पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/५१७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

वेन मी म । (३. मम्ममियाय- दूशी जो पमिमाया होती है. उगे. मोम fr सुद्धयम माई मानकापोर पयाम-कान पारोमग मायक माहिती पशाम सोसा मामा माप-दी गु मिमें ये गाद सीर, मन्द और मदतर-मे धार पार भेट | मगम-ममे ए शेय, धमे ममिप्यत्व करता । सर मापको मनमानुषन्धी और मीत्रको सीमो माया पामार मन्या मायनी घातक है। स्वास्थान, मन्दको मायाममा मन्दारको मममम . ' पारिवमोचनीय (सपायरेटनीय)-(१) हाप करतापनस मार (अमर)का कारण नो त्रिम उदयमे ईमो पाय, बमको ना करने मिधार, उमदे माथी रहनयाने परिणामी (गो) (२) गति-निम में उदयमे विषयोंकि मेवन करने । को पनमानुगन्धो क्रोध-माम-माया मोम करी । माना पामरता को यारति कमाता है । (३)/ पनशामुषन्धी कपाय सना हो ताकि परमि-तिमे पिपरीस या उन्टी गलतिफा नाम पनि हटास पगरको नकीरमे दिया जामा पर्यात हिम 1() गोफ-जिम दामे चिनमा पोर गोकादि। प्रकार पत्या पर सकोर गीधर्ममे या भरमा गरे को जगे गोक करते।। (५) भय-मिमझे उदयमे मिटती, उमो प्रकार पमनानुयभो पाया नगी . यह भय (4) शुगुमा-जिम उदयमे हुए कम भी मजमे (विना पपना फन दिय) पपने दोपौला पालकाटग पोर पम्य के कुम जोमादिम महोते। पमन्यायामका दरजा हममे एक मोपा दोष प्रकट करने का मायोपयवा पयता, निराकार है। पाग्यावान पर्यात् यो सागको मापामार पा ग्नानिरूप भाव उत्पनी. इगे शुगुमा करने का करें या रो, न परिपामा ( भाय:) को पाया. .) जोयेट-शिम उदयमे पुरुप माय रमप करने ग्वाम शोध-मान-म.या नोम पारा मी प्रकार कोरमा, पोपट ६ (८) पुषपद-त्रिम ! यायाम पर्वात सर्व रयागको जो पावरप होना वृदयमे मोमे रगने की हो. यह पुरुपये । महामन नही होने , सम परिपका नाम PAT . मनकद-जिमई, उदयमे मो घोर पुरुष दोनोमि । म्याम सोध:मान-माया मोम। पोर ओमम माय उमगेको मात्र हो, या ममपद। को प्रकाशमान र पर्याय दिन होने पर मयम . पायमोहमोय (कपाय दोय)-पायवेदनीयले प्रकापमान पाकरे, एमे सोध, माग, माया मोका दए, जिनमें बोध, मान, माया पोर मोम ये पार परिणामीको चमन शोध माम माया-मोजते । मुस ) झोपकयाय-शिम उदयमे पपने पोर रमसा मेसोमा प्रायमीयको १५. पाहि पात पाप के भार (परिणाम ) तथा पर! तिया . पपज्ञार कर पभाप भाव ना भूरभावीपमेन मोरको सोम प्रति मा पमशानामा जोध कपाय का ।(२) मानपाय-जाति, कुमसोध, मान, माया, पोर मोम. ये प्रतियां ममता नम्न मर्य, विपा, रुपनप और शाम सादिक गर्व मे / धाम करतोपर्यात मला या परी ए ममत तर नया पगमे मनोभूत न हो परिणाम म होता। पीर मोमबार मानो, वाभाषको मागमाय ।) मापापा-1 माम, माया, मोमो में शायद ग्रामी, पम्पको ठगनेकी रमा सो कुरिमता की जातो. प्रधाग्यांम फ्रोध, मान, माया, मोमो भयो AERY • म मा ४) भोगापा-पने पार मोंने योर मन मान, माया, म . Re RTRAIT:- बनारसना-1 , मोर, मर भाभE : HT, Tinागा . art ५ Ter E RITER, . Her, RCM MERRIERR, माम मोर मर भी पर - - - Lim - e- -ram -- -- - - -