पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६६८

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ग्रामिति म अध्यायम यह भो दिबनाया गया है, कि ध्यापक करने लगे थे तब ग्रोशवामियोको गणितविद्या भो शोन 'ऊपर अद्विन्त चतुभुजौका जो अनुपात है, हत्तोंका भो हो यितुम होने लगो। परम्पर यही अनुपात है तया वत्त न ( Spheres)| इस ममय जो गणित घोर विज्ञानगातको पालोचना याम पर प्रति धन क्षेत्रका ममानुपातविशिष्ट है। करते, उन्हें सब कोई ऐन्द्रजालिक ममझ कर घमा पोर Method of exhanstion इममें दिखलाया गया है। अनादर करते । सौभाग्यवा बहुत जरद परप्रदेश तेरहवें अध्याय में दाग घंध्याय के वद्दतमे मिहान्त गणित यास्त्रकी पालोचना लिये एक ममिति मङ्गठित 'नियमित क्षेत्र में प्रयुक्त हैं तथा ५ नियमित क्षेत्रका परम्पर हुई। भरवियोंने पहले हिन्दुओंका विधान सोया प्रहनका उपाय प्रदर्शित हुपा है। था। इमो शिक्षाके लिये अभी उन्होंने शेकवामियाँको जोतिर्विद्या और गणितविद्याको चर्चा भारभ को। ... १४वे और १५वें अध्याय में ५ नियमित धनतेत्रके ८वों मे १४वीं शताप्दो सवा उनमें अनेक जोतियिद परम्परका अनुपात और एकमें टूमरेका पन भानोचित और जामितिविद् पण्डितोंने जन्मग्रहण किया । चोदहवीं शताप्दोके अन्तमें गुरोपमै पुन: इस विद्याको . पशिडक बाट २३० १०३ पहले अपनोनियम पालोचना प्रारम्भ हुई-स्पानियाई पीर इटालीयन ही परगियम (Apollonins Pergarus ) ने ज्यामितिक सबमे पहले परमवामियोंमे यह सोष कर उनके मनु. विषयमें घधिक उति माधन किया था। इम ममय शीलनमें प्रवृत्त हुए। पन्द्रहवीं शताप्दीके घोच मुद्रा- प्राकिमिडिम ( Archimedes )ने पागबोला व पौर कृष्ण प्रथाके भावित होने के बाद अनेक म्यानम पूति अपनोनियम प्रतिक्षेत्र और दोघ वृत्त भाविष्कार ग्रोकोंकी जगमिति मिखाई माने सगी। मोलहयों किया। शताब्दीमें मभी जगह उक्लिएका मम्मान इतमा यदने . उक्लिड के बाद योमके अनेक पण्डितोंने उत्माके | लगा, कि किमीने भी भय लिडको उपक्रमणिकाका . मात्र ज्यामिति पनुशोन्नन करनेका पारम्भ किया । नब | उरकर्पसाधन करनेको टान को। यो तो बहुतोंने योम.देग रोमके अधोन हुपा, तब भो इस देगमें अनेक उपक्रमणिकाको टोझा मोर भनुवाद किया है, किन्तु १ ममिद ज्यामितिविद विद्यमान थे। उनमें से टलेमो. नामितिको मसारता हादि करने या उसका कोई कोई । (७४ ६०में ), पपाम ( २८.५ ई०में , मोलम (५वीं प्रय खत करनेमें कोई भी यमौत न हुए। बहुत मिताप्दी ) तथा ठटोमस (Eutocious) हठी गताग्दो. ममयके बाद कैपलर ( Kepler ने मममे पहले अमी- में प्रधान है। ·मत्वका नियम नामिप्तिमें प्रयनित किया है। बाद म समय रोमकगण पायात्य जगत्म प्रत्यन्त प्रतापगानी डेकर ने मकितिक चिन्ह प्यवहारके विषय में भायेटा गिजात थे, किन्तु गणितमें ये नितान्त पन्न थे। जो गण | ( Tieta )का पाश्फिार देख कर योजिकसमितिका . कता पौर देयनगीरो करते, उन्हीं की गेमगण गणितविद् प्राविष्कार किया... बाद मुहममान नामिति कहते थे। वनुतः रोम प्राधान्यकालमें ज्यामिति विचलित हुई है। यद्यपि परयों ने भी समितिका विधाका किसो सरहका उत्य माधित न हुपा ! केवल यष्टि अनमोलन किया था. तो भी वेस विषय में कोर्ट विथियम ( Barthias ;-के सिवा और किमी. रोमकने विशेप उवति कर न सके। उन्होंने पनेक ग्रोक पन्य- ज्यामितिको पानोपना नहीं कि। फिर वियियाने जो | काकी पुस्तक तथा पक्रिडको पुस्तकशा मी पमुयाद कुश किया मो, या योकयानोका पनवादमात है। किया था। परयो भाषामें पनदिन कई एक पुस्तक रोम मामाग्य के बाद सब पसभ्यगण प्रयन | है, उनमेंमे दमकामके अयमानका (Othoman) हो उठे तया मातीं गमाग्दीम जब मुसलमान मोग पनुषादही सबसे उत्कए। . . . पत्यमा सामर्थवान हो कर य रोपके पनेक रामा धम' .. ११५..म याय मगरक पदेनई (Adelard) नाम Vol. VIII. 158