पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४९६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

जैनधर्म प्रतिपादन तथा वन्दा पौर बन्दनाको विधिका वर्णन ; दोष दूर करने के लिए दस प्रकार प्रापित पादिहा - है। प्रशिक्रमण प्रकोप कम द्रव्य, पेव, कास पाटिम, यन। (गोम्मटमार श्रीवास) . . -किये गए पापोका गोधन वा प्रावित प्रादिका वर्णन र युनका ममि: वि मिपा गण। है। वनयिक प्रकोण में टीम, मान, पारिया। यह राम पर पोर चतुर्दश की पचरमाला तप चोर उपचार, रन पाच प्रकार विनोका वर्णन है। दिगम्बर जैन गानोंक पनुमा निमो गई है, पीर । BATE को करें जिन अनादिको क्रियायो ११ ममय मुम सो गये जो कुछ भो म माइमाम करने विधानमा पाया परहन्त, मिर, पाचार्य, ममय नपमय पर का मित्र मार मात्र सपाध्याय, मम माध, मिनभम. जिनप्रतिमा, जिन- ज गताम्बर जैन न हो ना पंग मान और बएम ( वा शास्त्र ) पौर जिममन्दिर, इन नौ उनमे फुर मुद्रित भो हुवे में परमा टनको पदया मी देवतापोंको वन्दना के लिए तीन प्रदसिया, सीब ही कम। पवमति दार पिरोनति (पा मम्मक नवाना), यार गृहका मान दरोस प्रमाण वनस्पताल पायरा इत्यादि तया निन्धानमित्तिक क्रियाका प्रपप शुतको युग कह रजी भाष गुनका कारण। १७म दग कानिक प्रकोण कम मुनियोई पाचार मम्प युतधारा दूप, गुण और पर्यावर मिय गोमर शहिका वर्णन है। महराध्ययन प्रकी कम मसि पदार्थीका-धमभानी भनि-मत्या नाम पार प्रकार उपमा और याम प्रकार पगेवर महनेका होता है। जैसा देवमसानों द्वारा प्रयतमाम मार विधाम मया इन फनकायमाटम कम्पयावहार समो प्रकार गुरुग्राम बारा पोच नाम होता है। प्रकोप कम मनिया माधुपीके योग्य पाथरपका विधान पामा प्रधिष्ठिम गुमामानी परिमापरणादि पौर योग्य पाघरपनि पा दन प्राययितका वर्णन ममम्त न्युन टवाग का नाता। उपायुत प्रामा ६ कम्पकस्य प्रकीर्णक विषय. कमाय पाहि पागम पार में भो, गगम प्रथमानुयोग, २य हेय पोर वैराग्य पाद पादयोफा वर्णन है। १५म करणामुयोग, ३१ परमामुयोग पोर यं यानुयोगम महाकल्प प्रकोपको डायट महनम पादि सरित नि.) चार पयोगीको नेगियों चार पेट समझना चाहिये। . फल्यो मुगियोंदिया, शेय. कान पोर मावरे योग्य म प्रयमानुयोग विहिगाहापुरुषका परिवा विमान-योगादिकपारणका तया म्पविरकपो मुनियोजितने मासेन पुरा पार पौरापिका पादर. को दोधा, गिधा, गपपोषय, पामम'करप, म नुमा । २ सय प्रथमानुढेगमें गर्मित मुम्बा पुरापोपी सतमा पानगत उमर पाराधनायीका योर मामान्यत: मत को मक। अंन पुगतापोर १२ पुरी प्रकोप कम पार RAN देशो० पायाम कुद ये 2-पाटिपुराण, समाज, प. मुत्पत्ति के कारप्पभूत दाम, पता, सम्परप, पकाम पुगप, हरियापुराण, पाण्यापुरा, गोपामचरित, मिint, मम्मत, मंयम आदि पोर देवासापादग्या प्रगपरित, यामिनराधम्म वादिय, इस्पादि। विभकामना महागडी को में श्य करपानुयोगमा मोष, ममोर पोर पसोड म. प्रतीक पारिको लत्पतिक कारपभूत नपपरपाटि ममी पावसामो हिमामा. मध्यमोशन, पनि। १४ा निमितिका प्रकोर कमें प्रमाणित | तमुट पाटिको परिमाप पाटिमा पो. • चार प्रदे-मनमा.. मी nिREAST- YRITA Re १ शायरन , aster, t iमोर मा मनिरादुरी सर, ur, PRERA IN ! मोर ERENar. उमर ले वोन Hist-atksre, thes १d lake R ecा पोषो SmaRTER, TETTEmirpur antI । --