पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७२६

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बर १६३ भी उपस्थित होने है। किन्तु बुधवार टत होगेगी भप काहिकावर एक मिटिंट समय पासा पोर नको सम्य मममता है। हम पाडाको कुछ दिन भोगते । निर्दिममय पर मग्न होता है। ज्यर टोही रोगो पहनेमे मोटा पार यसत्का प्रहार पोर कभी कभी अपने को मम्प गं बस्य ममझता है। बुग्यारो ममय उदरामय होता है। ! ४। इस श्याम कभी कभी गागरिक मा रतना प्रकार भेद-मविराम व्यर माधारणत: तोन प्रकार बढ़ जाता है फि, तापमानयन्य का पारा १.५ मे १... का होता है, जैमे-कोटिडियान | Quotidham), तक चट जाता है, किन्तु म तापका मम्प से शाम से टानियान ( Tertian) और कोयान (uartan) | भाता है पोरगेगोको फिर शाड़ा मालम देता। जो जर प्रतिदिन निर्दिष्ट ममय पर पाता है, वमको वल्पविराम ज्वर के लक्षण नामे लिये जाते हैं- ऐकारिक (Quotndian), जो दो दिन अन्तर प्रर्थात तोमरे। १। उस में मदिरामम्परको नाम पषम्या दिन निर्मिर ममय पर पाता उमको बाहिक (Tort. क्रममे और ममभावमे कभी प्रकट नहीं होती। ian) और जो ज्यर तीन दिन पार पर्यात चोये दिन २। गेल्यायस्याम प्रति मामान्यरूप प्रकट होता. निर्वारित ममय पर आये, उमको चातुर्य क (quartan) ! Martant कमी विकुन ही प्रकट नहीं होता। योस या पम्प ज्या कहते हैं । प्रायः देखा जाता है कि, उक्त तीन प्रकार : । कभी नहीं होता। मविराम जमिमे एंकारिक र सबको वारिक ३ गारीरिक उत्ताप ज्यादा देर तक रहता दोपहरको पोर घायंक गामको पाता है। परन्तु । महमा नहीं भदता। घायरमा विमकुम्न वर्गम नहीं पाती। नाना कारणाम दम नियमका कुछ यतिकम भो हो . ___४। म उमरमें जितने भी नष्ट प्रकट होने जाता है। पर नियमित ममय याद पावे तो। ममय ममय पर उनका कुछ जाम हुपा करता है। उमका पारोग्यका मम ममझना चाहिये । कभी कभी ज्यरको मम्प प विघदावम्या कभी नहीं होती। दो पर्यायें एक दिन देखो जाती है। समसको जर। निकिमा- यदि रसपत को जाने के कारण भारमको कर मामको मग्न होता है तथा फिर माम ! ज्यर हो, नो उमके संगोधनमें यमयान होना चाहिये। बाद पारम्भ को कर पगविमें मग्न होता है । म २दि किमी म्यानमें पदापी पप्रथा होने की प्रकारके जरको उयन्न कोटिडियेन करते हैं। मो मम्भावना हो तो उसका प्रतीकार करना विधय। सरह बन्न टगि वेन पोर इयन कोयार्टन ज र भो ३ । झिमियों (Ti-sues) के म रोने कारण यदि देखनम पाता है। मृत्य मिनट यी सान पड़े.तो उपक पोषध पोर यम. मषिरामध्यमे कभी कभी सम्पविरामपरका | कारक पश्य देना पायग्गा है। भम को मफता है। किन्तु तापमान यन्त्र व्यवहार कर ४। यर र जाने पराल मागरिक धन बढ़ा. मेमे मयिराम जयरका महजम निर्णय किया जा मेरे लिए कुछ दिन नक वनहारक घोषध (Tonic) मकता, इम ज्वरका मम्म विराम होता है, किन्तु म्यवहार करना चाहिये। सम्पविराम परम ऐमा नहीं होता। गारिका ___ मविराम ज्वरको तीन पयम्यापको पृयका प्रयक मापको महमा हहि या शाम होना हो मका यिगेप! चिनिमा करनी चाहिये। मसन। मविराम उपग्में निम्नलिपित मान प्रकट रम-गीतनावम्या। लिममे मरोर गीघ्र उमी , उमको थपस्या करना चाहिए. मामा-यगासपामयाम म घरमें क्रमग गेल्यावस्या, उत्तापापस्या रोगीको रजा कम्पन पाटि उदा दिनो पापिये चोर और घमागस्या मममायमे उपस्थित होतो. मोग लिए. गरम पानी. गरमा गरम करा. या २) गन्यायमा रोगोको पत्वमा गीत मानम कर मिमे एए पानी माय पी देनी चाहिए। पदता या पसरवर पाता .. किमु गोतसायमा पधिर ममय तक निंग गंगो