पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६९४

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ज्योतिषः विद्योमा को टनेमियोंही पदाग्यसामे पलेन्द्रिया । प्रधान है। पालोकमा यसोभवन इनका माविकर नगरमें ज्योमिवियाको त कुछ उति दुई यो।। है। दाने RE सरह यान्त्रिक वाट दारा पाज तक मोतिर्विद्याविषयक तथ्य प्रबरदुरि यति पृथिवीकी गतिको प्रतीक्षार किया है। प्रोको योकी उसकस्यनामे उत्पब माना जाता था, पापात. गतिक सम्बन्धमें इनका कहना है कि यहमण चक्रा- दृष्टिके विरुडभायापय होनेमे लोग महजमें उन पर | पथम पृथिवा चारी पोर भ्रमण करते हैं, समस्त विवाम न करते है। पनेकजन्द्रियारे योतिर्षि टीने नव-जगत् २४ घण्टे में पृथिवीके चारो तरफ एक बार भइतर पर्यवेक्षण द्वारा मौरजगसके विषयको मानने के प्रदक्षिण करता है। इसके मिवा उनके पोर भो करें लिए चटा की थी। एका भ्रमात्मक मती पर उन परवति कालमें माधारण ___मो समय स्थिर नशाका परम्यान, ग्रहोंकी कक्षा मोग विलास करते थे। टलेमी दे। हिपार्कमने जिन तथा विकोपमितिमूनक यन्च मादिको महायतामे तारा विषयों का उग्द माव किया है. इन्होंने उन विषयो का पादिका कीणिक दूरत्व अवधारण किया गया था। उस मिस्ट तरूपमे वर्णन किया है मया बहुत जगह म.प्र. विधानाने पृथिवीमे सूर्य मगठनका दूरत्व पीर पृथियो रूपमे फन निकाला है और हिपाकंसका मत वदन परिमाण निर्णय करनेकी चेष्टा को थो।। दिया है। न ज्योतिर्विदमिम टिमोकारिस ( Timocharis) ___टलेमा बाद ग्रोमर्म जोतिर्विदाको उतिका एक और परिष्टाईनस (Aristyllus ) जो गणना कर गरे | प्रकारमे अन्त हो गया। उनके परवर्ती जोतियो फलित समको देष कर पायति कानमें हिगामने क्रान्ति- जोतिषको पालोचमा घोर पहले से जोतिविदोके पातगति (Precession of the equinores ) का। मिहान्तों को समालोचना पौर संगोधमादि करकेती निणय किया था। पोटोनिकम् (Autolreus) प्रणीत | ताना हुए । ज्योतिर्यि दाविषयक ग्रन्य योक भाषा में सबसे प्रानोन है। के बाद परथियों में ही उभे योग्य भ्योतिथि। समके बाद पूगोमा यिहानोंमे भो ये योनिविदा टोने जन्मग्रहण किया था। ०६२ ६०में परपियोंने हिपार्फम ( Hierarchus ) का जन्म पा(ईसमे | जीतियको पालोचन' कान पारस की! पनिका पत्. १५०-१२५ वर्ष पहले ) ये गणित व्यत्पन भोर मनगर तथा उनके उत्तराधिकारी रुन प्रमोद पोर सुशि उडायन करने और स्वयं ज्योतिषिकी घटना देखते अन मामूनने म विद्याको यथेट सवति पोर पानावना थे। इन प्रायः १८१ सागेको प्रवम्यान निर्देशक करने काफी ठरमाइ दिया था। पोल दोनों ममा. एक सानिका धनाई। घही तानिका प्राचीनतम और टीने स्वयं अतिपिंयाका अनुगोलन किया था। फड विनामयोग्य है । हिपार्कमने भयनचलन पाविकार और भो हो, परवियदि म विद्या विप फुज नवनिम पूर्वतन भोतिविदोको अपेछा म.मरूपमे मय की। कर पाई। यद्यपि ये योक आतिपको पन्चत मात गतिकी कुल जाम हदि तथा सो वर्ष का परिमाणका करते है, तोमो इनको गणना पोर ग्रा-पर्य सणादि निरूपण किया था। इन्द्रनि चन्द्रको गतिको हामहि | पीकोको पपेक्षा बहुत म न होता था। ये, झान्ति पोर उमके उत्को न्द्रत्व, मन्दफल पौर घनशक्षाकी धकता. पातको परिमगतिको चोर भी मसपमे तया परामाश का निर्णय किया। वर्ष की Tropical year ) प्राय मेगड तक एपमें हमो याद प्राय दो मौ वर्ष पोछे पनेन्द्रिय गणना करने थे। पन बाटानी (...) परदियोड • नगरी रमेमोगे अमरण (मासे १३०.१५. वर्ष प्रधान जोनिविद थे। इन्हनि म य को मन्दोग गतिमा पाने ) किया। ये एफ भोलिता, गायक, गनिम पाविकार, कासितको पकतामा निर्णय और पोकी. पोर भोगोनिक विहान धे। न पादिकारीमको मरनाम बहुत पुत: मंगोधनादि किया गा! पदफा परिपम्बन ( Libration of the foen )| हिपाम् समयने सगा हर कोपार्मिक समय