पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६६९

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ज्यामिति किमो ईमाई मन्यामनि उक्लिड की ठपक्रमणिकाका | स्यानमें इसकी उपसि भी है। ६४० ई. में जय सागरमों पहले मैटिन भाषा पनुनाद किया था। पाकमापा इस ने ( Saracene ! उन्गर पधिकार किया, कम समय . उपक्रमणिकाफो प्रर्गक इस्तलिपि है। . तक भी यह नगर ण्यामिति के गोरवसे गौरवान्वित था। ... सिमसन, फियर पादि पण्डितीने प्रथम ६पध्याय | गोममिति पर्याय मामिनिका जोश जोतिबिंद्या माय : पौर ग्यारह तथा वार अध्यायका पनुवाद किया है। मसष्ट है, उमन हिपरकम ( lipmrehus ), मननम प्राचीन कालम कि जितने अनुवाद हुए थे, (Menelaus ), थियोडोसियम ( Theodovius ) तथा उनका मतिम विवरण नोचे दिया जाता है। टनमि( IPtolenny ) पण्डितीम उत्कर्ष नाम किया है। १। ममम्त पतिडका मस्करण। नीचे ग्रोसके जगमितिकारों के नाम पोर उनके जीवन यह १५०५०म भिनिग नगरमें धारयसमिठ ल्याम- के मध्यभागके समय दिये जाते हैं। पार्टिमे सैटिन भाषाम पनुवादित हुमा था । १७०३ ई में . घेल्स-६०० ई.मे पहले अमिरिमतास, पियागौरम डेभिड ग्रिगोरिने पोक्सफोर्ड यन्त्रमें जो पुस्तकें मुद्रित | ५५०, अनायसोगोरम, इनापाडिम, हिपोक्रो सिम ४५०, की यही मयमे उत्साह है। थियोडोरम, अतिम लिवडेमस थिटेटम, परिमंटियम २ ग्रीक संस्करण । (क) प्रोकसके टोका माहित ३५०. पासि यस. टी २१०, मेनकमस, दिनोसत्रमा उ. १५३३ ई० में, (ख) पारिस मस्करण (ग) वालिन मस्क डकसम, नियोक्ता डिस, लियन, पमिकस विडियम, . सिजिपिनस, हारमोटिमम, फिलिपस, इउसिड २८, . . । सेटिन मस्करण। (१। कम्पनामका संस्करण प्राकिमिडस २४०, अपलोनियस २४०, राटोमानिस १४८२ . में। (२) हितोय मस्करण १४८१ । ३) परयो । २४०, निकोमास १५०. हिपारकस १५०. हिपापिक्किम , भाषामे पनुवाद, कम्पनास और व्यामयार्टि का अनुवाद | १३०, गेमिनस १.०, थियोडोमियस १००, मनियम ई. पोर टीकामहित । (४) तुकामका संस्करण (भिनिग)। टलेमि १२५, पपाम २८०, मिरिसने ३८०: डाइयोलिस, ४ यूरोपीय प्रचलित मायाका अनुवाद । प्रोकम, ४४०, मरिनम, हेसिडोरस, एउटीसियम ५४। (क) गरेजो सस्करण । १५७० ई. लण्डन नगरः सरन रेखा. वृत्त पोर मचीच्छेदके पहले और दूसरे पुनः १६६१ ई० । (ख) फ्रान्सीसो-पारिस . १५६५. पुनः | पर्यायमें वीजाणितका नियम प्रयुगा हो सकता है तथा संस्करा १६२३३ (ग) जर्मन १५६२११५५५ ई मे रुमे । इस नियममें मरलरेखा प्रादि विषयका सा बटुंत अध्याय पन दित एपाया। पामामीने भाविष्कार किया जा सकता है। थोड़े समय . (घ) इतालोय १५४३ड) पोनन्दाज १५० किया | तक उक्त नियममे हो कार्यकलाप निहित होता था, १६.८ (१) सास १७५३ । (इ) म्पेनीय १६८३ ५। किन्तु सब समय जामितिको कठिन युनिके प्रति यमा माधारपतः उतिडका प्रथम छठ पध्याय · पोर | सध्यन ही किया जाता था।पीछे मन (Monke.) विध ग्यारह पचाय पढ़ाये जाते हैं। बहुत दिनोंसे यह नियम जामितिका पाविष्कार किया। परिमै धित विद्या और चला पा रहा है। शेष पंगका अध्ययन करना हो, तो जामिति के किमो शिमी विषय में बीजगणित निरपेक्ष पिलियममनका पंग्रेजी अनुवाद पोर हर्मितका लैटिन | भावमें रेखा, कोग्य पोर क्षेत्रफन मिण य करनेफी भाव- अनुबाद पढ़ना उचित है। बहुनि तसिडका मस्क-श्यकता हुई यो । चित्रशामिसिने म अमायको बहुत रण निकाला है । पर यहां सभोका नाम लिवमा | कुछ दूर कर दिया है। विजयामितिकी सहायताम पनावराक है। अपरके मागका चित्र पोर चतारे परिमाण द्वारा पा. पार्किमिडिम, पपनोमियम, थियन प्रमति पण्डिताने लिजाकी पालति तथा परिमर स्थिर किया जा सकता व्यामितिका उयसमाधन दिया है। शासकजेन्द्रिया । ममकोणविगिट दो मममम्न मेरक पर किमो . 'नगा रस मिपाको उत्पत्ति पर पीर मो-बिन्दुका परिसंघनिमे, उम विन्दुको पस्मिति भीजानी