पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७०३

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मम मि कि उई मरिमें मंगवेग एपा , तब यो नः विर होते दे। कर भो तया धमक मनो. . उन्होंने एयर पिन लिए टू ए * ध्वरको मृधि की। कारमें ममय होते पुए भी उपेशा धारप फो; रोहि बम गयराट गय याने 'रुण पाने पति हो सोध प्रकट करने में उनका प्रत भर हो जाता। हम इन गरीर में प्रगरिंगा पोर पपी यसमें पूर्व प्रपिट नाद दस प्रजापति देवी जाग पुनः पुनः पनुरोध स्वि वरपरहकर गरे हाय पर रख दिया। फलने जाने पर मो महादेव के प्राध्य यसभागको करयमा म श . उमी अभय कर मारना चाह! को पर रपे चिमा या के मिटिकारक वेदोमा पारागस मन्च पोर मेश्य पार कर रो पड़ गया। उम ममय बरको रक्षार्थ तिका परित्याग कर या मATA कर दिया म योग लिए क पायागया हुई। यौलगन 'नार पारमयित् प्रभु महादेवका व्रत समा होने पर स्वरको जोर दिया। पूति प्रकारमे दक्ष द्वारा अपने पपमानको यात मामम मरने कगमे जोवन पा कर एक घर मांगा। पड गई,उन्होंने रोट्रमा पालवा पूर्वक मनाट पानयम • चरने कहा-"कण ! हे देवेग ! पाप प्रमय हो कर सष्टि कर यनविन कारो उपयुको दाय किया मुझे यः वर प्रदान करें कि, अंग में मेरे मिवा टूमरा पोर क्रोधाग्नि मन्दीपित गानागन एक याण दोहा कोबर नहो।" जिममे दक्ष प्रजापतिका यजम पो गया तथा देव पीर गने सत्तर दिया-"यरप्रार्थियोंको घर देना भूत मन्तमसोकर इतस्तत:भमात करने लगे। मग कर्मव्य है, विशेषतः राम गरणागत हो। सम मके उपरान्त पनि समर्पियोक माय मिन का जेमो प्रार्थना करते हो. वैमा ही होगा। पहलेकी ! नाना प्रकार महादेवका मत करना गुरह किया। भोति गुमो एममाय वा रहोगे. हितोय वर जो महादेवने देवोंके स्तबमे मन्तुष्ट हो कर ज्योहो गरभाव : मी दाग एट एमायह मेरे शरीर दीन होये।" धारण किया त्यो हो मयंत्र मान होने लगा । अम योरुगर्ने व्यरमे या मो कहा कि, "इम जगतम न्याया। उस क्रोधानलगे महादेयको जोगों के मन्नमाधन तत्पर जङ्गम पोर मर्य-तिमि राम किम रस थिंचरण पाया, नम यह हाय ओड़ कर मापने पाया और योग, या करते ६ मो मुनो। तुम अपनी प्रारमाको कहने लगा-"भगवन ! पब में पापका पादेशपामन और भागोम विभत करके एक भागमे पतुष्पदमाणी. फरगा पाजा दीजिये।" महादेवमें उत्तर दिया-- दमर भागमे म्यायर पोर नोमी भागमे मानवजातिकी "सुम जोमी सन्म, मृत्य भोर ओपित समयमै ध्या. भजना करना। तुम्हारे एतीय भागका घरार्या पति | सहप होयोगे । म तरह बरको राष्टि। . ' कुनमें पोर पागिटीग मनुशीमें ऐकाधिक वारक पोर | । मन्साप, प्रावि, सपणा, पापोड़ा पोर जदयमें वेदना घराय नामगे विचरण करेगा। मृतकाम कोट, | ये जरको स्वाभाविक गलिया है। पा मोर प्रथषा पागफनीम पातुर्य, पमिनीमें | . समनस्क एकमात्र गरीर ही ज्यरका पनि हिम, रिया स.पर, सनमें नोलिका, मय रोम गिग्यो 1. गारीरिफ पोर मानसिक ममाप प्रत्येक ज्वरका धाम अंद. पर्व में गैरक, गोम मार पोर पोरकं नामगे | प्रमिह सोकर विचरण करेंगे। रामको देखने या एनेमे झोपगम्भून नि:शामसे सम्म होने पर मापीमा निधनको प्राम कोंग : देयता और मनुष स्यमावत: पितरम, यो कोर पित THEarti मिया मरा कोई राम्हार प्रभायको महम रंगा।" एप सर्व प्रकार सर नितविनाश पारा प्रयोगमा • शाकी उपशिक विपरम पोर भी एा उपाप्यान नमित है। बाग्मटने मी हा सपना यो वाम नामुममें अब महादेव एक भार यर्षकाव और थप बिना गरको दोगा। इसरि सहा पग्रह पम्मन किया ा त मुनि उपद्यममें पीर को पो भरिनारद उनमा पसार करमा १६ किया। म रम्यमादिपने मामा माविमा मरित है। ।