पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६०९

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वोंक . , . . 'पमाटा-सा गेमयुत, 'म पार्य र पौर काले देयम गमको साधारणतः पाpart मामी जसोमायुधा-रम्यनुपको भाति कच! पारस्य देगम नेन । मन गहमें रम निथ (Isri) 'गमन झाग विवि धोतो। गोपन्दना-गोवा कहने। जो नामाप्रकारकी पोर इनमें पान पंसिर दो भागों विभोर वोट मग मम्मी पम्य सना पधिक कि मरमा देव धामो पोतो है : कवरामारन (१) भानीको । नेमे यही निषय होता है कि ये भिम जातोय है.fry .. मो. इमिग हिय पौर उधम होता है। मामुः। प्रशमिगत सादृश्य कारण इनको एक गामि पर द्रिक- पोर या पातवर्ण पौर विचिव पुष्यातनि भुज किया जा सकता है। यूरोपोय प्रापिमानि । होती है। मनुपा गरीर पर न विपास जोकोंके माधारणतः पानलिष्ठा ( Annolitla ) नाममे मा . काटनेमे टट स्पान फ.न जाता है, पुजनो मतो है । उन्ने म किया है। परन्तु येरन कुपियर नामक किमी भूच्ची, श्यर, सार, यमन, मनमें विमति भाव पौर गगे विहानने पाननिडा पोर माधारण tकको विभिन , रमै पयमयता पा जातो। येणोका बतलाया है। पालिका आतिको पेक्षा फार निर्विपजीकों में कविना टोनी पाका घाटे मे है, परमा माधारण जौक किमी दमरो शोको यण मम:गिमाणित जमा है. पोठ मूग जमे रंग। निकाले हुए त्वागत योजकोपमे पंदा होता है। कुछ को और चिकनी होती है। पिन्नाका गरीर गोला। भी हो. 'पानिडा' नाना योणियाँन यिमर पोर उम कार रंग कुछ समाईको लिए पिन और गति शोध जाति के प्रति किडिना ( Hirulinitine ) होती है। गा मुका रंग यकृत नेमा और पाकार येग्गीमे उन्ना (Bilela ), हिमाडिमा ( laomarti. दोघं से सण मुंह सोश होने के कारण बहुत जल्दी un), मांगुहेमिष्ठगा (Sanguisuga) पाटि लोक प्रत्यय शरीरम विष्ट हो जाता है पोर थोड़े ममयमें बहुत होती है. नो भित्र भिव म्यानाग-कु. माफ पानी, ज्यादा बन पोता है। भूपिकाका पाकार और रन हे | कुछ मुनपर पानीम और फुछ जल सन टोनी बार मा तथा इमका गरीर दुर्गन्धियिगिट होता है। याम करतो, हैं। येध मोग विगप विगेय व्याधियांगो 'पुपरीफमुरबौका रंग मूंगजमा पोर मुह पाके ममान गात करने के लिए समय समय पर जिम गोकों का प्रयोग .! मारिकाका गरोर चिकना संग पद्मपत्रको | करते हैं, वे मन रमो हिडिमाइडि योगाके पसगर भामि पोर मम्बाई १८ पनाम है। हैं। इस भातिको नाक भारत के नाना म्यानेमि गा • सनुसज्ञा मा कि, विपात मत्स्य, कोट, भक, ! प्रयाह परपूर्ण जनागों में पायी जाती है। . . मय पर पुरोपके मड़ने पर तम गन्दै पानोम नोक पैदा ___घोगदेगमें मेभिगमि नामक एक प्रकारको हो । होती है. यह मयिय तथा जीप, टरमान, मनिन । जिसकी धमढ़ी कई रंगोंमे रनित। मोनदेगले 'कुमुद, मेमपन, कुयमय, पुण्डरीक पीर गेयात मड़ने | पर:पासो मान्टन प्रटेगमें एक प्रकारको लोक देखने में पर उम गिRA जलमें पैदा होती है, ना निर्यिप है। पासो है, शिमको सम्बाई फुट है। गलवार . . . हममें जो समयान्गीन रख पान करतो और अधिक | गृपमें ममुद्रगे करीय ५०.० फुट से म्याम मशी. भोजम करतो र सया गीर भो शिमका यष्टा , उन्हें टिगोचर होती है। पर्यापटगुम जाँके ज्यादा होगा मिनिममममा पारिये। ययग, पापना मा पोष्ट । पहतो। म ममय किमी यम्यमदेगी भगत कारनेगे दिवो यामम्याग। ये धेतों पर मुगन्धित कामे मारे माशोदम पा आती है। बहुत पहले ही अमनियाप किया करमी । मी म्यान सम्मोन्दिप लोक पोर ममले गुलाम वापित थे। परयो भनी और मम मोमी (मुरा गरम्यान ) पमि भी किका यम देपन पामा है। . रमभमान पर भो नम आँश देवी पाती कि को पग्यम्स बगैमी पोर कुष्ट मनुका साकार . है। मिव भिव देगौम एम नाम मी भित्र भिव! पानवानी।