पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७३३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

६०० उधर पारिका म्यागनमिया मनफाम ... २ ग्रंग। विममय नारदास ५. टिचर सिनामन कम लामा मफिया टपकाया एप पानी एव मिना कर एक मावा । एकद एक माया। उदरामय हो तो इस मिथमेंमे सामागय होनसे निम्नलिपित पीपधको व्यवस्था म्यागर्नेमिया मनकाम निकाल टेनो चाहिए। Syr.. करना शारिये- up of lactate of Iron, Phosphate of lroin विममय नादाम ५.ग्रेन। अथवा Ferri iotide का मेवन कराने में बहुत समय कुर्मन सोधा घट जातोपोर गरोरमें रहका पंग पढ़ता है। पभ विकास __ यसत्को यिदि होने में उम पर गरम पानीका मेंट ~-पोपियार देना चाहिए। उममे फायदा न हो तो सरमौका पनमा एकस एक पुनिया, दिनमें २।३ देना चाहिये। हैं तथा निम्नलिखित मिन्य ३ बार पिलायें- ज्यरको प्रासायस्थामें रोगो क्रमशः दुयल हो कर एमन मिरियस् ... ५ राना यदि अवमन्त्र पयस्याको माम हुमा हो, तो यानकारक ना टरेकमिक्रम ... २० ।। घोषधको व्ययस्था करें। फिन्त रोगों के प्रङ्ग क्रमशः डा. नाइट्दिक हाइड्रोकोरिक एमिड .. " गौतन पोर यड़ी दुर्यन होवे, तो निम्नलिखित उत्तंजक | इन चिरायता - ... पोना. मियको व्यवस्था करें। एकव एक मावा । म व्यरमें कागका प्रकोप को . प्रोट पामोनिएपोमाटिकर ... १५ वूद। तो भानाम् इपिकाकको ५१० वूद और टिधार -~-माइट्रिक ईयार क्याम्फर कम्पाठगह ड्राम, फुनन मिना कर पयया भाइनम् गालिसार ज्यरप्रमियक माथ एकत्र कर मेवन करावा . टिपर मम्क पूर्वानिषित प्रौपधाटि मेवन करके ज्वरमुक होने के यापूरके सम्मके माध मिला कर एक पोन्मको पुराक । याद भी कुछ दिनों तक वनकारक पोपध मेवन करना रोगीको प्रयस्या विचार कर । या १ या २ घण्टा अनार चाहिए। क्योंकि मायरामन्याम रताधिक्य के कारण मेयन कराये। मोहा यदने पर उम पर गरम जनका प्राभ्यन्तरिक यन्चादि विरुन हो जाते ।वर उपगमित पद दे कर प्रथया टिंधर या लिनिर्मपट प्रायोडाइन होने के माय ही यन्यादि म्यामायिक प्रयस्याको नाम नहीं का लेप देकर निम्नलिखित मिय (बर के समय) होत । 'इम अवस्या श्रीपधादि मेवममे विरत रहर्गमे, मेवन करा- पुन: ज्यरको उत्पत्ति हो मकती है। दूसरी बात यह एमन मिरियम ५ ग्रेगा कि पारोग्यलाभके बाद कुछ दिन के लिए स्थान परिवर्सग पटाम ब्रोमा करना पावश्यक है, नहीं तो शरीर भनीमाति मन पटाम झोराम नहीं होता। तोमरे कुनैग सेवन करनेमे ज्वर ४ डि.सिनकोना १पोन्म दिन के भीतर मम्म नरूपण दूर नहीं होगा। यरको . एक सुराक दिनमें ३।४ गुराक खानी चाहिए। पूर्ण नया नट करने के लिए कुछ दिन यम कारक पोषध. ज्यरका येग मन्दीभूत होने पर निम्नमिति मिय का मेयन करना उचित है गन्धया कुनम रावा मतिदिन लोग घार पितामा पाहिए- यर के पुनः प्रकट होने को मभावना रहती है । यर इनन ... .. पेन।। बन्द होने३ धाद प्रतिदिन नियमानुमार एटफिनम्' हा- मनफिरिफ पमिर ... १० यंद।। मोराप मेपन करना चाहिये । 'मिप्रतिमि मित्र करी सरंक प्रेम। (प्रतिदिन सोन शार) मेयन करनेमें भी रोगो गोमो