पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७११

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स्वर { TREER पालो ) . जमिनपर और पान मसाला मार पोर पंदगा दूर होती या tri विनिए माना परम | मिसोधिनी दुर्थन रोगी नरमे पास सो विमो पिमा लिए गाभार || कामना होने पर देवदार, यग, कुइ, गोमगार मोर पोर ग्रोसग मानसी । म या पोर मेधा का पलेप मशा यागु की गति कोने पर जापानी गर्म में वायर पद जामा ६ | पदार्याको परमार पोमबार प्रयोग । विस, मावा विषय रहो. तो दाग. नागर । पोर भोग भगोधित होने पर मी यहि मर गम . प्रयोग, पोट पोर टीम जयन्दनो माग पानौम महो पोर गरीर का मोल पनिट हो। राम कर रहा हो जाने पर पोना नाहिबारा ममताको माग होतासीर संग होने पर म. पाहार ममय याम दगी माय पया बना दोपगममो प्रयोग यरमा धालिये, म मामा फर पोगा नापिये। यागजन्य या पधनोका ।जो गेगी यामे सोनोगमा होमी या हामा, यि पाने मोधा. कटको पोर मया सिनन का पेट मनमा emifier कामा नया फान्य विधया का शादा टोपों पागमन नि:मरण करामा मारिय। सवार कि परियार करताहिटोप न य ज रम दि दोष | हो जाने के बाद निदा प्रयोग करगेमे गोश मम पो नि पापन मग कर पानाना नाहिये। जम गृह, पग्निको दि. नाग, यं सयामधि राय होती। ३.मा पोर म मान गोने पर दोपोंका परिवार | पलाम या मान्य गाताधिया कोममे दोन रम, नया रम पयायाम टोय पनुमार आरन याशिक नियमामरम और पम विधेय।। मनमा पोपयोग करें। अमोदिन पीड पोर में मूंगको दानका कानी (नामा भोर या मोदिन पाट पोषध प्रयोग करना उचित धम्मात | अन्य जाम टाटा मंगनी नकाम पर प गरे। । शिराय म रम यो दिनों में पोपका प्रयोग हे माय पाना चाहिये । मानसिक पिम या किया मरमा तमा दीप परिपाक होने पर भो पायो माघ मंगको दानका जम. गाभाभा मोदी मनो। परदोष पोषध जपानकका सम तथा विशरमेमार पटोन प्रयोग करनेमे पुनः जर प्रकट गोता, इम पदम्या निम्म प माघ विनामा चाहिये। कममा परवि जोभन पोर गमभोय प्रयोग करनेमे पियम र कोमा सोने पर विट माय मठा पोना पिine. पारसनीका मन निकलना तो गेकना न पानदीपायगिर, पर मोदित गैगा लिए पाहिगे टाशि पर परिमाको मार प्रती. या वापिस दोगोंड मेरे गा ३३ ग हार करना चाहिये। सोतरयका का मन भोममे नया प्याम या दाल सोनगे भ पोमा समय परिपाक होकरकोटमा पा लागे पर ग्रोई नहरमें पीसी for free दिनाम पर भोलिपन (दस) कराना अगिम सोपजायाको गातपित्तनमा परिए • गोमा बमपान हो सोभा र प्रम कम यमन रोपा दूध दिया था मरता राम पाहिगे। पिताभिस य गिपिन को" एपने म फपिकी ratोग, शिम: mater. मागुमन्य यम्चागु पोर उदायोगदर मरका और पानी का पग्नि तो समझो पर Triकिसि. तणारी पोर पर्दिम वेदना पोम समम दिशा य र होने पर RRE दरोगाग्निमिटरोमोनिए पनुभमन दिया ‘मागेपरनया इद्रियग्राम पंचा माभिभूत जोगे friमियममा शान्ति रममें ! पनमे पनि योर गानिकीमभाषमा tika interrit ममुदाय व ग म पगट Enा प्राम प ER IMNER KI recitart कापमापौर पधन प्रयोग art e- we - - -