पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७२८

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"ब्बर डोगाका मियर २ घण्टा भनार पिनाना चाहिये। यदि पर पोर उदरामयकी पीड़ा एक माप जो कोठाद रहनेमे निप्रतिषित घोषव मेवन करनी तो नियमिग्रिन मिय २२४ घण्टे पन्तर पिनाना चाहिये। चाहिये। मगनगिया मनफ नार. एमोनिया एमिटेरिम ... १द्रामा नाइट्रिक एयर १५ वूट। भारनाम् इपिकाक् । भानाम इपिकाफ बिममय नारष्ट्राम माई० एमोनिया एमिटेटिम ... २ डाम । टिंचर कामम कम ३० वटा मीराप लिमन ., कानो कपूरका लन मिना कर कुल १ योन्मको एक मावा ., काटिकिट २ घण्टा अन्तर पिलानी चाहिये। मोफका पानी १ योगा ___ रोगी यदि अत्यन्त दुल हो प्रधया ८१. दिनमे | ___एक सुराक। दिममय, टिजर फारनी, टिपर काटि. ज्यर भोगता हो तो पायग्नक होने पर केवलमाव | कित ये पौषधिया उदरामयनिवारक । ४६ दाम Castor oil (डीका तेन ) इयर विच्छेद य-धर्मायया । म पवम्याम ज्वरके पुन: पाक्रमण के समय पिनाना चाहिये। वरका प्रकोप हो, ऐमो को निधारण करनेकी भेटा फरमी चाहिये। रोगोको अयम्बामें विरेचक प्रीपर्क देनेमे रोगो पर विशेष भवम्याका विधार कार पानी मायूदाने, दूधके माबूदाने विपत्ति प्रानकी मम्भावना होती है। या पारारोटको व्ययम्या करनी चाहिये मया रोगीका पटास सादाम ५ ग्रेन। मगेर योद कर कुर्मन पितानो पारिये। परको पटाम एमिटाम् झामावस्या होते ही कुनैग विमाा मफसी । रमक टिंचर मिनकोना कम २० इन्द। प्रयोग विषयमे भयभीत होनेको प्रायश्यकता नहीं। टिंचा कामम कम पयम्यायिगेप में एक माय २• ग्रेम दोभा मकती। प्लार• एमोनिया एसिटेटिम् ... २ ड्राम । जिन ब्वामि कोनाम ( पतनाषया ) होने की मम्भावना कपूर जन्म ... १पोस। हो, उम चरम अधिक कुन म नहीं देनी चाहिये। एक खुराक । प्रायम्फ होने पर ३ घण्टा पन्ना ऐमी पवम्लाम एक या दोन कुमैग, मागडी या भवनोय है। यह पोषध पयवा मियनिषित मिय अन्य किमी उत्तेजक पोपट माय पानो पाहिये। पिनाने पसेव पोर प्रस्ताव में रोगोका मचिम रम } कोई कोई कुन पदले ना. पाम निनिममा प्य. निफन आता। . हार करते हैं। पुराने बुखार कुमनको पपेमा पार्म. मोराप रोगी ... ... १ाम निको व्यवहारमे पधिक फन होता है। या भोजन के पटाम मादाम ... .... ७ न। तमें मेवनीय 8-मावा रमे ८ बूट तकको शोमो है। टिंघर लायामायमम् ... ... १.८।। गरीरके धमड़े का गरम पोर सूप जामा, जोमि गमशा मादिक एयर दौड़ना, जोभका उजसो मफेद काटीमे टक लामा, डिशमन मिन्कोमा मिना फर कुन १ पोग्म, एक ] योजकत्वका मान होना, पचिपुट पर मार मान म पुराक तोम मोम प्रष्ट पारे मेवनीय है। 43मा, पेटमें दर्द होना, विवमियमन, पम्निमान्य ध्या माय मराम यदना हो तो उस पौष न्याटि मतों प्रकट होने पर पाम मिकका प्यवहार पगमें जाती रहेगी। नहीं करना चाहिये। गरोरमें दम तोचि छायामायामनको होड़ मपर्याय स्वर बिच्छेद ममय मे २.म तक कर पन्य पोषका मिकपर पिनाना चाहिये। मानिमिन पयवा से । येन तक मनसेट पाम विदा. Vol. VIII. 167 ..... . . .. . . . .