पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७४८

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३८३ को विति यादि कामयः प्रकागिन मो कर गेग मस्ट , Opinm, morphine, hon, henthine, hemlock को नाता है। पाटिझे प्रयोगमे प्रथम उदे गाको तया धमकारक, म. क्षयचर ज्यादा दिनों तक नहीं ठहरता है। मिमी पप्प, पिण्ड परिकार यायुमेयन, निकारक भाषण धारणमे हम गेगको उत्पत्ति होतो, उमका निवा पचननियारक पौर मकोक पादि पोराहे मेवनमे गप्प यिना किये रोगीका मयु होती है। बहुत दिनांक हितोय उद्देश्यको मिति हो मफती है। परियामा पदा के कारण यदि किमी शारीरिक झिमोका कोरे विचार कर acctate of nnmania सया ncetate निग्माम पंग विक्षत अथवा किमो ग्यानी पूय मधिन ofinorphine मिय, rotnch और chlorate निर्याम वा जटिल रोगई कारण नयनर उपन हो, तो यह रोग तथा माटकटया माय कपूरका यापहार फरें। महमें दूर नहीं होता। गेगो यदि न हो. तो ___Acetate of Amrmonin चोर गुलावन मिना • आरोग्यलाभको कोई पागा नहीं। कर वायहार कानेगे गायोमा पोर पतिरिक घरम विकिरमा-हम चरको प्रथम पोर हितोय प्रययाम | मियारिम होता है। मृदु यनफारक पोरगं चकारक पोपट मेयन करनेमे उपकार हो मकता है। किम घोषध माय prussic acist मिना कर प्रयोग करेंगे टतोयायस्था प्रधान प्रधान उपमर्ग दूर करने के लिए पन्धिाना जातो रहती है। ही पौषध टो जाती है । म पपस्या औषध मेघनमे जयन्वरको भिज्ञिासा पयको जम्फ विपटिपगी पारोग्य नामकी पागा बहुत कम ही है। परिवार चाहिये। भित्र भिय प्रयायाम प्रशय पृया पाहारकी रमिक मिमीको किमी पीड़ा के माय आयवर मंगट वावस्था करनी चाहिये। गधी. गाय पोर यकीका होने पर रोगीको मधु पाहार देन. उमर घाको यायु दुध, मांद साजा मकान, बहत पुगमा रम, मर मियत शुद्ध लें और थोड़ामो incicuanha पीर anolynes मिथित यन्कारक पोषध पिलाते रहे। प्रथया दूध वनकारक पन्याय पाच पोर मगूर फन पादि। पुगमो मे, पोट पाया हामिटेन गराध पोने तिवेचनापूर्वक acetate of ammonia या योड़ोगो फायदा होता है। इम ज्यरको विलेपो उयर भो रक्षा nitrate of potash पोर girit of nitre के माय जामा | cinchola प्रश्या पन्य कोई पोषधि प्रयोग करनी तिक्षाजर (Prrrrrral forer) गभिंगो नो चाहिये । शारीरिक भिमोका परिवर्तन होने पर कभी कभी प्रम करने के बाद हम पर पीड़ित कोमो liquor rotissvic पवा Branii-h's alkaline | solution और conium को व्यवस्था करनी चाहिये। है। माधारणतः प्रमवर्क तोगदिम बाट या प्रकट मोतानया भित्र पाकामि दिपा देसा । डा. यचम्यनगमञ्चमेulplinteofrine, sulphuric acil गया विगेप विप माटश पावधिता प्रमा। गुव ( Dr. Gooch) की कि पतिकार दो मूवागयगत ज्वरक कारणीको दर परत पाद थोलियोनि यिमत है-प्रदाधिक पोर पाधिका हामी रोग पाराम होता है। रम पम्मान सडा (Dr. Rointt liee} पोर फगु मन (Dr. Fargupon) Vठना, यागेरिक और माममिक व्यापति, मादाय भोजन, के मतमे यह चार योपियोंम विभा। मारक का पाना, ममच पोर ममदयाहा खाग देनी प्रदारिक यूरिका पर ( Inflatpatry)- मारिये । पारपोर पनि पदा-मिनिम सन यान्वायरप-प्रदास पोर कभी कभी गयु, पण्डाधार हारकरविरीयसपशारको सकता। पीर मूदागय पादिको उत्तेजना कारण या भर किमोपित पंग गोपाय पथवा प्रदाह । सत्पन होगा। पहने गास पोर कम्प.फिर मा. के कारप एयावर वापर होगा प्रदाह नियानगिमा, मप्रसी विवामाहौशी तगति पर हम जिम सरदमागदापित छपरम पनि प्रकट होता गया विगंप भान रखमा पाइने समाषिक गाय मोम को घर भासामोरे पिपलिया.