पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६४३

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ज्ञातव्य-जान HIAN ( म. वि.) शायते यत् ना. पातय. सेय. रागन प्रभृति महाया भी उसके १६ भागों पर येय, पगमाय. पोधाम्य । त्रो जाना त्रा मरे, निम ; भाग भी नहीं है। मोरिये गास भामिधिमा । । सानना सोमा जिमको जानना उचित है, वही बातम्या विशेष कामे मिपिह माना गया है। सम मोर मार , ...।मि सादिमम्म गामोम विहित है हि-पामा जातिका पगोर ग्रहण करना पड़ता। . गौप देणे। . हो पफमाय मातब्य । आमा वा अरे AR: बा. भातिकं मध्य परे भाई माय माने गये हैं। यः" परे पार्वयि ! 'पामाको शानका यियय शायते विद्यते स्मात् पापादान | २: विना, .. करो, जिसमें पामा को एशमा नस्य । पारमाको शाप : . . . . . . . जान मम ममम्त पदार्थीका लान हो जायगा, पोफिगातिकार्य (म0पु0) जासोमा कार्य, सत्। जानि । जगत् नाममयएक यमुके जागर्नेमे ममम्त यो कत्तय कर्म। ........ पपीका कानोसा न म एक यसको छोड़ कर भातित्व (मं. ली.) जामि मा । जाति धर्म पृथक पृय वर्षाको जानने की क्या पावश्यकता है। कम वा व्यवहार, बन्धुवान्धयोंको पमिट घटा। १६ एक यही पाना है। पतएव पासा मिया मासिपुत्र (म. पु०) मासोमा पुतः। तत् । १ भातिशा पोर फुट भोजासभ्य नहीं है। एक गोरमका सहका। २. जैमसोयतुर . मायोर भातमिहान (म. पु. ) सास: विटिनः मिहान्तो येन, स्वामीका नाम! ... ... ... ... पदमी.। गायतत्त्वा. यह जो भार पच्छो रही शातिभय (म0पु० ) मम्बन्ध, रिस्ता। .. !' सामना हो। शातिभेद (म.पु.) मातीमा भटः मस्। हामि . पासमार (म.पु.) चास: मार: मासंगो येम, वयो.1 विच्छेद, पापमको फ़्ट । . .. .. १ माररा, वह जो किमो यिष्यका तत्व (मार) जानता जातिमुख ( म०वि०) जाति: एय मुणं प्रधान यश, . हो। २ ज्ञानगोवर. जानकारी। मो०। १ भाति प्रधान । २ जातिके जेमा मुख या माता (म.वि.) जाननेवाला, जामकार । स्वभाव।' ........... भावधर्म याया (मो .) जैनियोंकि प्रधान पदोममे तिमिद (म'.:वि०) माति यति. भानि-विद किए। पक। अनपर्म देखा। . . . जातिमन्त, जो माता या रिसा जोड़ता है। • ... भाति ( स. पु. )जानामि छिद्र दोष फुलस्थिति भाट (म.वि.) भाय। १ जानगोल, जानका11 हिए। वियप गोय, एक ही गोत्र या यंगका मनुण ।। २ मामी, येता। मा धन्य. घामप. गोतो. मपिगडक, ममानोदक पाटि। भारत्व (म.पु.) अभिलासा, जानकारी ।.... . इम पर्याय - मगोत, यावत्र वधु. व, बाम, पंक, शालेय (म'• मो.) शातिमोया, कमंधा मानिन्। गन्ध, दाया. मकुत्य पोर ममानोदक है। जातिके चार कपिज्ञायोफ पा ५१२० जारित्व, बाधक . भेद है-मपिण्ड, मकुन्य, ममामोदक और गोवा । का,या प्ययहार :: ... भात पुरुष तक मपिण्ड, मासमे दम पुरुप तक सकुष्य, गाव (म• को०) भाभीयः प्राय अण। नाम्या : दासे चोदर पुरुप तक ममानोदश माना गया है. किमो भिनासा, जानकारी। , . . . . . हिमी मममे पूर्व कप के अन्मनामप्ररण तज्ञ भी समाजान(म.की.) चा-भाये पद। योध, मनोनित मोदकामा मगोवा । लामशारो। पिगेप पोर. मामान्य पारा पपरोधा मानिलिमा पम्पमा पापानक , मामना । ३ हिमान। पोषिक पोर मायदा मर्म .. "पानिपानि न पागले.RATARIA मामका विषय : रम प्रकार निगा। बुद्धिदमे . हानि TREE मा atest artiy/बानका बोध होता। शान दो प्रकारका :--TET : भातिषिमा कामे त्रो पाप होला ..महत्या और चपमा (भम) निममें जो श्री गुरु और दोप..