पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६३६

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जोनपुर ममय पर याद प्रा. जानेमे दोनों फूल जलमग्न हो जाते । नदोमें बड़ो बही नावे पातो जातो है। इन मन नावों में है और बहुत दूर तक धावादी कट जाता है। १७७४ | अयोध्यामे पनाज धादि नाया जाता है। ई०को बादसे इस जिले को बहुत क्षति हुई थी। १८७१ जौनपुर जिला मंगोजी शासन के समय भयोध्या ईको बाढ़ मवसे भीषण थी, जिसमें नगर के प्रायः | गवर्मेट के अधीन,धनारण प्रदेश के अन्तर्गत किया गया। ४००० घर और पन्यान्य ग्रामों के प्रायः 2००० घर जन्न १८१५१ में यह जिना इलाहार विमाग, मिन्ना मग्न हो गये थे। दूसरे दूमरे स्थानोंको तुलनामे यहां लिया गया। यहां एक मजिष्ट्रेट और कमकर, एक प्रनाटि पटिक नहीं होती है। १७७० में जिस मोरगट या पमिष्टे गट मजिस्ट्रेट तया और दूसरे दूसरे तरह इस जिले के चारों ओर अनासष्टि और पनकट ) अधीनस्य कर्मचारी रहते हैं। यहाँ २३ डाकघर है हुआ था. उसो तरह यहां भो था। किन्तु १७८३ और और प्रत्येक रेलवे स्टेशनमें तारघर है। इस जिले में १८०३ ईको अनादृष्टिमे यहां टुर्भिन नहीं हुआ। विद्या को उबति बहुत कम है। यहाँ देशी, परयो पोर १८३७-३८के भीषण दुर्भिधमे जोन र सभी स्थानोंसे इरा पारमो भाषा मिखाने के विद्यालय है। पंगरेजो भाषा भरा था। १८६०.६१६ का दुर्मित दुपाक जोनपुर बहुत जगह सिखाई जाती है। यह जिला पांच तहमोन तक पहुंचा न था। १८०४ ई. को बंगालमें जो भया- और १७ थानों में विभा है। केवन जोनपुर नगरमे ही नक दुर्मिक पड़ा या वा घरा नदीके उम पारके | म्युनिसिपालिटी है। प्रदेगमें भो व्याप था. कि तु . जौनपुर इस दुर्घटनासे इम जिन्न को वायु सष्टि होते.मे चारहो महीने ठण्डो अलग ही रहा। १८७७-७८ ई में पनाष्टिके कारण | रहती है तथा ग्रोमादिका मो पधिक प्रकोप नहीं है। रच्यो - त्यादि नहीं होने में यहां दुर्भिक्ष हुआ था | १८८१ ई. सक ३० वर्ष का वार्षिक दृष्टिपात ५१.७१ और १८८६ तथा १८८४ ई० में इतनी वर्षा हुई कि सारी इच हुमा है । यहां पाठ अस्पताल है। फसल वर्षाद हो गई। २ युक्तप्रदेशके अन्तर्गत जोनपुर जिलको एक मह. दुर्भिधसे पीड़ित मनुथोंको सहायता लिये | मोल। यह पक्षा• २५३७ मे २५५४३० और देगा. गयटन रिनीफ वर्क | Rolief-rork) म्यापन किया | ८२२४ से २८१ ५२ पूछमें पवस्थित। भूपरिमाण था और इसके निकटस्थ पाजमगढ़ में मम्प ण वर्ष २८० वर्गमोल पीर लोकमस्या प्राय: २६८१३१ है। हष्टि होतो रो। इमोसे कोई न कोई फमम्म उपज हो ममें ७११ ग्राम पर दो गहर नगते है। तहमोसमें आतो थी जिससे वहां के लोगोंको पक्का कट भोगना इयती जौनपुर, बियालमी, रारो, जाफराबाद, करियात, दोस्त, खुपरहा भोर तप्या मोमू माम मास परगना पाणिपादि-जौनपुर कृषिप्रधान जिला है। यहां हैं। अयोध्या रोहितग्गड रतपय इम तामील हो कर को उपज हो प्रधान वाणिज्य द्रव्य है। यरोगेयक | गया है। इसके सिया सड़कोको धत सुविधा है। निरीक्षण नोल प्रस्तुत होता है। मरियाद मगरमें | गोमतो पौर सैनदो तथा पोर छोटो छोटो दूमरो नदिया पाखिन माममें पोर करचूसो नगरमै चैत्र मासमै मेला| इम तामोलमें प्रवाहिम है। लगता है। इस मेले में प्रायः २०२५ हजार मनुष्य एकत्र | युक्त्यप्रदेश पन्तर्गत जौनपुर जिलेका मदर चोर प्रधान सहर। यह पत्ता. ३५:४५१. पौर देगा.९२. अयोध्या रोहिमखण्ड रनपथ इस जिले में ४५ मोन ४१ में प्रवधनखण्ड पीर बहाल नार्य वेटन रिमुग्य सक गया । अलासपुर, नीनपुर मदर, जौनपुर नगर, पर भवम्बित है। यह नगर रेस पारा कलकत्ते मे ५१५ मेहरावस वेससराय माहगंज पोर योनबाई ये सब मौल घोर बम्पाईमे ८०० मीम दूर गोमतो पोर में मदों के स्टेशन म जिनमें पड़ते। यहाँ १३८ मोल पकी मम म्यानमे १५ मोन पढ़ता है। यहाँको मोकमप्या और न मोन को सड़क है। पर्याकारतमें गोमती प्रायः ४२००१ ९ करते हैं, १२वीं गताम्दोको कनीजके Vol. VIII. 15 न पड़ा।