पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६३१

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जोषोष-जौगड़ रह नहीं सकते, मनिये ये जोपीमठ में पाका रह जाते पक्षा० २६. ७ नया २७°३० पोर देशा. १०.१ है। 'जोपीमठ के वासुदेय, गरुड़ पोर भगवती मन्दिर ; एवं ६७° ४७ पू. के मध्य पवस्थित है। वफल . भी उखयोग्य है । जोपोमटका दूम माम ज्योतिः । वर्ग मोल भोर लोकमच्या प्राय: ५२२१८ है। ममें :- धाम (भ्योतिनिङ्गका वसतिस्थल) है। . . , . ८७ गांव हैं। जोही सदर है। मालगुजारो पौर मेम .. जोपीष- एक मुमतमान कवि । इनका कविता मम्बन्धीय कोई १ लाख ५० हजार रुपया है। पयिम पञ्चन . नाम मुहम्मद इमन या मुहम्मद रोशन था । ये पटना | कोरयर पवत है। । . . . रहनेवाले थे और मम्राट गाहपालम के समयमें विद्या | जोकना (हि० कि) फह हो कर असे स्वरमे कुछ . मान छ। कहना। जोट, (म' वि०) जुप सच । मेवक । नोंची (हि. स्त्रो०) गेह या नीकी फसलमें होनेवाना सोच-जुम्म देखो। एक प्रकारका रोग । इससे बाल काने हो जाते है । जोड़ (दि. पु० ) कचा तालाव । और दाने निकलने नहीं गते ।। जोहार ( पु.) अभिवादन, वन्दन, प्रणाम। जोराभौरा (हिं पु०) १ किले या महलों के भीतरका मोनिया-यत नदीके तटपर रहनेवाती राजपूत कुम्लो। वह गहरा तहखाना जिसमें गुम खुजामा पादिरहता अब एया जाति । जोहिया. दहिया और मङ्गलिया। है । २ दो बानकोका जोड़ा। धादि जातियां वहत दिनोंमे इस्लाम धर्मको मानने जो ( हि पु०) १ एक प्रमिह पनाज पोर उसया पोधा। लगी हैं। इनकी राग्या कम है। किमी किसोके । जिसका दूमरा नाम यव है। गव देना। मतमे जोहिया लोग भारतवयि ३ राजवंश २ पञ्जाधर्म होनेवाला एक पौधा जिमको सचीनो एकतम वंशोग्य हैं, और कोई कोई यह कहते है कि । टहनियोंमे वहां झाड़, टोको वगैरह बनाये जाते है। । ये यदुर्भागोय है। कर्नल टाड साहयका करना मध्य एशियाकै प्राचीन ध्वंसावगेपोंमें 'इमकी टहियो । है-ये जाट जाति अन्तर्मुश हैं। यदुका उत पर्वत मिली है, जो भम्भवतः परदों के रूपमें व्ययहत होती . पर इनका वाम था। मोरीवंशीय चितोराधिपतिकी। थो। ३ एक तोलका नाम। यह ६ राईके वरावर महायतार्थ राजपूतांक ममावेग कालमें ये जङ्गलटेशाधिपति होती है। कहकर उलिपित हुए हैं। हरियाना, भाटनर और (क्रि. वि. ) ४ जय । (अव्यय) ५ यदि, पगर। नागर ये तीन प्रदेश जङ्गलदेश कहलाते घे; किन्त नौकराई (हि. मो.) मटरमिथित जो, 'जीका टैर, 'अव उन प्रदेशों में यह जाति बहुत घोडीहै। गोद जिममें मटर मिला दुपा हो। रोने बीकानेरके स्थापनकर्ता गठोरवंशीय पराक्रमी | जौख (हि पु० ) मुह, जत्था, फोज । पोकाको सहायताले जोहियाको पराजित और विताजीगढ़-मन्ट्रान प्रान्त के गन्नाम जिलेका टूटा फूटा मिला। ड़ित कर उनके ११०० ग्राम अधिकार किये थे। ईमा| यह प्रक्षा. १८३३० ओर देगा० ८४ ५. पू.में को १५ यो शताब्दीमें यह घटना हुई घो, किन्तु इम | पिया नदी के उत्तर तट पर स्थित है। पहले . ममय तक ये पूरी तरहमे भगाये न गये थे। पक- या प्राचीरवैरित विशाल नगर था। दुर्ग के 'बर राजस्वकालमें भी ये गिर्मा प्रदेगमें नमीटारो करत मध्य भागमें प्रस्तरफलक पर वीद सम्राट अशोक के 'घे। कुष्ठ भी हो, इस घटनारे यशस पहनेमे हो ये १५ अनुशासन खोटित है। ऐगे पनुशासन मन्दाज नीने दुपायम रहते थे। यहाका अनुमान है कि प्रान्तमें दूमरे स्थान पर देख नहीं पड़ी । किले। यावाद्वारा लिखित जिन टा और या लोहिया ये दीवारों के भीतर महोश पुरामि धर्तन भोर सुपर बहत दोनों एक जाति है। . . ... म गतीम्दोको बतमी मुद्राएँ मिनी । मोमो-सम्पर मास के लाइफामा जिनका नासुको यह महीके नोघे दया मा एक प्राचीन मन्दिर 'भो पानि :