पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६९८

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...ज्योतिष ६३० कारण अपयगका भागी होना पड़ा है। इनके मतमे-1 इमको प्रतिगय उवम को । निउटन भाविभावमें पृथिवी स्थिर है, सूर्य उमके चारो तरफ घूमता है नया जोसिविधान नया नोवम पाया। इमो ममय नयि. ग्रहगा सूर्यके चारो तरफ धूमते हुए पृथिवीके नारों पोर | याके लोगारियम् ( Logarithin ) के हाग जरोनि. घुमा करते हैं। यह मान्तयुति कोपनि कमके मरल | गणनामें बहुत महायता पोर पानीकको गति, परिदोलक मसके घिरा होने पर भी पनेक महापोंका समाधान पादिके पारा ज्योमिक पर्यवेक्षणमें विशेष सुविधा हुई। करतो है । ' टारको प्राहिने स्थिर नसकी एक | कामिनो ( Cnesini )ने रागियफके पालोक ( Zodical 'सालिका यनाई यो पौर चन्द्र के पक्षान्त मस्कारादिका | light) और पृष्टम्पति चन्द्रचरायफे ग्रहणको देप कर निरूपण तथा पालोकको वक्रगति ( Refraction) का उनको गति, गनिग्रहके टो यनय पौर चार चन्द्र पाटि निर्णय किया था। तसे पाविकार किये थे। 'टारको वार्षिक अनुमन्धामादिके द्वारा शिक्षा पा कर निठटनने मयाकर्षण (Gravitation) पीर उमको वेपनर ( Kepler )-ने च्योतिक-मम्बन्धी पनेक मयों का नियमावनीका प्रायिकार किया था। माधारणका 'पाविष्कार किया है। (जन्म १५७१ ई० मृत्यु १६३० विग्नाम है कि, सप्तमे एक पके एए मगेकाको गिरते देख निठटन न मान प्राविकामें मन लगाया था। ई०) इनसे प्राधिकृत नियमावली प्रम भो पलरको नियमायनी (Kepler's Lanes) के नाम प्रमिह है। मभवतः मानष प्रतिभाका डमको प्रपेक्षा मातर पौर पधिक गौरवान्वित पाविष्कार पोर नहीं है। इसके इन्होंने कोपनि कमके मतका बहुत कुछ मशोधन किया मिया निउटनने मूघोच्छे टाकति पय हारा धूमकेतुओंकी है। बहुतोका कहना है कि, इन्हें मध्याकर्षणका विषय गमि. पृथियो कुक चपटा गोनपाकार मया चन्द्र पोर माल म था। वार भाटाफे मम्बन्धका निर्णय लिया था। ___ गालीलियोने (Galileo का जन्म १५६४ ई में पोर | निठटमके ममय फ्नामटिड { Flamstved ), मी मृत्य, १६४२६. में हुई घो) मवमे पहले दूरवोक्षणको (Hally) पाटि ज्योतिर्विदोंने ग्रह, उपग्रह, धमकेतु, रष्टि कर उसमे पाकागमाइलका पर्यवेक्षण किया था। सारा पादिका पर्यवेक्षण कर ज्योतिर्वियाको यस दरवीक्षण देखी। उमति की घो। • गालीलियोने पश्ते टूरयोक्षण के द्वारा चन्द्रपष्ट के बन्धुरः इमके बाद ग्लेगड़में ईमाको १८वी गतादों में स्वफा . पायिष्कार किया था। इसके बाद सम्पति । बहुतमे जोतिर्विदौका पाविर्भाय पाया । म ममय चार चन्द्र, शनिप्रदके यलय, सूर्य मण्डल के फल चिङ्ग दरपोषणयन्त्र का यथेट उत्कर्ष दुपा था तथा पटुतमे मोर शुक्रग्रहको फला पादिक्षा बहुत जल्दो प्रकाश हो | यन्ताको मुष्टि पोर पडगाम्बकी उपसिके कारण क्योति. गया। इन मये मौके प्रवर्तन कारया याजकगण | पिंपाकी मानो उपति हुई थी। गालीलियो पर पत्यन्त दुफा हो गए पीर पाखिरकार | १७११. हर्गनने युरनम ( Uranus ) नामक उनको मत परिवर्तन करने के लिए बाध्य किया गया। एफ नये ग्रहका पाविकार किया था। धीरे धीरे दोंने किना याजकगप किसना हो प्रतिकून पापरप को न पपने ४• पुट मम्मे दावीपणयसको महायताम करें पोर शार्गनिक कितनी मिड युहिया या न दिखावे, क्षयापयको पटा कर मारकापुन देखा था। उन्मान पर पनन्त जगाको प्राकृतिक नियमागलो किमो तर योमम दो चन्द्र, गनिग्रह के पोर भी दो पन्द्र पादिका भी प्रतिहत नहीं समझती। विषय, नीहारिकामा रहस्य तथा इन्द.( Double सके उपरामा रगएड में लोतिर्वियाका युगान्तर . Stars ) और वितारका ( Triple stars)का उपस्चिन दुपा। निउटम (ब-१५४२, मृत्यु १०२० निउनमें बन पाठे भामरामा माहशिनिक पादि बड़े बड़े जोतिवसायन अमले कर | मामसे मापातर मनिसार हिमा (गोलाया) Vol. VIII. 10