पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/५६९

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११६ बैनधर्म मट सम्बन मोर मुशागे मगा । म बाद ए म अमानार--य! मगार "" मार पाट गार्मागे युग योजितम्भगानगे नाम पश्या वेगाना ने भो यो मानाNiti यापना को पार नियमित म बोगारणपूर्व इस पूजा पोरोम RRET भोने पर कानकोfrat मो . माम पुखका माम प्रकार का है। मस-"यो %3B बाई गोरम ले कर पूर्यको पोर मुकर है। ... नामर करोमि नामा आयुगगी का मुंह की तरफ मोना चाहिये। पापा सा मामा अष्टोतरमायामियाना मा भाज्ञों हो पाटोरोने दूध मान घो-मिगे मोर दुमो में दो भात में मामा " पनन्तर पाधायं वानरको करपरले दूध-भात शनको मुभी ये पोर गिरो पागोवाट का हायं ममान करें: मय-दिगर : भात पिनाये। मन्त्र इस प्रकार - मोरया महानामागीमा। सिमापदमागी भा। परस. . यो मुक्तिशा बा मोरयामि Jire मामामाभागीना।" मगनु भनुनी साहा।' प्रनमार प्राचार्य "या. मो दिन म चाहि ममय कर्णवेध करना चाहिए। रामागो मर। जियागतमागी गम" कह कर मामको मव--0 को घोल कर्णवेपन (पालिका : भागीर्वाद देखें। मटिग गमागत बन्धुयर्ग को मोशन होगी 'नागारोपने करोमि म मि आउ सा माता" कराना चाहिए । (जन-आदिपु. ५०१८) म पहिर्यान मसार---यह मकार २१, श्य पथया, ११म व्य हिमकार-जिस दिन पान का पूरा पक्ष पर्य माममें किया जाता।यहमफार शतपत एवं पर्ष का होता है, टम दिन यम फार किया आता राममुहम भी किया जाता है। प्रथम हो धानकको है। इसमें कोई निर्णय किया नहीं होता। यर । पान विचौर पुग्थानयन पढ़ कर मिसन मारें।। पूर्ववत् सोम किया जाता है और मन्य पद का पागी. फिर साम पणमे समलित कर, पिता या माता उमेर्याद दिया जाता है मन्त-उपनयनमापन गामो गोद ले कर गाजे बाजे के माय जिन मन्दिर जायें। यह ' भव । बायानपानमानी नया गुनोनयनमागो पेटोको जोन परतणा दे कर मार नमकार पौर। । पुरेमापनमा गम। परयो सापादि करें। अनार "नों नमोते मगर जिनः । भव। पौषगमनमा । महारापापनमा भाकर तय मुसलमामि दीर्घायु कुछ फुरसा" भव । परमगपादनमागोभ । भाम्लिराम इम मयको पढ़ कर मानकको योमिनन्द्रदेय दांग नमानी भर।" (ना पुराम -९०) । पर थाट पागल माजी का प्रयोग प्रकारमश पौनकम यायाय मंसार-TE Ear मकार पर कार्य ममाम करे। (जैन आदि० ११९०.९२) · १, ३य, ५म प्रथमा र वर्ष सम्म जोगा। मनिपा मस्कार-या मकार पांचव मनि After मोता है। मम धामको ठश्वगन ( ३ ) कराया लिपियान मार यर मजार ५३ar जाता है। होम प समादि घाद यागुपए. महिनाय. जय किया तमा। १ भमुहताना नागनाथ, माय और यमाग एन पांगमार मोर्या पाया पायगायनमा दिमा पानी निका की पूजा करें। फिर चापन, निल, र. मंग, दहट और पूजा को, फिर गुरु घोर मा पा र . अगदमो नदि पोर उस पर एक यस विधा कर नियमानुमार कीमण्यार शाम की सामादिका की ( प) दामनमे बिता । विहाना का घोर यापन पर विद्यालयां । - प. मिपामा शाकमुश्पको दाग या पदयतापामो AAPATI reOfRपाल!" TRधामरकोपारती गार यो पूर्व पई प्रदांग करा मारा furt रहार्य मन करे। .. वागुरु मम मारहार में । (HEARTrans.-१४) मा या गुममाययको पापि Er .