणों in पीन धर्म। वर्तमानम भारतवर्ष के मयं हो प्रधान ! माचोम तीर पर प्रमिपोर मओ युगामारों मे विलास प्रधान नगमि इग सम्पदायके नोगका बाम है। एय पानसम्म दाग कगठम्य धने पात घे, माम म या धर्म कयमे प्रचलित पा, इस विषयका निर्णय घे। यह विशेषतया एक अन-मम्प्रदाय था, जिमी करमा फठिमी मी किन्तु दु:माध्य बिग्यास , उनके ममत वीरों पोर विगेट कर मा कोही विहान नाममन माह फरमाते कि, माती वीगनाम्दोक २४ सोय कर महायोग्ने, जो मन ५८८.५२६ मसाप्दाम नधर्म का प्रचार हुपा (१)। फिर ये बीमाई पूर्व ए.नियमबह का था। यह सियों दूसरी जगह नियत कि ईमाकी २य ताप्दो हो। ( माधुणे)का मत सुरम्य पाकदिया ( Baktria) और जनधर्म दाक्षिणात्य टिगोचर पाया (२)| पुग. मिण (Dacin) ग्राण पोर बोडधाम जारी रहा, पिर नफाई मायका कहना कि.मी. वीमा हिमपाती Stuiy म. पोर Sacreal ताम्दो माधण पोर यौहधर्म के मंघर्षणगे मधमकी! Binks of the last, V.l. II पोर XI.VE सत्पति (211 डा. जोय मा बुरमरका कदमा कर रहा ef धर्मावलम्बी मतः ही जनियाँ मोहर मको सम प्रमाग मिले १. उनमे मी. मापपी वयमको पुष्टि करते हैं (8)। प्रमिह विद्वान धर्म को पानिज नहीं कर सकी। यि पfe फोरमुला मत कि, पनीर महापौर सौधर्म का एमालोन जैनधर्म का जमाई बपतमे पयो पदममे मानम पाहि, मागही २.५ वर्ष परवे (या मामे ५२० वर्ष परमे) Wihanmunderintention, mnisar Sucatrinctintingteadn.xxxi. Bhultantn 180 10028. IntatSEvered Centert..', Tesairat Vol. VIII. ICE ..